इंदौर। विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर के प्रति लोगों की आस्था का आलम यह है कि अब यह मंदिर प्रदेश के सबसे धनवान मंदिरों की सूची में शुमार है. यहां सालाना प्राप्त होने वाली दान राशि का आंकड़ा करीब डेढ़ करोड़ तक पहुंच गया है, जिससे धार्मिक प्रकल्प के साथ सेवा और चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है. इस बार प्राप्त दान राशि का आंकड़ा डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा हो सकता है. Khajrana Ganesh Temple Donation Counting
अब तक 1 करोड़ 43 लाख रुपए की गिनती
इंदौर के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में इन दिनों दान पेटियों को खोला जा रहा है और नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा दान पेटी में निकलने वाले मन्नत के पत्र आम जनता के सामने सार्वजनिक किए जा रहे हैं. खजराना गणेश मंदिर के असिस्टेंट मैनेजर गौरी शंकर मिश्रा बताते हैं कि ''11 मार्च से दान पेटी में मौजूद पैसे एवं पत्रों की गिनती प्रारंभ हुई है और शनिवार तक एक करोड़ 43 लाख रुपए गिनती की जा चुकी है. आगामी 2 से 3 दिन तक गिनती और भी जारी रहेगी. संभावना व्यक्ति की जा रही है कि एक करोड़ 60 लाख के ऊपर राशि आने की संभावना है.''
दान पेटी से निकल रही विदेशी करंसी
इधर खजराना प्रबंध समिति के मैनेजर घनश्याम शुक्ला ने बताया कि ''दान पेटी के अंदर नोटों के साथ-साथ डॉलर और यूरो भी निकल रहे हैं. विदेशी मुद्राएं भी भारी मात्रा में निकल रही हैं, क्योंकि गणेश जी को चाहने वाले देश-विदेश में मौजूद हैं, इसलिए विदेशी संपत्ति भी दान पेटी में निकली है. साथ ही भक्त का एक पत्र भी निकला है.''
धार्मिक कार्य और समाज सेवा में होता है दान का उपयोग
गौरतलब है कि उज्जैन में महाकाल लोक के निर्माण के बाद देश भर से उज्जैन आने वाले भक्त अब इंदौर के खजराना गणेश मंदिर भी पहुंचते हैं. लिहाजा महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं में से ऐसे अधिकांश श्रद्धालु होते हैं जो महाकाल के दर्शन के बाद इंदौर के खजराना गणेश मंदिर में दर्शन हेतु आते हैं. बीते कुछ वर्षों से श्रद्धालुओं की संख्या बड़ी है, इसके अलावा तुलनात्मक रूप से श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में व्यवस्थाओं के अलावा अधोसंरचनात्मक विकास हुआ है. मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के सुविधाजनक दर्शन के अलावा दानदाताओं की ओर से प्राप्त राशि के जरिए धार्मिक और समाज सेवा से जुड़ी गतिविधियां संचालित होती हैं.