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अब नहीं होगी ट्रेनों में टक्कर, आ गया रेलवे का एक्सीडेंट प्रूफ सुरक्षा कवच, कैसे करेगा काम - indian railway installed kavach

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 9, 2024, 8:28 AM IST

Updated : Aug 9, 2024, 10:39 AM IST

रेलवे ने ट्रेनों की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया है. दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रेल मार्गों पर कवच 4.0 को इंस्टॉल करवाया जा रहा है. जानिये आखिर कैसे काम करता है यह कवच.

INDIAN RAILWAY MISSION RAFTAAR
रेलवे का सुरक्षा कवच (ETV Bharat Graphics)

RAILWAY PREVENT TRAIN ACCIDENT: बीते कुछ दिनों में देश के अलग-अलग रेलवे जोन में हुए हादसों के बाद कवच सुरक्षा प्रणाली को लेकर बहुत चर्चा हो रही थी. लेकिन देश के आम लोगों को यह जानना जरूरी है कि विश्व के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में बड़ी तेजी से एंटी एक्सीडेंट सिस्टम कवच का इंस्टॉलेशन कार्य किया जा रहा है. देश के कुछ महत्वपूर्ण रेल मार्ग ऐसे हैं जहां इसे लेकर अधिकांश कार्य पूर्ण कर लिया गया है.

रेलवे का एक्सीडेंट प्रूफ सुरक्षा कवच (ETV Bharat)

कवच 4.0 को आरडीएसओ से मंजूरी
हाल ही में भारतीय रेलवे ने सुरक्षा प्रणाली के नए अपग्रेड वर्जन कवच 4.0 को आरडीएसओ (Research Design and Standards Organisation) से मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा मार्गों पर इंस्टॉल करवाना शुरू कर दिया है. करीब 3000 किलोमीटर के इन दोनों रेल मार्गों पर टावर निर्माण, पटरियों पर डिवाइस इस्टॉलेशन और रेल इंजनों में अपग्रेड वर्जन को लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है. दिल्ली मुंबई रेल मार्ग पर इस वित्तीय वर्ष के अंत तक कवच सुरक्षा प्रणाली पूर्ण रूप से इंस्टॉल कर दी जाएगी. इसके बाद ट्रेनों में सुविधा, सुरक्षा और तेज रफ्तार के साथ सफर तय किया जा सकेगा.

Indian Railway Mission Raftaar
दो रेलमार्गो पर इंस्टॉल हो रहा कवच (ETV Bharat)

दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर तेजी से हो रहा कवच का इंस्टॉलेशन
दरअसल, रेलवे सर्वाधिक ट्रैफिक वाले दिल्ली-मुंबई एवं दिल्ली-हावड़ा इन दोनों रेलमार्गों पर अपग्रेड कवच वर्जन के इंस्टॉलेशन और कमिश्निंग के कार्य में जुटी हुई है. दिल्ली मुंबई रेल मार्ग के महत्वपूर्ण रेल मंडल रतलाम के डीआरएम रजनीश कुमार ने बताया कि, ''गोधरा से नागदा के बीच कवच इंस्टॉलेशन का कार्य इस वर्ष के अंत तक पूर्ण कर लिया जाएगा. जिसमें टावर निर्माण लगभग पूर्ण कर लिया गया है. वडोदरा-रतलाम-नागदा (नॉन-ऑटोमैटिक सिग्नलिंग) सेक्शन पर 303 किलोमीटर में से 108 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है. वहीं, पश्चिम रेलवे के अन्य रेल मंडलों में भी तेजी से इस पर कार्य किया जा रहा है.''

क्या है कवच और कवच 4.0 वर्जन
कवच प्रणाली पूर्ण रूप से स्वदेशी तकनीक है जो हाई रेडियो फ्रीक्वेंसी पर कार्य करता है. इसे आरडीएसओ द्वारा विकसित किया गया है. कवच एक तरह की डिवाइस है जो ट्रेन के इंजन के अलावा रेलवे के ट्रेक पर भी लगाई जाती है. जिससे दो ट्रेनों के एक ही ट्रैक पर आमने-सामने या आगे पीछे से करीब आने पर सिग्नल, इंडिकेटर और अलार्म के जरिए ट्रेन के पायलट को इसकी सूचना मिल जाती है. यदि लोको पायलट ट्रेन के ब्रेक लगाने में असमर्थ होता है तो संभावित टक्कर को रोकने के लिए यह सिस्टम स्वतः ही ब्रेक लगा देता है. इसे एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनों की टक्कर होने से बचाने, खराब मौसम में भी लोको पायलट को ट्रेन परिचालन में मदद करने एवं ट्रेनों की गति को 200 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने के लिए आरडीएसओ द्वारा डिजाइन किया गया है.

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रात होते ही इस एक्सप्रेसवे पर बरसने लगते हैं पत्थर, बदमाशों से निपटने पुलिस ने भी बनाया खतरनाक प्लान

जीरो एक्सीडेंट रेलमार्ग बन जाएंगे यह मार्ग
सुरक्षा प्रणाली कवच नया वर्जन कवच 4.0 आरएसडीईओ द्वारा अपग्रेड कर मंजूर किया गया है. जिसे दिल्ली मुंबई और दिल्ली हावड़ा रेलमार्गों पर इंस्टॉल किया जा रहा है. रेलवे की पूर्ण रूप से स्वदेशी रक्षा प्रणाली कवच की कमीशनिंग के बाद देश के यह दो प्रमुख रेल मार्ग जीरो एक्सीडेंट रेलमार्ग बन जायेंगे. वहीं, अन्य रेलमार्गों पर भी अपग्रेड वर्जन के साथ कवच इंस्टॉल किए जाने की मंजूरी रेल मंत्रालय द्वारा दे दी गई है.

