इंदौर : पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय के बल्लाकांड पर राजनीतिक बवाल फिर शुरू हो गया है. इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के बयान के बाद सज्जन वर्मा ने इस मामले को लेकर तंज कसते हुए कहा कि कथित तौर पर आकाश विजयवर्गीय के बल्ले से पिटने वाले निगम के जोनल ऑफिसर धीरेंद्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए, क्योंकि विजयवर्गीय की रिहाई का मतलब है कि निगम अधिकारी ने उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
दोषमुक्त किए जाने पर उठाए सवाल
सज्जन वर्मा ने आगे तंज कसते हुए कहा, '' आकाश विजयवर्गीय जैसे युवा नेता बड़ी मुश्किल से विधायक बन पाते हैं. ऐसे में विधायक पर झूठी एफआईआर करना भी अपराध है.'' इससे पहले जीतू पटवारी ने कहा, '' खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जो अपराध दिखा, उसे कोर्ट ने दोषमुक्त कहकर बरी कर दिया. ऐसे में संविधान की रक्षा कैसे हो?'' पटवारी ने कहा, '' घटना का वायरल वीडियो है फिर भी आकाश विजयवर्गीय बरी हो गए, यही मोदी जी के नए भारत की नई तस्वीर है.''
ऐसे दोष मुक्त हुए आकाश विजयवर्गीय
दरअसल, 2019 में आकाश विजयवर्गीय पर नगर निगम के जोनल अधिकारी धीरेंद्र सिंह पर बैट चलाने के आरोप थे. कांग्रेस कार्यकाल में हुई इस घटना में अधिकारी की शिकायत पर आकाश विजयवर्गीय पर मामला दर्ज हुआ था, लेकिन अंतिम सुनवाई तक अधिकारी अपने बयान से पलट गए. इतना ही नहीं, कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब यह मामला आया तो कोर्ट को यह बताने वाला कोई गवाह पेश ही नहीं हुआ कि आकाश विजयवर्गीय ने किसी को बल्ले से मारा था. इसके साथ ही वायरल वीडियो की भी सबूत के तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी, जिसके चलते एमपीएमएलए कोर्ट ने उन्हें व भरत खस, पंकज पांडे, अभिषेक गौड़, जीतू खस, सुमित पिपली, नितिन शर्मा, प्रेम विजयवर्गीय, जयंत पांचाल, भेरूलाल और स्व. मोनू कल्याणे को दोष मुक्त करार दिया.