इंदौर। सेंट्रल जेल का प्रहरी महेंद्र गोयल देर रात इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल में एक कैदी अनिल को संदिग्ध परिस्थितियों में इलाज के लिए लेकर पहुंचा. लेकिन जब डॉक्टरों ने उसकी जांच की तो उसकी मृत्यु हो चुकी थी. प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि अनिल ने दो नंबर बैरक में बने बाथरूम में जान दी है. वह मूल रूप से महू का रहने वाला था. 6 महीने पहले उसने अपनी पत्नी का गला काट दिया था. जिसके चलते वह जेल में बंद था. ये मामला कोर्ट में विचारधीन था. वह पिछले काफी दिनों से परेशान चल रहा था.
कारण पता नहीं
शायद परेशान होकर ही कैदी ने अपनी जान दी. अनिल ने इस तरह का कदम क्यों उठाया, जबकि उस समय जेल प्रबंधन राम जन्मभूमि में होने रहे प्रोग्राम में व्यस्त था. जैसे ही मामले की जानकारी सेंट्रल जेल प्रबंधन को लगी तो जेल प्रहरी महेंद्र गोयल उसे तत्काल इलाज के लिए एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचा. लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. इस मामले में एमजी रोड थाना प्रभारी विजय सिंह सिसोदिया का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.
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जेल प्रबंधन पर सवाल
प्रारंभिक तौर पर जेल प्रबंधन ने पुलिस को जानकारी दी और उसके मुताबिक केस कायम कर परिजनों को भी पूरे मामले की सूचना दे दी गई है. आने वाले दिनों में एमजी रोड पुलिस जेल प्रबंधन के भी बयान ले सकती है तो वहीं अभी जेल प्रबंधन इस पूरे मामले में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दे रहा है. पुलिस ने शव का पीएम कराकर परिजनों को सौंप दिया. इस घटना से जेल प्रबंधन के काम करने का तरीके सवालों के घेरे में है.