इंदौर। शहरीकरण के विस्तार के कारण जंगलों तक पहुंची इंसानी आबादी से वन्य प्राणी भी परेशान है. यही वजह है कि वह अब भोजन पानी की तलाश में शहरों की ओर रुख करने को मजबूर हैं. इस स्थिति के चलते इंदौर में भी तेंदुओं का मूवमेंट शहर के महू मानपुर चोरल आदि क्षेत्रों में लगातार बढ़ा है. हालांकि बारिश के सीजन में जंगलों में ही भरपूर पानी और शिकार के लिए वन्य जीव बड़ी संख्या में मौजूद रहते हैं. इस कारण से बारिश के सीजन में इंदौर में लेपर्ड के मूवमेंट की संभावना नहीं है. वन विभाग के मुताबिक फिलहाल इंदौर के फॉरेस्ट रेंज में 80 से 90 लेपर्ड है जो फॉरेस्ट रेंज में अपनी मौजूदगी बनाए हुए हैं.
2 लोगों की हो चुकी है मौत
गौरतलब है कि इंदौर के महू मानपुर चोरल आदि पहाड़ियों से लगे हुए क्षेत्र हैं. यह वन्य प्राणियों के अलावा तेंदुओं के रहने लिए भी सबसे अच्छी जगह है. इसके अलावा इस क्षेत्र में मौजूद पहाड़ी नदी नाले खाई और घने जंगलों में तेंदुए अपना आश्रय स्थल बनाते हैं. इस क्षेत्र में लगातार मानव बसाहट बढ़ रही है. जिसके चलते बीते कुछ महीने में तेंदुओं ने इंदौर की ओर रुख किया था. उस दौरान 2 लोगों की मौत भी तेंदुओं के हमले से हुई थी.
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बारिश में शहरों की तरफ रुख नहीं
इंदौर के फॉरेस्ट रेंज में 80 से 90 तेंदुओं की संख्या बताई गई है. वन विभाग के डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी का कहना है कि "बारिश के सीजन में तेंदुए वन क्षेत्र के अपने सुरक्षित ठिकानों पर ही पाए जाते हैं. जंगल में ही बड़ी संख्या में शिकार और पानी की उपलब्धता के कारण वन्य प्राणी भी मानव बस्ती से इस दौरान दूर रहते हैं. बारिश के सीजन में इंदौर के फॉरेस्ट रेंज से शहर में तेंदुओं के मूवमेंट की आशंका बहुत कम होती है."