इंदौर। शहर में हाल ही में इंडस्ट्री हाउस में लगी भीषण आग के बाद सुरक्षा को लेकर प्रशासन के तमाम दावों की भी पोल खुल गई है. इस इमारत में आग लगने के दौरान आग बुझाने के लिए दमकल की टीम मौके पर तो पहुंची लेकिन आग इंडस्ट्री हाउस की आठवीं मंजिल पर लगी होने के कारण दमकल कर्मियों को पसीना आ गया. घटना के दौरान फायर ब्रिगेड की टीम के पास पर्याप्त फायर फाइटिंग और सुरक्षा उपकरण नहीं होने से तत्काल एयरपोर्ट प्रबंधन की मदद ली गई. यहां से बुलाई गई फायर फाइटिंग गाड़ियों की मदद से आग बुझाई जा सकी. इस कवायद में करीब 5 घंटे का समय लग गया.
इंदौर कलेक्टर ने मीटिंग कर अफसरों को दिए निर्देश
अब जिला प्रशासन भविष्य में इस स्थिति से निपटने की तैयारी में जुट गया है. मंगलवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने स्मार्ट सिटी कार्यालय में जिला प्रशासन, नगर निगम सहित अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ अग्नि सुरक्षा और संसाधनों को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में पता चला कि शहर में 6 मंजिल से ऊंची कई ऐसी इमारते हैं जहां अग्निकांड की स्थिति में कोई सुरक्षा उपकरण नहीं हैं. यही स्थिति हाईराइज इमारतों को लेकर है. कलेक्टर ने शहर की ऊंची इमारतों की जांच करने और यहां मौजूद फायर सेफ्टी उपकरणों को भी जांचने के निर्देश दिए.
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जहां आग बुझाने के इंतजाम नहीं, वे इमारतें सील करें
कलेक्टर आशीष सिंह ने जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्ट किया है कि जिस बिल्डिंग में आग बुझाने के लिए पर्याप्य बंदोबस्त नहीं मिलेंगे, उन्हें सील कर दिया जाएगा, इसके साथ ही उन्होंने जल्द ही आग बुझाने में काम आने वाली नई गाड़ियां खरीदने की बात कही है. गौरतलब है इंदौर में कई ऐसे इलाके हैं जहां अग्निकांड की स्थिति में ना तो फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच पाती है ना ही आग बुझाने के लिए पानी का इंतजाम है. इतना ही नहीं जिन इमारत में सैकड़ों लोग रह रहे हैं, उन इमारत में आग लगने की स्थिति में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं.