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यूपी का ये रेलवे रूट 6 महीने से तैयार, ट्रेन का इंतजार, 4 जिलों के यात्रियों को मिल सकती राहत

Railways News: रेलवे की ओर से यात्री सुविधाएं बढ़ाने के लिए किया गया है ट्रैक का निर्माण. रेलवे की ओर से ट्रैक की सभी जांच-पड़ताल पूरी.

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रेलवे के इस रूट पर यात्रियों को ट्रेन संचालन का इंतजार. (photo credit: getty images)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

लखनऊ: लखनऊ से लखीमपुर, मैलानी, पीलीभीत के रूट पर नई यात्री ट्रेनों का इंतजार है. ये रूट करीब छह महीने से बनकर तैयार है, लेकिन यात्री ट्रेनें अब तक इस पर शुरू नहीं की जा सकी हैं. लखनऊ से पीलीभीत बरेली के रास्ते दिल्ली तक इस नये रूट से ट्रेनें चलाकर यात्रियों को सुविधा दी जा सकती है.


छह माह से इंतजारः लखनऊ से बरेली ब्रॉडगेज (बड़ी लाइन) का नया रूट खुलने के छह माह बाद भी लखनऊ से लखीमपुर, मैलानी होते हुए बरेली तक रेलवे ट्रेनें नहीं चला सका है, जबकि मीटरगेज (छोटी लाइन) के समय लखनऊ से बरेली तक कई गाड़ियां चलती थीं. अब स्थिति यह है कि आमान परिवर्तन होने के बाद आवागमन की सुविधाएं बढ़ने के बजाए घट गई हैं.


मेगा ब्लॉक दिया थाः लखनऊ-पीलीभीत रूट के आमान परिवर्तन के लिए कार्यदायी संस्था रेल विकास निगम लिमिटेड (आरएलडीए) ने 2015 में सीतापुर-लखनऊ का मेगा ब्लॉक लिया था. इस ब्लॉक में सीतापुर-लखीमपुर, लखीमपुर-मैलानी खंड का काम पूरा हुआ. उसके बाद 2018 में मैलानी-पीलीभीत खंड का मेगा ब्लॉक लिया गया. इस बीच आमान परिवर्तन का काम पूरा होने के बाद मैलानी-लखनऊ के बीच ट्रेन का संचालन 2020 में शुरु हुआ.


नई ट्रेन नहीं चल सकीः दूसरी तरफ वन विभाग की आपत्ति की वजह से मैलानी-पीलीभीत खंड के काम में देरी हुई. इस खंड का आमान परिवर्तन और विद्युतीकरण का काम पूरा होने के बाद इस साल मार्च में संरक्षा निरीक्षण किया गया और ट्रैक को हरी झंडी दिखा दी गई. छह माह गुजर गए, लेकिन नई ट्रेन नहीं चल पाई.




ट्रेनें घंटों लेट, यात्रियों की बढ़ी परेशानीः आउटर पर खड़ी रहीं ट्रेनों की लेटलतीफी यात्रियों को परेशान कर रही है. ट्रेन 12584 डबलडेकर एक्सप्रेस एक घंटे तक आलमनगर आउटर पर खड़ी रही. 15744 फरक्का एक्सप्रेस सोमवार को दिलकुशा आउटर पर खड़ी रही, जिससे पैसेंजर परेशान हो गए. 15127 काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस व 12876 नीलांचल एक्सपेस पांच घंटे तक लेट हुई. ट्रेन 22121 मुंबई लखनऊ एसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस सोमवार को 12 घंटे की देरी से पहुंची. ट्रेनों के लेटलतीफी बढ़ रही है और तमाम ट्रेनें रद्द की जा रही हैं. इससे रूट पर ट्रेनों की संख्या कम हो रही है जबकि यात्रियों की संख्या बढ़ रही है. अब यात्रियों को आवागमन में काफी दिक्कत होने लगी है.


