इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, यहां 11 साल के बच्चे की साइकिल का हैंडल पेट में घुसने के कारण मौत हो गई. बच्चा अपने साथियों के साथ घर के पास ही साइकिल चला रहा था. तभी बच्चा अनियंत्रित होकर साइकिल के साथ नीचे गिर गया. इस दौरान साइकिल का हैंडल बच्चे के पेट में घुस गया. जिससे लिवर डैमेज हो गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी गई है.
पेट में घुसा साइकिल का हैंडल
यह घटना इंदौर के अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र की है. सुदामा नगर में रहने वाला 11 वर्षीय कृष्णा अपने साथियों के साथ घर के आसपास साइकिल चला रहा था. इस दौरान अचानक साइकिल अनियंत्रित हो गई और वह साइकिल के साथ नीचे गिर गया. साइकिल बच्चे पर इतनी तेज गिरी कि साइकिल का हैंडल उसके पेट में घुस गया, जिस कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया. सूचना मिलते ही परिजन उसे इलाज के लिए तुरंत नजदीकी अस्पताल लेकर गए. जहां डॉक्टरों ने उनको बताया कि इस हादसे में बच्चे का लिवर डैमेज हो गया है.
इलाज के दौरान लीवर फटने से मौत
डॉक्टर्स ने घायल बच्चे को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया, लेकिन इलाज के दौरान अचानक बच्चे का लीवर फट गया. जिससे 11 साल के बच्चे की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि कृष्णा परिवार में इकलौता बेटा था. वह कक्षा सातवीं में पढ़ाई कर रहा था. पिता एक निजी कंपनी में काम करते हैं, जब ये घटना हुई तब उसकी मां व अन्य सदस्य घर पर ही मौजूद थे. बच्चे की मौत के बाद माता-पिता ने कृष्णा की आंखें डोनेट करने का फैसला लिया है.
पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
अन्नपूर्णा थाना प्रभारी सुनील शेजवार ने कहा, "परिजनों के बयानों के आधार पर जांच पड़ताल शुरू कर दी है. वहीं बच्चे का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है. प्रारंभिक तौर पर परिजनों द्वारा साइकिल का हैंडल पेट में घुसने के कारण लीवर फटने से बच्चे की मौत बताई जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद बच्चे के मौत का कारण स्पष्ट होगा."
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तीन मृतकों के नेत्र व अंगदान
बता दें कि गुरवार को इंदौर में हुए हादसो में कई लोगों की मौत हो गई. इन मृतकों के परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद हॉस्पिटल को नेत्र सहित अंगदान किया है. जिसमें मुख्य रूप से रमणलाल जैन के परिजनों ने उनके नेत्र के साथ पूरे देह का दान किया है. इसी तरह से हॉस्टल में संदिग्ध परिस्थितियों में गिरकर कशिश वाधवानी की मौत हो गई थी. परिजनों ने कशिश के नेत्रों को दान कर दिया है. वहीं सुरभि गुप्ता के परिजनों ने भी उनकी आंखें डोनेट की हैं.