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इंदौर IIT के स्टूडेंट्स का लोहा ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ने भी माना, जानिए SPARC के तहत कैसे करेंगे रिसर्च - Indore IIT collaboration

इंदौर आईआईटी अब ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर एक परियोजना पर काम कर रहे हैं. स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत उभरते वैज्ञानिक व इंजीनियर्स कई रिसर्च पर काम करेंगे. इसके लिए आईआईटी के 10 स्टूडेंट्स का सिलेक्शन किया गया है.

Indore IIT collaboration
इंदौर आईआईटी के स्टूडेंट्स का सिलेक्शन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 1, 2024, 4:15 PM IST

इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) इंदौर और यूनाइटेड किंगडम (UK) की यूनिवर्सिटी ऑफ प्लायमाउथ (UOP) मिलकर रिसर्च के साथ ही कई प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे. भारत और ब्रिटेन के बीच अंतर्राष्ट्रीय छात्र एक्सचेंज को बढ़ावा देने के लिए दोनों संस्थान मिलकर काम करेंगे. भारत की स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ़ अकादमिक एंड रिसर्च कोलैबोरेशन (SPARC) के तहत दोनों संस्थान आगे बढ़ रहे हैं. ये पहल यूके-इंडिया एजुकेशन एंड रिसर्च इनिशिएटिव (UKIERI) द्वारा की गई है.

आईआईटी इंदौर के स्टूडेंट्स का सिलेक्शन

बता दें कि आईआईटी इंदौर उन 11 विश्वविद्यालयों में से एक है, जिसे इस परियोजना के लिए चुना गया है. इस बारे में आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी ने कहा "यह परियोजना स्थायी कंक्रीट निर्माण में भविष्य के शोधकर्ताओं को प्रेरित करने पर केंद्रित है. इस परियोजना में छात्र रीसाइक्लिंग का उपयोग करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को सीखेंगे और उन्हें निर्माण उद्योग में लागू करने के लिए प्रशिक्षित होंगे." इस परियोजना में आईआईटी इंदौर के 10 छात्र और यूओपी के 10 छात्र एक महीने के अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज कार्यक्रम सहित अनुसंधान प्रशिक्षण में भाग लेंगे.

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उभरते इंजीनियर्स के लिए ये सुनहरा अवसर

वर्तमान में इस परियोजना के तहत यूके से 02 संकाय सदस्यों और 08 छात्रों की एक टीम संस्थान में मौजूद है. संयुक्त अनुसंधान, क्षमता निर्माण, परियोजना को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि उभरते इंजीनियर्स को स्थायी निर्माण कार्यप्रणालियों में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके.भारत सरकार स्थायी समाधानों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है. प्रोफेसर चौधरी को डॉ.किम के साथ मिलकर इस कार्यक्रम को डिजाइन करने के लिए प्रेरित किया गया है. डॉ. किम अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में इसी तरह का काम कर रहे हैं.

इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) इंदौर और यूनाइटेड किंगडम (UK) की यूनिवर्सिटी ऑफ प्लायमाउथ (UOP) मिलकर रिसर्च के साथ ही कई प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे. भारत और ब्रिटेन के बीच अंतर्राष्ट्रीय छात्र एक्सचेंज को बढ़ावा देने के लिए दोनों संस्थान मिलकर काम करेंगे. भारत की स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ़ अकादमिक एंड रिसर्च कोलैबोरेशन (SPARC) के तहत दोनों संस्थान आगे बढ़ रहे हैं. ये पहल यूके-इंडिया एजुकेशन एंड रिसर्च इनिशिएटिव (UKIERI) द्वारा की गई है.

आईआईटी इंदौर के स्टूडेंट्स का सिलेक्शन

बता दें कि आईआईटी इंदौर उन 11 विश्वविद्यालयों में से एक है, जिसे इस परियोजना के लिए चुना गया है. इस बारे में आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी ने कहा "यह परियोजना स्थायी कंक्रीट निर्माण में भविष्य के शोधकर्ताओं को प्रेरित करने पर केंद्रित है. इस परियोजना में छात्र रीसाइक्लिंग का उपयोग करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को सीखेंगे और उन्हें निर्माण उद्योग में लागू करने के लिए प्रशिक्षित होंगे." इस परियोजना में आईआईटी इंदौर के 10 छात्र और यूओपी के 10 छात्र एक महीने के अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज कार्यक्रम सहित अनुसंधान प्रशिक्षण में भाग लेंगे.

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वर्तमान में इस परियोजना के तहत यूके से 02 संकाय सदस्यों और 08 छात्रों की एक टीम संस्थान में मौजूद है. संयुक्त अनुसंधान, क्षमता निर्माण, परियोजना को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि उभरते इंजीनियर्स को स्थायी निर्माण कार्यप्रणालियों में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके.भारत सरकार स्थायी समाधानों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है. प्रोफेसर चौधरी को डॉ.किम के साथ मिलकर इस कार्यक्रम को डिजाइन करने के लिए प्रेरित किया गया है. डॉ. किम अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में इसी तरह का काम कर रहे हैं.

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