नई दिल्ली: आधुनिक समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का बढ़ता इस्तेमाल अब डिफेंस के क्षेत्र में भी कारगर साबित होगा. भारतीय वायुसेना के लिए पैराशूट व अन्य उपकरण तैयार करने के लिए आईआईटी दिल्ली रिसर्च करेगा. भारतीय वायुसेना के नागपुर स्थित रखरखाव मुख्यालय और आईआईटी दिल्ली ने विमानन वस्त्रों के लिए नई टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने पर सहयोग करने के लिए समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.
एमओयू पर आईआईटी दिल्ली में डीन (आरएंडडी) प्रो. नरेश भटनागर और वायुसेना के ग्रुप कैप्टन प्रशांत पाठक (कमांडिंग ऑफिसर 16 बीआरडी) ने प्रो. आर. अलागिरुसामी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए. आईआईटी दिल्ली के अनुसंधान एवं विकास के एसोसिएट डीन प्रोफेसर राजेंद्र सिंह ने भारतीय रक्षा क्षेत्र की स्वदेशीकरण की बढ़ती मांग को पूरी करने में इस साझेदारी के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने विमानन-ग्रेड कपड़ा उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए समाधान विकसित करने के लिए आईआईटी दिल्ली के उन्नत अनुसंधान और भारतीय वायुसेना की व्यावहारिक विशेषज्ञता का लाभ उठाने की क्षमता पर प्रकाश डाला.
आत्मनिर्भरता में योगदान मिलने की उम्मीद: आईआईटी दिल्ली के कपड़ा और फाइबर इंजीनियरिंग विभाग के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर प्रो. बिपिन कुमार ने कहा कि, आईआईटी दिल्ली और आईएएफ नागपुर के मुख्यालय रखरखाव के बीच साझेदारी से रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता में योगदान मिलने की उम्मीद है. आईआईटी दिल्ली में टेक्सटाइल और फाइबर इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष और प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर प्रो. बिपिन कुमार, ग्रुप कैप्टन असित कुमार (योजना और उत्पादन प्रमुख, 16 बीआरडी, वायुसेना) और विंग कमांडर अरुण मनोहर (गुणवत्ता आश्वासन प्रमुख, 16 बीआरडी, वायुसेना) भी एमओयू के दौरान मौजूद रहे. ग्रुप कैप्टन प्रशांत पाठक के अनुसार, आईआईटी दिल्ली के साथ एमओयू में सहयोग के लिए कुछ निम्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है.
यह भी पढ़ें- दिल्ली यूनिवर्सिटी में 12वीं पास के लिए नौकरी का गोल्डन चांस, सैलरी 63 हजार से ज्यादा, जल्द करें APPLY
- विभिन्न पैराशूट और सुरक्षा उपकरणों के लिए कच्चे माल का चयन (वस्त्र/कपड़ा).
- तकनीकी वस्त्र/कपड़े के परीक्षण के लिए आधुनिक तकनीकों/उपकरणों का विकास और पैराशूट और सुरक्षा उपकरणों से संबंधित उत्पाद डिजाइनों में शामिल करने के लिए उपलब्ध नवीनतम मानक.
- कपड़ा, कपड़े के कच्चे माल और तैयार उत्पादों की गुणवत्ता स्वीकृति जांच के लिए एआई-रोबोटिक्स या इमेजिंग तकनीक लागू करना.
- मरम्मत के लिए फील्ड यूनिट से प्राप्त पायलट पैराशूट, ब्रेक पैराशूट या कार्गो पैराशूट कैनोपी, संबंधित हार्नेस और क्रू रेस्ट्रेंट सिस्टम, तैयार उत्पादों की मशीन लर्निंग आधारित इमेजिंग तकनीक का इनोवेशन करना.
- पैराशूट और संबंधित सहायक उपकरणों का डिजाइन और विकास.
यह भी पढ़ें- DU के कॉलेजों में 12वीं के नंबर पर एडमिशन का मौका, रजिस्ट्रेशन शुरू, देखें पूरा कार्यक्रम