इंदौर। राज्य बजट में जहां अलग-अलग सेक्टर में अलग-अलग कई प्रावधान किए गए. वहीं, बजट में औद्योगिक गतिविधियों के लिए विशेष और अतिरिक्त प्रावधान किया गया. जिसका प्रदेश के औद्योगिक नगरी के उद्यमियों ने स्वागत किया है. बजट भाषण के बाद एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष योगेश मेहता ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के बजट में इस बार रोजगार उन्मूलन गतिविधियों के लिए व्यापक संभावनाएं दिख रही हैं.
उद्योगों को समय पर उपलब्ध हो राशि
योगेश मेहता ने कहा कि उद्योगों के लिए बजट 16 से 18% के स्थान पर 25 से 30% तक बढ़ाया गया है. वहीं, निवेश प्रोत्साहन विभाग में भी बजट गतिविधियों के लिए राशि 2 हजार करोड़ से 28 हजार करोड़ की गई है. यही स्थिति सूक्ष्म लघु उद्योगों के लिए भी है, जिसमें 880 के स्थान पर 1200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. वहीं, कुटीर उद्योगों और अन्य उद्योगों की गतिविधियों के बजट में भी 25% वृद्धि की गई है. संगठन के प्रतिनिधियों ने मांग की है कि सरकार ये सुनिश्चित करें कि बजट में जिस राशि का प्रावधान किया गया है, वह उद्योगों को समय पर उपलब्ध हो सके. उद्योग लगाने पर जो पैसा सब्सिडी के तौर पर मिलता है. वह समय पर जारी हो इससे प्रदेश में व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी.
ये भी पढ़ें: बजट में कई नई योजनाओं का ऐलान, दुग्ध उत्पादक किसानों को अब मिलेगी प्रोत्साहन राशि लाड़ली बहनों के साथ फिर धोखा, उमंग सिंघार बोले-कर्ज लेकर घी पी रही सरकार |
अधोसंरचनात्मक विकास से बढ़ेगा रोजगार
बजट की सराहना करते हुए एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष ने बताया कि उद्योगों का अधोसंरचनात्मक विकास हो सके, इसलिए राज्य की मोहन सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है, जिससे औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार हो सकेगा. वहीं, प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र के विकास से न केवल रोजगार के क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ेगी बल्कि रोजगारों की संख्या भी बढ़ेगी. इससे मध्य प्रदेश के जीडीपी में भी 1-2 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में बड़े रोजगार आएंगे तो छोटे रोजगार सेक्टर भी विकसित हो सकेंगे.