पटनाः आज सीएम नीतीश कुमार पटना में बापू टावर का उद्घाटन करने वाले हैं. राजधानी के गर्दनीबाग में देश का पहला और सबसे बड़ा बापू टावर बनाया गया है. इसकी लागत 129 करोड़ रुपए हैं. 2 अक्टूबर 2018 में नीतीश कुमार ने इसका शिलन्यास किया था. 6 साल बाद यह बनकर तैयार है.
सीएम का ड्रीम प्रोजेक्टः सीएम नीतीश कुमार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है. आज से आम लोग गांधी जी के जीवन के बारे में बापू टावर में आकर जान सकेंगे. मुख्यमंत्री गांधी जयंती के मौके पर गांधी मैदान में बापू को श्रद्धांजलि देने के बाद शाम चार बजे गर्दनीबाग स्थिति वृताकार 6 मंजिला और पांच मंजिला गोलाकार बापू टावर का उद्घाटन करेंगे.
चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह में फैसलाः आपकों बता दें कि चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह का आयोजन 10 अप्रैल 2017 से 20 अप्रैल 2018 तक किया गया. 10 एवं 11 अप्रैल 2017 को राष्ट्रीय विमर्श कार्यक्रम के आयोजन के दौरान मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से पटना में संग्रहालय के स्वरूप में 'बापू टावर' के निर्माण की घोषणा की थी. गर्दनीबाग में सात एकड़ भूमि में भवन निर्माण विभाग द्वारा बापू की 150वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2018 को इस भवन का शिलान्यास कराया गया.
बापू टावर की बनावटः बापू टावर के दो मुख्य भाग हैं, जिसमें एक आयताकार और शंकुकार. ग्राउंड से लेकर 6 फ्लोर आयताकार भवन में तीन प्रदर्शन गैलरी, प्रेक्षागृह, अस्थायी प्रदर्शनी दीर्घा, कार्यालय कक्ष, प्रतिक्षालय, म्यूजियम शॉप व जलपान गृह है. 102 फीट ऊंचे शंकुकार भवन में लगातार क्रम में निर्मित 5 रैम्प हैं जिस पर गांधी जी के जीवन से संबंधित सभी जानकारियां हैं.
पार्किंग की व्यवस्थाः म्यूरल, कटआउट, स्क्रीन प्रोजेक्टर आदि के माध्यम से गांधी से जुड़ी जानकारी प्रदर्शित की गयी है. वृताकार 6 मंजिला और गोलाकार पांच मंजिला बापू टावर के दोनों भवनों को जोड़ने के लिए रैंप का निर्माण किया गया है. परिसर में 135 दो पहिया, 87 चार पहिया और 6 बसों के लिए पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है.
इंद्रधनुषी रंगों से बढ़ी खूबसूरतीः प्रदर्शनी गैलरी में मूर्तियां और कलाकृतियों का निर्माण अहमदाबाद की फैक्ट्री में हुआ है. 42 करोड़ गांधी जी और बिहार के इतिहास से जुड़ी प्रदर्शनी लगाई गयी है. टावर के गोलाकार भवन की बाहरी दीवार में 42000 किलो तांबे की परत लगी है. दीवार पर लगने वाला तांबा ऑक्सीजन और नाइट्रोजन के रिएक्शन से इंद्रधनुषी रंगों में बदल रहा है. बापू टावर का बड़ा हिस्सा ग्रीन एरिया रहेगा.
बापू टावर का उद्देश्यः इसका मुख्य उद्देश्य नई पीढ़ी को बापू की जीवनी के आदर्शों के बारे में बताना है. आगंतुक बापू टावर देखने आयेंगे. ओरियेंटेशन हॉल में बैठकर बापू की जीवनी, उनके आदर्शों एवं कार्यों तथा बिहार की गौरव गाथा को देख सकेंगे. ऐतिहासिक घटनाएं, गांधी जी के विचार, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका, बिहार से उनके लगाव तथा बापू के आदर्शों को बेहतर ढंग से रेखांकित कर प्रदर्शित किया जा रहा है.
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