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इंदौर में मकानों पर लग रहे S और क्रास के निशान, रहवासियों में मचा हड़कंप - Indore 200 Houses Illegal

इंदौर में प्रशासन द्वारा मकानों पर एस और क्रास के निशान लगाए जा रहे हैं. कोर्ट ने इन 200 मकानों को तोड़ने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद रहवासियों में हड़कंप मच गया है.

S AND CROSS MARKS ON INDORE HOUSES
इंदौर में मकानों पर लग रहे S और क्रास के निशान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 16, 2024, 9:51 PM IST

Updated : Jul 16, 2024, 10:19 PM IST

इंदौर। नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम न्याय नगर की जमीन पर अवैध बसी एक कॉलोनी पर कार्रवाई करने के लिए पहुंची, लेकिन पुलिस का बल नहीं मिलने के कारण इंदौर नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम ने उन मकानों पर एस का निशान बना दिया और वापस लौट आई. इस दौरान रहवासियों ने जमकर कार्रवाई का विरोध भी किया.

इंदौर में मकानों पर लग रहे S और क्रास के निशा (ETV Bharat)

200 मकानों को तोड़ने के आदेश

इंदौर में अवैध घोषित हो चुके न्याय नगर की जमीन को श्रीराम बिल्डर द्वारा कृष्णबाग कॉलोनी के नाम बनाकर बेच दिया गया. ऐसे में प्रशासन द्वारा इस कॉलोनी को अवैध बताते हुए इसे तोड़ने के आदेश दिए गए हैं. इसके बाद नगर निगम और प्रशासन की टीम ने यहां पर मार्किंग भी शुरू कर दी. कॉलोनी के करीब 200 मकानों को प्रशासन ने अवैध बताते हुए तोड़ने के आदेश दिए हैं. इस मामले में कई लोगों ने न्यायालय का रुख किया है, लेकिन वहां से भी राहत अभी तक नहीं मिली है.

BULLDOZER WILL RUN ON HOUSES INDORE
इंदौर में मकानों पर लग रहे S के निशान (ETV Bharat)

घरों पर लग रहे S के निशान

परेशान रहवासी लगातार अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी परेशानी फिलहाल खत्म होती नजर नहीं आ रही है. वहीं कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन की टीम जैसी ही यहां मार्किंग के लिए पहुंची, तो रहवासियों का गुस्सा उन पर फूट पड़ा. इन लोगों का कहना है की 'यहां वे करीब 20 वर्षों से रह रहे हैं, लेकिन अब जाकर प्रशासन ने उनका मकान अवैध बताते हुए नोटिस दिए हैं.' वहीं इस मामले को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि 'कई मकानों के लिए बेदखली के आदेश हो चुके हैं, लेकिन जिन मकानों पर स्टे है. उन्हें छोड़कर अन्य सभी मकानों पर कार्रवाई की जाएगी.'

फिलहाल इन परेशान रहवासियों की मुश्किलें थमती हुई नजर नहीं आ रही है. अब प्रशासन की टीम एक या दो दिनों के भीतर यहां के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई करेगी. ऐसे में देखना होगा की रहवासी आगे क्या कदम उठाते हैं. वहीं जिन मकानों पर कार्रवाई होना है. उन पर इंदौर नगर निगम और जिला प्रशासन के द्वारा एस का निशान लगा दिया गया है.

यहां पढ़ें...

शिकारपुरा में करीब 25 मकानों के पक्के अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, नगर निगम की बड़ी कार्रवाई

मंडला में गौ तस्करों के ठिकानों पर पुलिस की दबिश, आरोपियों के घरों पर चला बुलडोजर

प्लाट तोड़ने के आदेश से रहवासियों में आक्रोश

बता दें न्याय नगर को लेकर कोर्ट में भी मामला चल रहा था. मध्य प्रदेश सरकार ने 18 जुलाई 2017 को इंदौर विकास प्राधिकरण को श्रीराम बिल्डर संस्था को कॉलोनी के विकास की अनुमति दी थी, लेकिन न्याय नगर की तकरीबन साढ़े सात एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कॉलोनी बना दी गई और प्लाट बेच दिए गए. जिन प्लाटों को तोड़ने के फरमान दिए गए. उन रहवासियों ने उन प्लाटों पर मकान बना लिए और बैंकों से ऋण ले लिया गया, लेकिन अचानक कोर्ट ने उन मकानों को तोड़ने के फरमान दे दिए. इसके बाद उनकी मुसीबत बढ़ गई है.

