इंदौर। इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Indore DAVV) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अब नकल के मामलों में कमी आई है. बीते वर्षों की तुलना में इस वर्ष आयोजित परीक्षाओं में नकल प्रकरणों की संख्या में कमी आने का कारण विश्वविद्यालय प्रबंधन की सख्ती को माना जा रहा है. डीएवीवी की विभिन्न परीक्षाओं में इस बार 325 के नकल प्रकरण बने, जबकि पूर्व के वर्षों में इनकी संख्या 700 पार हुआ करती थी. अब लगातार बरती जा रही सख्ती के चलते नकल के प्रकरणों में काफी कमी आई है. अधिकांश प्रकरणों में चेकिंग के समय ही परीक्षार्थियों के पास से नकल सामग्री जब्त की गई. व्यवस्था के तहत करीब 65 प्रतिशत परीक्षा केंद्रों पर नकल रोकने के लिए सीसीटीवी लगाए गए.
क्या कहता है डीएवीवी प्रबंधन
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रण डॉ.अशेष तिवारी के अनुसार "परीक्षाओं में नकल प्रकरणों में कमी आई है. सख्ती से नकल रोकने की कवायद, उड़नदस्ता व परीक्षा आब्जर्वर का गठन, जांच व्यवस्था में बदलाव के चलते नकल प्रकरणों में कमी आई है. वहीं बच्चों द्वारा भी धीरे-धीरे पढ़ाई की और ध्यान दिए जाने को लेकर भी नकल प्रकरणों में कमी आ रही है."
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कोविड के बाद बढ़े थे नकल प्रकरण
डीएवीवी प्रबंधन के अनुसार पूर्व के वर्षों में नकल प्रकरण का आंकड़ा 1200 तक पहुंचता था. वहीं कोविड के कारण भी बच्चों की पढ़ाई की आदत छूट गई थी, जिसके चलते उन्होंने नकल करना स्वीकार किया था. परीक्षा के दौरान नकल करते हुए पकड़े जाने पर यूएफएम कमेटी के सामने नकल प्रकरणों में पकड़े गए विद्यार्थी तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं. कोई तबीयत का हवाला दे रहा है तो कोई अपनी शादी और अन्य घरेलू जिम्मेदारी को नकल के लिए कारण बता रहा है.