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इंदौर हाई कोर्ट ने पूछा- आस्ट्रेलियाई नागरिक से एक करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में क्यों नहीं की कार्रवाई

Indore fraud case : इंदौर में ऑनलाइन एक करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने नाराजगी जताई है. इस मामले में कोर्ट ने जांच अधिकारी को तलब किया है.

Indore fraud case with Australian citizen
आस्ट्रेलियाई नागरिक से एक करोड़ की धोखाधड़ी
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 27, 2024, 5:43 PM IST

इंदौर। ऑस्ट्रेलियाई नागरिक पॉल शेफर्ड ने एडवोकेट गगन के माध्यम से याचिका हाई कोर्ट में दायर की थी. इस मामले में हाई कोर्ट ने बीते हफ्ते केस डायरी तलब की थी. कोर्ट ने डायरी देखकर जांच की स्थिति पर दुख व्यक्त किया. कोर्ट ने जांच अधिकारी को तलब किया है. अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी. ये मामला 9 मई 2023 को इंदौर की साइबर सेल में आईपीसी की धारा 420 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत दर्ज हुआ था.

वेब एप्लीकेशन के नाम पर फंसाया

मामले के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले पॉल शेफर्ड ने शिकायत की थी कि इंदौर के ग्रीन पार्क कॉलोनी में रहने वाले मयंक सलूजा ने उनके साथ धोखाधड़ी की है. एक वेब एप्लीकेशन बनाने के नाम पर एक करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है. शिकायत के अनुसार फरियादी का मयंक सलूजा से 2018 में वेबसाइट के माध्यम से संपर्क हुआ. बाद में दोनों की बातचीत हुई. उसके बाद आरोपी ने फरियादी को वेबसाइट बनाकर उसका डेमो भेजा. साथ ही यह भी बताया कि यदि इस एप्लीकेशन को एप्पल के प्लेटफार्म पर चलना है.

एक करोड़ का पेमेंट

आरोपी मयंक ने पॉल शेफर्ड को अपने एक दोस्त अर्थव के बारे में जानकारी दी कि वह एप्पल कंपनी में मैनेजर हैं और वह सहायता करेंगे. इस तरह से मयंक ने अपने दोस्त अर्थव के साथ मिलकर एप्पल कंपनी के सीईओ के जाली हस्ताक्षर का लेटरहेड भी पॉल शेफर्ड को भेजा. जब पॉल शेफर्ड को इस पूरे मामले में यकीन हो गया तो उन्होंने कुल एक करोड़ रुपए मयंक और उसके दोस्त अर्थव को भेजे लेकिन पैसे देने के बाद भी जब उनकी वेबसाइट डेवलअप नहीं हुई.

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हाई कोर्ट में सुनवाई

फरियादी ने आरोपियों से अपने रुपए वापस मांगे लेकिन जब मयंक ने रुपए वापस नहीं किया तो उन्होंने पूरे मामले की शिकायत ऑनलाइन पुलिस से की. पुलिस ने धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया. लेकिन प्रकरण दर्ज करने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद पॉल शेफर्ड ने इंदौर के वकील गगन के माध्यम से याचिका कोर्ट के समक्ष लगाई. कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवाल खड़े करते हुए जांच अधिकारी को तलब किया है.

इंदौर। ऑस्ट्रेलियाई नागरिक पॉल शेफर्ड ने एडवोकेट गगन के माध्यम से याचिका हाई कोर्ट में दायर की थी. इस मामले में हाई कोर्ट ने बीते हफ्ते केस डायरी तलब की थी. कोर्ट ने डायरी देखकर जांच की स्थिति पर दुख व्यक्त किया. कोर्ट ने जांच अधिकारी को तलब किया है. अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी. ये मामला 9 मई 2023 को इंदौर की साइबर सेल में आईपीसी की धारा 420 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत दर्ज हुआ था.

वेब एप्लीकेशन के नाम पर फंसाया

मामले के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले पॉल शेफर्ड ने शिकायत की थी कि इंदौर के ग्रीन पार्क कॉलोनी में रहने वाले मयंक सलूजा ने उनके साथ धोखाधड़ी की है. एक वेब एप्लीकेशन बनाने के नाम पर एक करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है. शिकायत के अनुसार फरियादी का मयंक सलूजा से 2018 में वेबसाइट के माध्यम से संपर्क हुआ. बाद में दोनों की बातचीत हुई. उसके बाद आरोपी ने फरियादी को वेबसाइट बनाकर उसका डेमो भेजा. साथ ही यह भी बताया कि यदि इस एप्लीकेशन को एप्पल के प्लेटफार्म पर चलना है.

एक करोड़ का पेमेंट

आरोपी मयंक ने पॉल शेफर्ड को अपने एक दोस्त अर्थव के बारे में जानकारी दी कि वह एप्पल कंपनी में मैनेजर हैं और वह सहायता करेंगे. इस तरह से मयंक ने अपने दोस्त अर्थव के साथ मिलकर एप्पल कंपनी के सीईओ के जाली हस्ताक्षर का लेटरहेड भी पॉल शेफर्ड को भेजा. जब पॉल शेफर्ड को इस पूरे मामले में यकीन हो गया तो उन्होंने कुल एक करोड़ रुपए मयंक और उसके दोस्त अर्थव को भेजे लेकिन पैसे देने के बाद भी जब उनकी वेबसाइट डेवलअप नहीं हुई.

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हाई कोर्ट में सुनवाई

फरियादी ने आरोपियों से अपने रुपए वापस मांगे लेकिन जब मयंक ने रुपए वापस नहीं किया तो उन्होंने पूरे मामले की शिकायत ऑनलाइन पुलिस से की. पुलिस ने धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया. लेकिन प्रकरण दर्ज करने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद पॉल शेफर्ड ने इंदौर के वकील गगन के माध्यम से याचिका कोर्ट के समक्ष लगाई. कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवाल खड़े करते हुए जांच अधिकारी को तलब किया है.

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