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टीही पीथमपुर रेल टनल बनकर तैयार, मध्य प्रदेश से गुजरात-महाराष्ट्र की दूरी मिनटों में होगी पूरी - Indore Dahod Rail Project

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 26, 2024, 9:14 AM IST

Updated : Jun 26, 2024, 2:49 PM IST

मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल में रेल नेटवर्क पहुंचने को सपना साकार होने को है. इंदौर दाहोद रेल परियोजना के तहत 3 किलोमीटर लंबी टीही-पीथमपुर टनल का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. ऐसे में अब रेल लाइन का काम और तेजी से हो सकेगा.

Indore Dahod Rail Project
टीही पीथमपुर रेल टनल का काम पूरा (ETV Bharat)

इंदौर। मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल में रेल नेटवर्क का सपना आखिरकार अब सरकार होने जा रहा है. लंबे समय से जारी इंदौर दाहोद रेल परियोजना के साथ टीही-पीथमपुर टनल का निर्माण भी पूरा होने के बाद अब मध्य प्रदेश का आदिवासी अंचल जल्द ही रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा. इतना ही नहीं अब प्रदेश के पश्चिमी इलाके के आदिवासी जिले धार, झाबुआ, अलीराजपुर सीधे दाहोद गोधरा के अलावा महाराष्ट्र और गुजरात के अन्य जिलों के रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगे. जिससे यहां आवागमन बढ़ाने के साथ विकास और व्यापार की संभावनाएं भी तेज हो सकेंगी.

गुजरात-महाराष्ट्र से सीधा जुड़ेगा मध्य प्रदेश काआदिवासी अंचल (ETV Bharat)

टीही-पीथमपुर टनल की खुदाई का कार्य पूरा

पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र के मुताबिक टीही-पीथमपुर टनल की खुदाई कार्य पूरा हो चुका है जिसके फल स्वरूप इंदौर दाहोद नई रेल लाइन के निर्माण में अब तेजी आएगी. हाल ही में इस टनल की खुदाई का कार्य पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक एवं मंडल रेल प्रबंधक रजनीश कुमार की मौजूदगी में पूर्ण किया गया है.

साल भर तक 200 मजदूर 24 घंटे करते रहे काम

दरअसल, इंदौर दाहोद रेल परियोजना से जुड़ी इस टनल के 1,846 मीटर की खुदाई की गई थी, तो वहीं शेष 1,121 मीटर टनल की खुदाई का कार्य 3 जून 2023 से आरंभ करके 23 जून 2024 को पूरा किया गया. इस काम में साल भर तक 200 मजदूर 24 घंटे तक काम में जुटे रहे. इसके बाद करीब 3 किलोमीटर की यह टनल अब बनकर तैयार है.

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आदिवासी अंचल में रेल नेटवर्क का सपना साकार

मध्य प्रदेश पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल के अंतर्गत आने वाली इस लाइन के शुरू होने के बाद आमजन को काफी सुविधा मिलेगी, वहीं रतलाम मंडल के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने बताया "किसी जमाने में मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल में रेल नेटवर्क पहुंचने को सपना माना जाता था, लेकिन इंदौर दाहोद रेल परियोजना ने अब आदिवासी और ट्राइबल जिलों में रेल नेटवर्क की पहुंच को आसान किया है. टिही पीथमपुर टनल के निर्माण से अब इंदौर से दाहोद के लिए सीधी रेलवे लाइन उपलब्ध होगी जिससे पूर्व की तुलना में आधे समय में ही इंदौर से दाहोद, गुजरात और महाराष्ट्र की ओर सफर किया जा सकेगा. इतना ही नहीं अब धार और झाबुआ जैसे जिले भी रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगे जिससे यहां न केवल विकास की रफ्तार बढ़ेगी बल्कि व्यावसायिक रूप से भी यह आदिवासी जिले इंदौर दाहोद रेल नेटवर्क के जरिए महाराष्ट्र, गुजरात के विभिन्न जिलों और इलाकों से व्यावसायिक रूप से भी जुड़ सकेंगे."

इंदौर। मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल में रेल नेटवर्क का सपना आखिरकार अब सरकार होने जा रहा है. लंबे समय से जारी इंदौर दाहोद रेल परियोजना के साथ टीही-पीथमपुर टनल का निर्माण भी पूरा होने के बाद अब मध्य प्रदेश का आदिवासी अंचल जल्द ही रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा. इतना ही नहीं अब प्रदेश के पश्चिमी इलाके के आदिवासी जिले धार, झाबुआ, अलीराजपुर सीधे दाहोद गोधरा के अलावा महाराष्ट्र और गुजरात के अन्य जिलों के रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगे. जिससे यहां आवागमन बढ़ाने के साथ विकास और व्यापार की संभावनाएं भी तेज हो सकेंगी.

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टीही-पीथमपुर टनल की खुदाई का कार्य पूरा

पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र के मुताबिक टीही-पीथमपुर टनल की खुदाई कार्य पूरा हो चुका है जिसके फल स्वरूप इंदौर दाहोद नई रेल लाइन के निर्माण में अब तेजी आएगी. हाल ही में इस टनल की खुदाई का कार्य पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक एवं मंडल रेल प्रबंधक रजनीश कुमार की मौजूदगी में पूर्ण किया गया है.

साल भर तक 200 मजदूर 24 घंटे करते रहे काम

दरअसल, इंदौर दाहोद रेल परियोजना से जुड़ी इस टनल के 1,846 मीटर की खुदाई की गई थी, तो वहीं शेष 1,121 मीटर टनल की खुदाई का कार्य 3 जून 2023 से आरंभ करके 23 जून 2024 को पूरा किया गया. इस काम में साल भर तक 200 मजदूर 24 घंटे तक काम में जुटे रहे. इसके बाद करीब 3 किलोमीटर की यह टनल अब बनकर तैयार है.

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आदिवासी अंचल में रेल नेटवर्क का सपना साकार

मध्य प्रदेश पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल के अंतर्गत आने वाली इस लाइन के शुरू होने के बाद आमजन को काफी सुविधा मिलेगी, वहीं रतलाम मंडल के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने बताया "किसी जमाने में मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल में रेल नेटवर्क पहुंचने को सपना माना जाता था, लेकिन इंदौर दाहोद रेल परियोजना ने अब आदिवासी और ट्राइबल जिलों में रेल नेटवर्क की पहुंच को आसान किया है. टिही पीथमपुर टनल के निर्माण से अब इंदौर से दाहोद के लिए सीधी रेलवे लाइन उपलब्ध होगी जिससे पूर्व की तुलना में आधे समय में ही इंदौर से दाहोद, गुजरात और महाराष्ट्र की ओर सफर किया जा सकेगा. इतना ही नहीं अब धार और झाबुआ जैसे जिले भी रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगे जिससे यहां न केवल विकास की रफ्तार बढ़ेगी बल्कि व्यावसायिक रूप से भी यह आदिवासी जिले इंदौर दाहोद रेल नेटवर्क के जरिए महाराष्ट्र, गुजरात के विभिन्न जिलों और इलाकों से व्यावसायिक रूप से भी जुड़ सकेंगे."

Last Updated : Jun 26, 2024, 2:49 PM IST
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