वहीं, इस बारे में पूर्वोत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक आदित्य कुमार का कहना है कि जो नया रूट बनकर तैयार हुआ है उस पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो इसका प्रयास जारी है. रेलवे बोर्ड की तरफ से अनुमति मिलते ही इस रूट पर ट्रेनों का संचालन शुरू कर यात्रियों को राहत दी जाएगी. उम्मीद है कि बहुत जल्द इस रूट पर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी.


लखनऊ: लखनऊ से लखीमपुर, मैलानी, पीलीभीत के रूट पर नई यात्री ट्रेनों का इंतजार है. ये रूट करीब छह महीने से बनकर तैयार है, लेकिन यात्री ट्रेनें अब तक इस पर शुरू नहीं की जा सकी हैं. लखनऊ से पीलीभीत बरेली के रास्ते दिल्ली तक इस नये रूट से ट्रेनें चलाकर यात्रियों को सुविधा दी जा सकती है.


छह माह से इंतजारः लखनऊ से बरेली ब्रॉडगेज (बड़ी लाइन) का नया रूट खुलने के छह माह बाद भी लखनऊ से लखीमपुर, मैलानी होते हुए बरेली तक रेलवे ट्रेनें नहीं चला सका है, जबकि मीटरगेज (छोटी लाइन) के समय लखनऊ से बरेली तक कई गाड़ियां चलती थीं. अब स्थिति यह है कि आमान परिवर्तन होने के बाद आवागमन की सुविधाएं बढ़ने के बजाए घट गई हैं.


मेगा ब्लॉक दिया थाः लखनऊ-पीलीभीत रूट के आमान परिवर्तन के लिए कार्यदायी संस्था रेल विकास निगम लिमिटेड (आरएलडीए) ने 2015 में सीतापुर-लखनऊ का मेगा ब्लॉक लिया था. इस ब्लॉक में सीतापुर-लखीमपुर, लखीमपुर-मैलानी खंड का काम पूरा हुआ. उसके बाद 2018 में मैलानी-पीलीभीत खंड का मेगा ब्लॉक लिया गया. इस बीच आमान परिवर्तन का काम पूरा होने के बाद मैलानी-लखनऊ के बीच ट्रेन का संचालन 2020 में शुरु हुआ.


नई ट्रेन नहीं चल सकीः दूसरी तरफ वन विभाग की आपत्ति की वजह से मैलानी-पीलीभीत खंड के काम में देरी हुई. इस खंड का आमान परिवर्तन और विद्युतीकरण का काम पूरा होने के बाद इस साल मार्च में संरक्षा निरीक्षण किया गया और ट्रैक को हरी झंडी दिखा दी गई. छह माह गुजर गए, लेकिन नई ट्रेन नहीं चल पाई.




ट्रेनें घंटों लेट, यात्रियों की बढ़ी परेशानीः आउटर पर खड़ी रहीं ट्रेनों की लेटलतीफी यात्रियों को परेशान कर रही है. ट्रेन 12584 डबलडेकर एक्सप्रेस एक घंटे तक आलमनगर आउटर पर खड़ी रही. 15744 फरक्का एक्सप्रेस सोमवार को दिलकुशा आउटर पर खड़ी रही, जिससे पैसेंजर परेशान हो गए. 15127 काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस व 12876 नीलांचल एक्सपेस पांच घंटे तक लेट हुई. ट्रेन 22121 मुंबई लखनऊ एसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस सोमवार को 12 घंटे की देरी से पहुंची. ट्रेनों के लेटलतीफी बढ़ रही है और तमाम ट्रेनें रद्द की जा रही हैं. इससे रूट पर ट्रेनों की संख्या कम हो रही है जबकि यात्रियों की संख्या बढ़ रही है. अब यात्रियों को आवागमन में काफी दिक्कत होने लगी है.


वहीं, इस बारे में पूर्वोत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक आदित्य कुमार का कहना है कि जो नया रूट बनकर तैयार हुआ है उस पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो इसका प्रयास जारी है. रेलवे बोर्ड की तरफ से अनुमति मिलते ही इस रूट पर ट्रेनों का संचालन शुरू कर यात्रियों को राहत दी जाएगी. उम्मीद है कि बहुत जल्द इस रूट पर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी.


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