इंदौर। इंदौर जिला अदालत ने दुष्कर्म के मामले में पीड़िता द्वारा बयान बदलने के बाद भी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को सख्त सजा से दंडित किया है. ये मामला 29 मई 2022 का खुडेल थाना क्षेत्र का है. मामले के अनुसार खुड़ेल थाना क्षेत्र में रहने वाली नाबालिग अपने घर से टॉयलेट गई थी. इस दौरान क्षेत्र में ही रहने वाला जीवन उसे मिला और उसके साथ गलत काम किया. साथ ही धमकी दी कि किसी को जानकारी दी तो जान से खत्म कर देगा. डर के कारण यह बात उसने किसी को नहीं बताई.
नाबालिग के गर्भवती होने पर केस दर्ज कराया
इसके बाद आरोपी की हरकतों से पीड़िता परेशान हो गई. इसी दौरान पीड़िता बीमार रहने लगी और उसका पेट बढ़ने लगा तो उसकी मम्मी और बुआ इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले गईं. डॉक्टर ने उसे गर्भवती बताया. इसके बाद पीड़िता ने परिजनों को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी. खुडेल पुलिस ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म सहित पास्को और रेप की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया. इस मामले में विशेष न्यायाधीश सविता जाडिया ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया.
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भरण-पोषण की याचिका खारिज
इंदौर की महिला ने अजमेर में रहने वाले अपने पति के खिलाफ भरण पोषण को लेकर कुटुंब न्यायालय में याचिका लगाई. पत्नी ने खुद व अपनी बच्ची के खर्च के लिए 50 हजार रुपये प्रति माह की मांग की. कुटुंब न्यायालय में सुनवाई हुई और पति की ओर से एडवोकेट जेएस ठाकुर ने पैरवी की. एडवोकेट ने जवाब पेश किया कि महिला अपने पति पर उसके बुजुर्ग माता-पिता से अलग रहने का दबाव बनाती है. यहां तक कि उसने ससुर पर छेड़छाड़ के गंभीर आरोप भी लगाए. सुनवाई के बाद कोर्ट ने पत्नी को भरण-पोषण के अधिकार लायक नहीं माना.