इंदौर। नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम न्याय नगर की जमीन पर अवैध बसी एक कॉलोनी पर कार्रवाई करने के लिए पहुंची, लेकिन पुलिस का बल नहीं मिलने के कारण इंदौर नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम ने उन मकानों पर एस का निशान बना दिया और वापस लौट आई. इस दौरान रहवासियों ने जमकर कार्रवाई का विरोध भी किया.

इंदौर में मकानों पर लग रहे S और क्रास के निशा (ETV Bharat)

200 मकानों को तोड़ने के आदेश

इंदौर में अवैध घोषित हो चुके न्याय नगर की जमीन को श्रीराम बिल्डर द्वारा कृष्णबाग कॉलोनी के नाम बनाकर बेच दिया गया. ऐसे में प्रशासन द्वारा इस कॉलोनी को अवैध बताते हुए इसे तोड़ने के आदेश दिए गए हैं. इसके बाद नगर निगम और प्रशासन की टीम ने यहां पर मार्किंग भी शुरू कर दी. कॉलोनी के करीब 200 मकानों को प्रशासन ने अवैध बताते हुए तोड़ने के आदेश दिए हैं. इस मामले में कई लोगों ने न्यायालय का रुख किया है, लेकिन वहां से भी राहत अभी तक नहीं मिली है.

BULLDOZER WILL RUN ON HOUSES INDORE
इंदौर में मकानों पर लग रहे S के निशान (ETV Bharat)

घरों पर लग रहे S के निशान

परेशान रहवासी लगातार अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी परेशानी फिलहाल खत्म होती नजर नहीं आ रही है. वहीं कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन की टीम जैसी ही यहां मार्किंग के लिए पहुंची, तो रहवासियों का गुस्सा उन पर फूट पड़ा. इन लोगों का कहना है की 'यहां वे करीब 20 वर्षों से रह रहे हैं, लेकिन अब जाकर प्रशासन ने उनका मकान अवैध बताते हुए नोटिस दिए हैं.' वहीं इस मामले को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि 'कई मकानों के लिए बेदखली के आदेश हो चुके हैं, लेकिन जिन मकानों पर स्टे है. उन्हें छोड़कर अन्य सभी मकानों पर कार्रवाई की जाएगी.'

फिलहाल इन परेशान रहवासियों की मुश्किलें थमती हुई नजर नहीं आ रही है. अब प्रशासन की टीम एक या दो दिनों के भीतर यहां के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई करेगी. ऐसे में देखना होगा की रहवासी आगे क्या कदम उठाते हैं. वहीं जिन मकानों पर कार्रवाई होना है. उन पर इंदौर नगर निगम और जिला प्रशासन के द्वारा एस का निशान लगा दिया गया है.

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प्लाट तोड़ने के आदेश से रहवासियों में आक्रोश

बता दें न्याय नगर को लेकर कोर्ट में भी मामला चल रहा था. मध्य प्रदेश सरकार ने 18 जुलाई 2017 को इंदौर विकास प्राधिकरण को श्रीराम बिल्डर संस्था को कॉलोनी के विकास की अनुमति दी थी, लेकिन न्याय नगर की तकरीबन साढ़े सात एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कॉलोनी बना दी गई और प्लाट बेच दिए गए. जिन प्लाटों को तोड़ने के फरमान दिए गए. उन रहवासियों ने उन प्लाटों पर मकान बना लिए और बैंकों से ऋण ले लिया गया, लेकिन अचानक कोर्ट ने उन मकानों को तोड़ने के फरमान दे दिए. इसके बाद उनकी मुसीबत बढ़ गई है.

Last Updated : Jul 16, 2024, 10:19 PM IST
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