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पिता गंभीर रूप से बीमार, नाबालिग बेटी करेगी लिवर डोनेट, अब MP हाईकोर्ट के फैसले पर नजर - Indore liver transplant

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 21, 2024, 3:52 PM IST

इंदौर में एक नाबालिग बेटी ने अपने पिता को लिवर डोनेट करने की गुहार मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ से की है. मेडिकल रिपोर्ट पेश नहीं होने पर कोर्ट में अब 3 दिन बाद इस मामले की सुनवाई होगी.

Indore liver transplant
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ (ETV BHARAT)

इंदौर। इंदौर में रहने वाली नाबालिग बेटी अपने पिता की गंभीर स्थिति को देखते हुए लिवर डोनेट करना चाह रही है. जब हॉस्पिटल पहुंची और उसने लिवर डोनेट करने की इच्छा जताई तो स्वास्थ्य विभाग के नियमों का हवाला देकर इससे इनकार कर दिया. नियमों के मुताबिक कोई भी नाबालिग लिवर डोनेट नहीं कर सकता है. इसके बाद नाबालिग बेटी ने इंदौर हाई कोर्ट में इसके लिए याचिका लगाई.

डॉक्टरों ने दी लिवर ट्रांसप्लांट करने की सलाह

नाबालिग बेटी के पिता गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. उनका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है. डॉक्टर ने उन्हें लिवर ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया है. इस दौरान कोई भी व्यक्ति लिवर डोनेट करने आगे नहीं आया. मजबूर होकर नाबालिग बेटी ने अपने पिता को लिवर डोनेट करने की इच्छा व्यक्त की. इसके बाद जब वह लिवर डोनेट करने के लिए अस्पताल पहुंची तो डॉक्टरों ने उसे अनुमति नहीं दी. इस मामले की सुनवाई इंदौर हाई कोर्ट में हुई.

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अब 3 दिन बाद होगी कोर्ट में सुनवाई

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने लड़की के मेडिकल से संबंधित कोई रिपोर्ट पेश नहीं की. इस पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए कि 3 दिन में नाबालिग बेटी की मेडिकल रिपोर्ट पेश करें. बता दें कि नाबालिग बेटी ने कोर्ट में अपने अधिवक्ता के माध्यम से यह भी तर्क रखे कि 6 साल से उसके पिता लिवर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ रहे हैं. विशेषज्ञ डॉक्टर का कहना है कि 10 से 15 दिनों में यदि लिवर ट्रांसपोर्ट नहीं किया गया तो जान को खतरा हो सकता है.

इंदौर। इंदौर में रहने वाली नाबालिग बेटी अपने पिता की गंभीर स्थिति को देखते हुए लिवर डोनेट करना चाह रही है. जब हॉस्पिटल पहुंची और उसने लिवर डोनेट करने की इच्छा जताई तो स्वास्थ्य विभाग के नियमों का हवाला देकर इससे इनकार कर दिया. नियमों के मुताबिक कोई भी नाबालिग लिवर डोनेट नहीं कर सकता है. इसके बाद नाबालिग बेटी ने इंदौर हाई कोर्ट में इसके लिए याचिका लगाई.

डॉक्टरों ने दी लिवर ट्रांसप्लांट करने की सलाह

नाबालिग बेटी के पिता गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. उनका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है. डॉक्टर ने उन्हें लिवर ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया है. इस दौरान कोई भी व्यक्ति लिवर डोनेट करने आगे नहीं आया. मजबूर होकर नाबालिग बेटी ने अपने पिता को लिवर डोनेट करने की इच्छा व्यक्त की. इसके बाद जब वह लिवर डोनेट करने के लिए अस्पताल पहुंची तो डॉक्टरों ने उसे अनुमति नहीं दी. इस मामले की सुनवाई इंदौर हाई कोर्ट में हुई.

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अब 3 दिन बाद होगी कोर्ट में सुनवाई

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने लड़की के मेडिकल से संबंधित कोई रिपोर्ट पेश नहीं की. इस पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए कि 3 दिन में नाबालिग बेटी की मेडिकल रिपोर्ट पेश करें. बता दें कि नाबालिग बेटी ने कोर्ट में अपने अधिवक्ता के माध्यम से यह भी तर्क रखे कि 6 साल से उसके पिता लिवर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ रहे हैं. विशेषज्ञ डॉक्टर का कहना है कि 10 से 15 दिनों में यदि लिवर ट्रांसपोर्ट नहीं किया गया तो जान को खतरा हो सकता है.

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