इंदौर : केंद्रीय कर्मचारियों के आरएसएस से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल होने पर 1966 से लगे प्रतिबंध को हटा दिया गया था. केंद्र सरकार के अधिकारियों-कर्मचारियों को लगभग 58 वर्षो से संघ की गतिविधियों को राजनैतिक गतिविधि मानकर उनसे जुड़ने पर पाबंदी थी. वहीं रिटायर्ड अधिकारी पुरुषोत्तम गुप्ता ने अपने मौलिक अधिकारों का हवाला देते हुए याचिका दायर की थी, जिसमें सरकार के कुछ पुराने नियमों को हटाए जाने की मांग की गई थी, जिससे उनके जैसे रिटायर्ड कर्मचारी भी आरएसएस से जुड़कर समाजसेवा के कार्य कर सकें.
सरकार के आदेश का दिया हवाला
याचिकाकर्ता पुरषोत्तम गुप्ता ने अपने वकील मनीष नायर के माध्यम से इंदौर उच्च न्यायालय में हलफनामे के साथ केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी किए गए आदेश को कोर्ट में पेश किया. इस आदेश में 1966, 1975 और 1980 में पारित आदेशों से आरएसएस का नाम हटाने का लिया गया है. सरकार के आदेश के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारी आरएसएस के कार्यक्रमों में शामिल हो सकेंगे. केंद्र सरकार की और से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के साथ इंदौर उच्च न्यायालय के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल हिमांशु जोशी ने पक्ष रखा.
Read more - केंद्र के रिटायर्ड अफसर की RSS से जुड़ने की चाहत पर कोर्ट में हुई सुनवाई, अमित शाह तक पहुंची बात |
हाईकोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित
सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों पर लगे 58 साल पुराने बैन को हटाए जाने के बाद अब देखना ये होगा कि केंद्रीय कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद आरएसएस से जुड़कर समाजसेवा के कार्यों के लिए कोर्ट अनुमति देती है या नहीं, जैसी मांग रिटायर्ड अधिकारी पुरुषोत्तम गुप्ता ने अपनी याचिका में की है. वहीं इस मामले पर इंदौर हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.