इंदौर : इंदौर क्राइम ब्रांच में पिछले दिनों शहर के कारोबारी की बहू ने डिजिटल हाउस अरेस्ट की शिकायत की थी. जालसाजों की धमकी से डरकर महिला ने डेढ़ करोड़ से ज्यादा रुपये उनके खातों में ट्रासफर किए थे. जालसाजों ने महिला को कॉल करके पूछा था "क्या आप नरेश गोयल को जानती हो, जो जेट एयरवेज के मालिक हैं." फोन करने वाले ने खुद को आरबीआई का अधिकारी बताया और साथ ही अपना नाम विनोय सिंह बताया. जालसाज ने इस दौरान बताया "आपके नाम से कैनरा बैंक दिल्ली में अकाउंट खुला है. इसमें दो करोड रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है."
महिला को इस प्रकार झांसे में लेकर धमकाया
महिला ने शिकायत में बताया " जालसाजों ने कहा कि दिल्ली में कैनरा बैंक अकाउंट में आपका नाम से खाता खुला है, जिसमें आपका आधार कार्ड व हस्ताक्षर हैं." महिला ने जब इनकार किया तो इसके बाद व्हाट्सएप कॉल आया. कॉल के दौरान इस दौरान एक व्यक्ति पुलिस ड्रेस में दिखा. कॉलिंग के दौरान कुछ लोग सीबीआई अधिकारी बनकर महिला को धमकाने लगे. इससे महिला दहशत में आ गई. इसके बाद जालसाजों ने विभिन्न प्रकार से महिलाओं को डराकर डिजिटल हाउस अरेस्ट कर लिया. इस दौरान सायबर जालसाजों ने महिला को डरा-धमकाकर विभिन्न खातों में डेढ़ करोड़ से ज्यादा रुपये जमा करवा लिए.
पुलिस ने जांच के दौरान 30 से अधिक खाते फ्रीज किए
पीड़िता की शिकायत पर इंदौर क्राइम ब्रांच ने जांच करने के बाद संदग्धि 30 से अधिक बैंक अकाउंट को फ्रीज कराया. पुलिस ने इस मामले में प्रतीक जरीवाला, अभिषेक जरीवाला को गिरफ्तार किया, जो मूल रूप से गुजरात के सूरत के रहने वाले हैं. इनसे पूछताछ के आधार पर पुलिस ने चंद्रभान बंसल और राकेश बंसल को भी गिरफ्तार किया है, जो मूल रूप से मध्य प्रदेश के मैहर के रहने वाले हैं. ये दोनों पिता-पुत्र हैं. इनके अकाउंट में भी ठगी की राशि ट्रांसफर की गई.
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मलेशिया में बैठकर करते हैं सायबर ठगी
पुलिस पूछताछ में इन आरोपियों ने बताया कि 50% कमीशन के लालच में आकर अपने अकाउंट में राशि ट्रांसफर करवाई है. आरोपियों ने शेेष राशि मलेशिया में बैठे जालसाजों को ट्रांसफर की. अब पुलिस का कहना है कि इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां होंगी. मैहर के जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, डिलेवरी का काम करते हैं. गुजरात के दोनों आरोपी भी छोटे मोटा काम कर अपना जीवनयापन करते हैं. इस मामले में डीसीपी राजीव त्रिपाठी काकहना है "आरोपियों के खिलाफ कोई गंभीर केस पहले से नहीं हैं. रुपयों के लालच में ये लोग सायबर जालसाजों की गिरफ्त में आए हैं."