इंदौर: यह खबर आपके लिए भी जरूरी हो सकती है क्योंकि प्रत्येक घर में छोटे बच्चे मौजूद रहते हैं और आमतौर पर मोबाइल और टीवी देखते हैं और उन्हें ज्यादा देर तक ये करने पर आप रोक लगाते हैं. ऐसे में बच्चे अब थाने में शिकायत करने भी पहुंचने लगे हैं. चंदन नगर पुलिस ने पिछले दिनों बच्चों की शिकायत पर माता-पिता के खिलाफ गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था. इंदौर के जिला कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी. इसी दौरान माता-पिता इंदौर हाई कोर्ट पहुंचे और वहां पर पूरे मामले पर रोक को लेकर एक याचिका लगाई थी. जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई कर फिलहाल जिला कोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी है.
मोबाइल देखने से मना किया तो लिखा दी रिपोर्ट
इंदौर के चंदन नगर थाना क्षेत्र में ऐसा ही एक मामला सामने आया. यहां पर घर में बैठकर 21 साल की बेटी और और उसका छोटा भाई दिनभर टीवी और मोबाइल चलाते थे जब माता-पिता ने उन्हें रोका तो गुस्से में बेटा और बेटी चंदन नगर थाने गए और मामला दर्ज करा दिया. यह मामला 25 अक्टूबर 2021 का बताया जा रहा है. बच्चों की शिकायत पर पुलिस ने भी माता- पिता के खिलाफ गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था.
पुलिस जांच के बाद मामला पहुंचा जिला कोर्ट
माता-पिता के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच की और इसके बाद इंदौर की जिला कोर्ट में चालान पेश कर दिया. जिला कोर्ट ने उस चालान पर सुनवाई भी शुरू की. माता-पिता ने जिला कोर्ट के सामने बच्चों के द्वारा टीवी और मोबाइल चलाने की बात पर डांटने की बात कही लेकिन कोर्ट ने उस पर लगातार सुनवाई जारी रखी.
हाईकोर्ट पहुंचे माता-पिता
जिला कोर्ट ने जब पीड़ित माता-पिता की शिकायत नहीं सुनी तो उन्होंने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. यहां पर वकील धर्मेंद्र चौधरी के माध्यम से यह याचिका दायर की गई है. पीड़ित माता-पिता के वकील धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि "इंदौर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई और सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने जिला कोर्ट में माता-पिता के खिलाफ शुरू किए गए ट्रायल पर अंतरिम रोक लगा दी है. जिस पर आने वाले दिनों में सुनवाई होगी."
बुआ के पास रह रहे हैं बच्चे
जिन बच्चों ने माता-पिता के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया है वह बच्चे फिलहाल अपनी बुआ के यहां पर रह रहे हैं. बताया जाता है कि बच्चों के माता-पिता का बुआ से काफी दिनों से विवाद चल रहा है. फिलहाल मामला काफी गंभीर नजर आ रहा है जिसके चलते इस अब देखना होगा कि सुनवाई के बाद हाईकोर्ट किस तरह के आदेश जारी करता है.