RAILWAY PREVENT TRAIN ACCIDENT: बीते कुछ दिनों में देश के अलग-अलग रेलवे जोन में हुए हादसों के बाद कवच सुरक्षा प्रणाली को लेकर बहुत चर्चा हो रही थी. लेकिन देश के आम लोगों को यह जानना जरूरी है कि विश्व के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में बड़ी तेजी से एंटी एक्सीडेंट सिस्टम कवच का इंस्टॉलेशन कार्य किया जा रहा है. देश के कुछ महत्वपूर्ण रेल मार्ग ऐसे हैं जहां इसे लेकर अधिकांश कार्य पूर्ण कर लिया गया है.

रेलवे का एक्सीडेंट प्रूफ सुरक्षा कवच (ETV Bharat)

कवच 4.0 को आरडीएसओ से मंजूरी
हाल ही में भारतीय रेलवे ने सुरक्षा प्रणाली के नए अपग्रेड वर्जन कवच 4.0 को आरडीएसओ (Research Design and Standards Organisation) से मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा मार्गों पर इंस्टॉल करवाना शुरू कर दिया है. करीब 3000 किलोमीटर के इन दोनों रेल मार्गों पर टावर निर्माण, पटरियों पर डिवाइस इस्टॉलेशन और रेल इंजनों में अपग्रेड वर्जन को लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है. दिल्ली मुंबई रेल मार्ग पर इस वित्तीय वर्ष के अंत तक कवच सुरक्षा प्रणाली पूर्ण रूप से इंस्टॉल कर दी जाएगी. इसके बाद ट्रेनों में सुविधा, सुरक्षा और तेज रफ्तार के साथ सफर तय किया जा सकेगा.

Indian Railway Mission Raftaar
दो रेलमार्गो पर इंस्टॉल हो रहा कवच (ETV Bharat)

दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर तेजी से हो रहा कवच का इंस्टॉलेशन
दरअसल, रेलवे सर्वाधिक ट्रैफिक वाले दिल्ली-मुंबई एवं दिल्ली-हावड़ा इन दोनों रेलमार्गों पर अपग्रेड कवच वर्जन के इंस्टॉलेशन और कमिश्निंग के कार्य में जुटी हुई है. दिल्ली मुंबई रेल मार्ग के महत्वपूर्ण रेल मंडल रतलाम के डीआरएम रजनीश कुमार ने बताया कि, ''गोधरा से नागदा के बीच कवच इंस्टॉलेशन का कार्य इस वर्ष के अंत तक पूर्ण कर लिया जाएगा. जिसमें टावर निर्माण लगभग पूर्ण कर लिया गया है. वडोदरा-रतलाम-नागदा (नॉन-ऑटोमैटिक सिग्नलिंग) सेक्शन पर 303 किलोमीटर में से 108 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है. वहीं, पश्चिम रेलवे के अन्य रेल मंडलों में भी तेजी से इस पर कार्य किया जा रहा है.''

क्या है कवच और कवच 4.0 वर्जन
कवच प्रणाली पूर्ण रूप से स्वदेशी तकनीक है जो हाई रेडियो फ्रीक्वेंसी पर कार्य करता है. इसे आरडीएसओ द्वारा विकसित किया गया है. कवच एक तरह की डिवाइस है जो ट्रेन के इंजन के अलावा रेलवे के ट्रेक पर भी लगाई जाती है. जिससे दो ट्रेनों के एक ही ट्रैक पर आमने-सामने या आगे पीछे से करीब आने पर सिग्नल, इंडिकेटर और अलार्म के जरिए ट्रेन के पायलट को इसकी सूचना मिल जाती है. यदि लोको पायलट ट्रेन के ब्रेक लगाने में असमर्थ होता है तो संभावित टक्कर को रोकने के लिए यह सिस्टम स्वतः ही ब्रेक लगा देता है. इसे एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनों की टक्कर होने से बचाने, खराब मौसम में भी लोको पायलट को ट्रेन परिचालन में मदद करने एवं ट्रेनों की गति को 200 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने के लिए आरडीएसओ द्वारा डिजाइन किया गया है.

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जीरो एक्सीडेंट रेलमार्ग बन जाएंगे यह मार्ग
सुरक्षा प्रणाली कवच नया वर्जन कवच 4.0 आरएसडीईओ द्वारा अपग्रेड कर मंजूर किया गया है. जिसे दिल्ली मुंबई और दिल्ली हावड़ा रेलमार्गों पर इंस्टॉल किया जा रहा है. रेलवे की पूर्ण रूप से स्वदेशी रक्षा प्रणाली कवच की कमीशनिंग के बाद देश के यह दो प्रमुख रेल मार्ग जीरो एक्सीडेंट रेलमार्ग बन जायेंगे. वहीं, अन्य रेलमार्गों पर भी अपग्रेड वर्जन के साथ कवच इंस्टॉल किए जाने की मंजूरी रेल मंत्रालय द्वारा दे दी गई है.

Last Updated : Aug 9, 2024, 10:39 AM IST
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