इंदौर। देशभर में तरह-तरह के स्ट्रीट फूड और उनके वेंडर के हुनर की अपनी कहानी है. जिन्होंने सड़क पर ही खान-पान के अपने तरीकों से अपने व्यंजनों को ब्रांड बना रखा है. इंदौर में ऐसा ही उभरता हुआ ब्रांड है आंटी के पराठे, जहां उषा मोरे और उनके पति कैलाश मोरे ने सस्ते दामों पर स्वादिष्ट पराठे परोसकर अपने ग्राहकों का एक बड़ा वर्ग खड़ा कर लिया है.
पराठों में है घर का स्वाद
इंदौर की करीब 60 वर्षीय उषा मोरे शहर के जीएसआईटीएस चौराहे पर ठेले पर पराठे बेचती है. वे शुद्ध और हाइजेनिक रूप से पराठा तैयार करती हैं. उन्होंने बताया कि वे अपने पति और पुत्र के साथ मिलकर घर पर ही सब्जी, रायता और चटनी तैयार करती हैं. उनके पराठों में लोगों को घर का स्वाद मिलता है. इसलिए दूर-दूर से लोग यहां उनके पराठे खाने पहुंचते है. आंटी के रेगुलर ग्राहकों की संख्या सैकड़ों में पहुंच गई है.
150 पराठे तैयार करती हैं रोज
आंटी के ठेले पर आसपास के शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स और विभिन्न कंपनियों में काम करने वाले लोगों को कम कीमत पर नाश्ता मिल जाता है. यदि आंटी दुकान खोलने में देरी करती है तो बताती है कि कई ग्राहकों के फोन आने लगते हैं. वह हर दिन करीब 100 से 150 से पराठे तैयार कर देती है, जिसे यहां से गुजरने वाले और पराठा खाने वाले लोगों को परोसा जाता है.
आंटी के पराठे की है माउथ पब्लिसिटी
बताया जा रहा है कि यहां पराठे खाने के लिए पहुंचने वाले अधिकतर ग्राहक अपने दोस्तों और परिचितों से आंटी के पराठे के बारे में सुन रखा होता है. बिना किसी प्रचार-प्रसार के माउथ पब्लिसिटी के कारण आंटी के पराठे चर्चा में है. वे कई तरह के पराठे बनाती है जिसे औसतन 30 रुपय में बेचती हैं. जिसमें आलू मेथी पराठा, पालक पराठा, प्याज पराठा, चना पराठा, मटर पराठा, गोभी पराठा और पंजाबी पराठा शामिल हैं.
पति ने सिखाया कई तरह के पराठे बनाना
उषा मोरे ने बताया कि "आर्थिक संकट और बेरोजगारी के दौर में रोजी रोजगार का कोई साधन नहीं सूझा तो उनके पति ने लोगों को बतौर स्ट्रीट फूड पराठे तैयार कर लोगों को खिलाना शुरू किया. पहले करीब 9 महीने उन्होंने दुकान संभाली, इसके बाद मैं दुकान में मदद करने लगी. इस दौरान मैं अपने पति से तरह-तरह के पराठे बनाना सीखा बाद में दुकान मुझे ही सौंप दी. अब मैं अपने बेटे आनंद के साथ ठेले पर पराठे की दुकान लगाती हूं."