शिमला/दिल्ली: 27 जुलाई को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक से पहले सियासी माहौल गर्माया हुआ है. दरअसल नीति आयोग की बैठक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होनी है लेकिन इससे पहले कई राज्यों के मुख्यमंत्री किनारा कर चुके हैं. इनमें विपक्ष यानी इंडी एलायंस में शामिल दलों के मुख्यमंत्री शामिल हैं. इस बीच बैठक से पहले दिल्ली की फिजाओं में दो मुख्यमंत्रियों की एंट्री से ट्विस्ट आ गया है. आखिर ये सियासी बवाल क्यों मचा है और अब तक कौन-कौन से सीएम इस बैठक से किनारा कर चुके हैं ये भी आपको बताएंगे. लेकिन पहले उस ट्विस्ट की बात करते हैं.
सुखविंदर सुक्खू और ममता बनर्जी पहुंचे दिल्ली
27 जुलाई को नीति आयोग की बैठक से एक दिन पहले शुक्रवार को हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली पहुंच चुकी हैं. ममता बनर्जी साफ कह चुकी हैं कि वो बैठक में शामिल होकर केंद्र सरकार के प्रति अपना विरोध दर्ज कराएंगी. वहीं सुखविंदर सिंह सुक्खू ने साफ कहा है कि वो दिल्ली यानी कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के फैसले के बाद नीति आयोग में जाने का फैसला शाम तक करेंगे. इस बैठक का विपक्ष विरोध कर रहा है लेकिन इस विरोध से अलग झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इस बैठक में शामिल होंगे.
क्या सुक्खू भी करेंगे किनारा ?
ये सवाल इसलिये क्योंकि अब तक गैर भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री बैठक से किनारा कर चुके हैं. नीति आयोग की बैठक से एक दिन पहले दिल्ली में कांग्रेसी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की मौजूदगी से इस सवाल का उठना लाजमी है. वैसे बीते साल जब दिल्ली में जी20 समिट का आयोजन हुआ था, तब 9 सितंबर 2023 को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की ओर से समिट में आए मेहमानों के लिए डिनर का आयोजन किया गया था. सुखविंदर सिंह सुक्खू उस डिनर में भी पहुंचे थे. जबकि उस वक्त भी विपक्षी नेताओं और मुख्यमंत्रियों ने न्योता मिलने के बावजूद इस डिनर से किनारा किया था.
आपदा राहत राशि का सवाल राजनीति का सवाल नहीं है। जो हिमाचल प्रदेश के हक का पैसा है वो प्रदेश को मिलना चाहिए। केंद्र सरकार ने बजट में हमारे साथ जो अन्याय किया है वो किसी भी प्रदेशवासी को स्वीकार नहीं है।
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) July 25, 2024
जयराम ठाकुर जी हिमाचल के हित के खिलाफ क्यों खड़े हैं। जब बात प्रदेश के हित की… pic.twitter.com/ZbiyYZ6Jkk
नीति आयोग की बैठक पर सियासी बवाल क्यों ?
दरअसल 23 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया था. विपक्ष ने इस बजट को सत्ता बचाने वाला बजट और सिर्फ सरकार के सहयोगियों का बजट बता दिया. विपक्षी दलों के मुताबिक देश में गैर बीजेपी शासित राज्यों को कुछ नहीं मिला है. जिसके बाद विपक्ष ने सदन से लेकर मीडिया तक में इस बजट का विरोध किया और अब नीति आयोग की बैठक से किनारा किया है. हालांकि ममता बनर्जी और हेमंत सोरेन इस बैठक में शामिल होंगे.
अब तक बैठक को कौन-कौन बोला NO
शनिवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक से कांग्रेस शासित राज्य तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया किनारा कर चुके हैं. वहीं आम आदमी पार्टी की ओर से भी साफ किया जा चुका है कि पंजाब के सीएम भगवंत मान और दिल्ली सरकार की ओर से भी कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं होगा. वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और केरल के सीएम पी. विजयन भी बैठक से किनारा कर चुके हैं.
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