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इंदौर में गायब हो रहे महंगी नस्ल के कुत्ते, जानिए क्या करते हैं डॉग चोर गैंग

इंदौर में स्कूटर सवार चोरों ने पार किया उन्नत नस्ल का कुत्ता, पीड़ित ने पुलिस से की शिकायत

INDORE DOG THEFT
इंदौर में डॉग ब्रीडिंग का गोरखधंधा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में महंगी नस्ल के डॉग भी सुरक्षित नहीं है. उन्नत नस्ल के डॉग्स की बढ़ती मांग के मद्देनजर यहां डॉग चोरों की गैंग सक्रिय है. ऐसा ही एक मामला 16 नवंबर को सामने आया, जब एक महंगी नस्ल के कुत्ते को कुछ चोर उठाकर फरार हो गए. वहीं परेशान डॉग मालिक अब अपने कुत्ते को खोजने के लिए मजबूरन सोशल मीडिया पर अभियान चलाने पर मजबूर है.

स्कूटर सवार चोरों ने पार किया कुत्ता

दरअसल, इंदौर के लेंटर्न चौराहे के पास 15 नवंबर को ल्हासा अप्सो नामक सबसे महंगी ब्रीड के एक कुत्ते की रेकी करने के बाद स्कूटर सवार 2 चोर चुराकर भाग गए. इससे पहले कुत्ते को शाम को गार्डन में घुमाने के लिए लाया गया था, लेकिन पहले से ही कुत्ते की निगरानी कर रहे 2 अज्ञात चोर उसे एक्टिवा पर जबरदस्ती लेकर भाग गए. परेशान कुत्ता मालिक सोशल मीडिया के जरिए कुत्ते को खोजने की कोशिश कर रहा है.

पीड़ित ने पुलिस से की शिकायत

वहीं, इस मामले में कुत्ता मालिक अमित कुमार चौरसिया ने शहर के तुकोगंज थाने में लिखित शिकायत भी की है. पीड़ित के मुताबिक, शहर में इन दिनों डॉग चोरों की गैंग सक्रिय है, जो महंगी नस्ल के कुत्तों को ब्रीडिंग करने के लिए चुरा रहे हैं. कुत्तों को चुराने के बाद ब्रीडिंग कराकर यह गैंग हर साल बड़ी रकम की कमाई करती है. इसके बाद कुत्ते को 20 हजार रुपए से लेकर 40 हजार रुपए तक में बेच देते हैं.'

स्टेटस सिंबल बन चुके हैं महंगी नस्ल के कुत्ते

इंदौर में स्टेटस सिंबल बन चुके महंगी नस्ल के कुत्तों को पालने का ट्रेंड है. यही वजह है कि इंदौर में हर साल बड़ी संख्या में जर्मन शेफर्ड, साइबेरियन हस्की, सेंट बर्नार्ड, ग्रेट डेन जैसी नस्ल के कुत्तों की ₹20 हजार से लेकर ₹50 हजार के बीच खरीदी होती है. अधिकांश चोरी होने वाले कुत्ते छोटी नस्ल के हैं, जिनकी बाजार में डिमांड सर्वाधिक है. पीपुल्स फॉर एनिमल की प्रतिनिधि प्रियांशु जैन ने बताया, ''अधिकांश मामले में कुत्ते चोरी होने के बाद पुलिस आमतौर पर शिकायत दर्ज नहीं करती. इसलिए मालिकों द्वारा सोशल मीडिया अथवा अन्य माध्यम से उसे खोजने के प्रयास होते हैं. शहर में महंगी नस्ल के कुत्तों को न केवल ब्रीडिंग के लिए बल्कि चोरी कर दूसरों को बेचने के मामले भी बढ़ रहे हैं.''

इधर इस मामले में डीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया का कहना है, ''ऐसे जितने भी मामले सामने आए हैं, उसमें पुलिस पड़ताल करके पीड़ित पक्ष की हर संभव मदद करती है. वहीं शिकायत आने पर लंबित मामलों में भी यथा संभव कार्रवाई होगी.''

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में महंगी नस्ल के डॉग भी सुरक्षित नहीं है. उन्नत नस्ल के डॉग्स की बढ़ती मांग के मद्देनजर यहां डॉग चोरों की गैंग सक्रिय है. ऐसा ही एक मामला 16 नवंबर को सामने आया, जब एक महंगी नस्ल के कुत्ते को कुछ चोर उठाकर फरार हो गए. वहीं परेशान डॉग मालिक अब अपने कुत्ते को खोजने के लिए मजबूरन सोशल मीडिया पर अभियान चलाने पर मजबूर है.

स्कूटर सवार चोरों ने पार किया कुत्ता

दरअसल, इंदौर के लेंटर्न चौराहे के पास 15 नवंबर को ल्हासा अप्सो नामक सबसे महंगी ब्रीड के एक कुत्ते की रेकी करने के बाद स्कूटर सवार 2 चोर चुराकर भाग गए. इससे पहले कुत्ते को शाम को गार्डन में घुमाने के लिए लाया गया था, लेकिन पहले से ही कुत्ते की निगरानी कर रहे 2 अज्ञात चोर उसे एक्टिवा पर जबरदस्ती लेकर भाग गए. परेशान कुत्ता मालिक सोशल मीडिया के जरिए कुत्ते को खोजने की कोशिश कर रहा है.

पीड़ित ने पुलिस से की शिकायत

वहीं, इस मामले में कुत्ता मालिक अमित कुमार चौरसिया ने शहर के तुकोगंज थाने में लिखित शिकायत भी की है. पीड़ित के मुताबिक, शहर में इन दिनों डॉग चोरों की गैंग सक्रिय है, जो महंगी नस्ल के कुत्तों को ब्रीडिंग करने के लिए चुरा रहे हैं. कुत्तों को चुराने के बाद ब्रीडिंग कराकर यह गैंग हर साल बड़ी रकम की कमाई करती है. इसके बाद कुत्ते को 20 हजार रुपए से लेकर 40 हजार रुपए तक में बेच देते हैं.'

स्टेटस सिंबल बन चुके हैं महंगी नस्ल के कुत्ते

इंदौर में स्टेटस सिंबल बन चुके महंगी नस्ल के कुत्तों को पालने का ट्रेंड है. यही वजह है कि इंदौर में हर साल बड़ी संख्या में जर्मन शेफर्ड, साइबेरियन हस्की, सेंट बर्नार्ड, ग्रेट डेन जैसी नस्ल के कुत्तों की ₹20 हजार से लेकर ₹50 हजार के बीच खरीदी होती है. अधिकांश चोरी होने वाले कुत्ते छोटी नस्ल के हैं, जिनकी बाजार में डिमांड सर्वाधिक है. पीपुल्स फॉर एनिमल की प्रतिनिधि प्रियांशु जैन ने बताया, ''अधिकांश मामले में कुत्ते चोरी होने के बाद पुलिस आमतौर पर शिकायत दर्ज नहीं करती. इसलिए मालिकों द्वारा सोशल मीडिया अथवा अन्य माध्यम से उसे खोजने के प्रयास होते हैं. शहर में महंगी नस्ल के कुत्तों को न केवल ब्रीडिंग के लिए बल्कि चोरी कर दूसरों को बेचने के मामले भी बढ़ रहे हैं.''

इधर इस मामले में डीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया का कहना है, ''ऐसे जितने भी मामले सामने आए हैं, उसमें पुलिस पड़ताल करके पीड़ित पक्ष की हर संभव मदद करती है. वहीं शिकायत आने पर लंबित मामलों में भी यथा संभव कार्रवाई होगी.''

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