इंदौर : दुनियाभर में फूड ऑयल की बढ़ती कीमतों के चलते अब उपभोक्ता को शुद्ध खाद्य तेल सही मात्रा में उपलब्ध होना भी किसी चुनौती से कम नहीं है. खाद्य तेलों के उत्पादन, उनकी शुद्धता, सही मात्रा में ग्राहकों तक उपलब्धता, कीमतें और इससे जुड़ी विभिन्न चुनौतियों को लेकर एडिबल ऑयल्स कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. इंदौर में आयोजित इस कॉन्क्लेव में दुनिया भर के सोया उद्यमी बाजार विश्लेषक और तकनीकी विशेषज्ञ चर्चा करेंगे और सोयबीन व खाद्य तेल से जुड़े बड़े फैसले लेंगे.
कृषि मंत्री शिवराज समेत कई दिग्गज होंगे शामिल
अपनी तरह के इस पहले आयोजन में देश भर में सोयाबीन तेलों के बढ़ते दाम, शुद्धता और उपलब्धता पर नए सिरे से रणनीति तय होगी. देश में सोयाबीन उत्पादन के सबसे बड़े संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) द्वारा 13-14 अक्टूबर को शहर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में ये आयोजन होगा. इस अंतरराष्ट्रीय सोपा कॉन्क्लेव में देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा कमिशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट्स एंड प्राइजेस (सीएसीपी) के चेयरमेन प्रो. विजय पॉल शर्मा, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ग्वालियर के वाइस चांसलर प्रोफेसर एके शुक्ला, भारतीय कृषि अनुषंधान परिषद के सहायक डायरेक्टर जनरल संजीव गुप्ता, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ सोयाबीन रिसर्च के डायरेक्टर के एच सिंह और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ऑइल सीड्स रिसर्च के डायरेक्टर डॉ. आरके माथुर शामिल होंगे.
फूड ग्रेड ऑयल पर तैयार होगी नई रणनीति
कॉन्क्लेव की जानकारी देते हुए सोपा के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डीएन पाठक ने बताया, '' खाद्य तेलों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने भारत में खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) खाद्य तेलों की गुणवत्ता की निगरानी के बावजूद सभी पैक्ड खाद्य तेलों पर उनकी सही मात्रा (लीटर्स या किलोग्राम) का उल्लेख हो और उपभोक्ता को इसकी सही जानकारी मिल सके, इन विषयों पर चर्चा व व्यापार जगत की समस्याओं के समाधान के लिए एफएसआई और लीगल मेट्रोलॉजी के तमाम बड़े अधिकारी सोया कॉन्क्लेव के दौरान नए सदस्य रणनीति तय करेंगे.''
रूस यूक्रेन युद्ध ने बढ़ाई परेशानी
दरअसल, रूस यूक्रेन युद्ध के बावजूद खाद्य तेलों पर ड्यूटी बढ़ने के बाद भी सोयाबीन और खाद्य तेल उद्योग अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है. वहीं, मध्य-पूर्व में संघर्ष और शिपिंग पर खतरे शामिल हैं, लिहाजा देश का सोया उद्योग अब सोया इंडस्ट्री के लिए भविष्य का नया रोडमैप भी तैयार करने जा रहा है. सोया कॉन्क्लेव में प्राइज आउटलुक सेशन और फसल अनुमान प्रस्तुति जैसे- फ्यूचर्स ट्रेडिंग और पोल्ट्री फीड में डीजीएसई के प्रयोग पर विशेष सत्र होंगे. साथ ही इस कॉन्क्लेव के साथ चलने वाली प्रदर्शनी भी बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगी.