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'जीतू पटवारी को लगेगा किन्नर समाज का श्राप', देश की पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी आग-बबूला - FORMER CONGRESS MLA SHABNAM MAUSI

देश की पहली ट्रांसजेंडर विधायक शबनम मौसी ने जीतू पटवारी पर निशाना साधा है. पटवारी से मिलने से रोके जाने पर उन्होंने अपना गुस्सा निकाला.

SHABNAM MAUSI ANGRY JEETU PATWARI
शबनम मौसी ने जीतू पटवारी पर लगाए गंभीर आरोप (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 9, 2024, 10:11 PM IST

भोपाल: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार अपने नेताओं के निशाने पर हैं. पार्टी के कई नेताओं द्वारा खुलकर उनके खिलाफ बोलने के बाद अब देश की पहली ट्रांसजेंडर विधायक रही शबनम मौसी ने जीतू पटवारी पर अपना गुस्सा निकाला है. बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक शबनम मौसी पीसीसी चीफ जीतू पटवारी से मुलाकात करने पहुंची थीं, लेकिन उनके समर्थकों ने उन्हें मुलाकात करने से रोक दिया. इसके बाद गुस्साई शबनम मौसी ने कहा कि उन्हें किन्नर समाज का श्राप लगेगा.

शबनम बोली, लगेगा किन्नर समाज का श्राप

शबनम मौसी ने वर्ष 1998 में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले की सोहागपुर विधानसभा सीट से देश की पहली किन्नर विधायक बनकर इतिहास रच दिया था. वे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी से मुलाकात करने भोपाल स्थित उनके बंगले पर पहुंची थीं, लेकिन उन्हें मिलने से रोक दिया गया तो उनका गुस्सा फूट पड़ा. शबनम ने कहा कि "उन्होंने किन्नरों का अपमान किया है, उन्हें किन्नर समाज का श्राप लगेगा. पार्टी में इसी तरह नेताओं का अपमान होता है, इसलिए नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं."

'जीतू पटवारी में लोगों को जोड़ने की क्षमता नहीं'

शबनम मौसी ने आरोप लगाया कि "जीतू पटवारी में लोगों को जोड़ने की क्षमता नहीं है. पार्टी को प्रदेश में कोई मजबूत नेता नहीं मिल रहा था, इसलिए जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन उसके बाद पार्टी की हालत और खराब हुई है." पीसीसी चीफ से न मिल पाने पर उन्होंने कहा "सहयोगियों ने नहीं मिलने दिया. कांग्रेस इनकी बपौती है क्या? जिनसे चाहे मिलेंगे, जिन्हें चाहे ठुकरा देंगे. जीतू पटवारी का आचरण ही ऐसा है, तभी लोग छोड़कर जा रहे हैं." उन्होंने कहा कि वह पहले भी सदस्यता लेने आई थीं तो अपमानित किया था.

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1998 में बनी थीं विधायक

देश में 1994 में किन्नरों को मतदान का अधिकार मिलने के बाद 1998 में शबनम मौसी देश की पहली किन्नर विधायक बनी थीं. मध्य प्रदेश की सोहागपुर विधानसभा पर हुए उपचुनाव में वे किस्मत आजमाने चुनाव में उतरीं और 15 हजार से ज्यादा वोटों से बीजेपी उम्मीदवार को हराया था. हालांकि 2003 के विधानसभा चुनाव में वे हार गई थीं. 2003 में उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी 'जीती जिताई राजनीति' का गठन किया था. साल 2005 में शबनम मौसी पर एक फिल्म भी बनी थी.

भोपाल: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार अपने नेताओं के निशाने पर हैं. पार्टी के कई नेताओं द्वारा खुलकर उनके खिलाफ बोलने के बाद अब देश की पहली ट्रांसजेंडर विधायक रही शबनम मौसी ने जीतू पटवारी पर अपना गुस्सा निकाला है. बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक शबनम मौसी पीसीसी चीफ जीतू पटवारी से मुलाकात करने पहुंची थीं, लेकिन उनके समर्थकों ने उन्हें मुलाकात करने से रोक दिया. इसके बाद गुस्साई शबनम मौसी ने कहा कि उन्हें किन्नर समाज का श्राप लगेगा.

शबनम बोली, लगेगा किन्नर समाज का श्राप

शबनम मौसी ने वर्ष 1998 में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले की सोहागपुर विधानसभा सीट से देश की पहली किन्नर विधायक बनकर इतिहास रच दिया था. वे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी से मुलाकात करने भोपाल स्थित उनके बंगले पर पहुंची थीं, लेकिन उन्हें मिलने से रोक दिया गया तो उनका गुस्सा फूट पड़ा. शबनम ने कहा कि "उन्होंने किन्नरों का अपमान किया है, उन्हें किन्नर समाज का श्राप लगेगा. पार्टी में इसी तरह नेताओं का अपमान होता है, इसलिए नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं."

'जीतू पटवारी में लोगों को जोड़ने की क्षमता नहीं'

शबनम मौसी ने आरोप लगाया कि "जीतू पटवारी में लोगों को जोड़ने की क्षमता नहीं है. पार्टी को प्रदेश में कोई मजबूत नेता नहीं मिल रहा था, इसलिए जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन उसके बाद पार्टी की हालत और खराब हुई है." पीसीसी चीफ से न मिल पाने पर उन्होंने कहा "सहयोगियों ने नहीं मिलने दिया. कांग्रेस इनकी बपौती है क्या? जिनसे चाहे मिलेंगे, जिन्हें चाहे ठुकरा देंगे. जीतू पटवारी का आचरण ही ऐसा है, तभी लोग छोड़कर जा रहे हैं." उन्होंने कहा कि वह पहले भी सदस्यता लेने आई थीं तो अपमानित किया था.

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1998 में बनी थीं विधायक

देश में 1994 में किन्नरों को मतदान का अधिकार मिलने के बाद 1998 में शबनम मौसी देश की पहली किन्नर विधायक बनी थीं. मध्य प्रदेश की सोहागपुर विधानसभा पर हुए उपचुनाव में वे किस्मत आजमाने चुनाव में उतरीं और 15 हजार से ज्यादा वोटों से बीजेपी उम्मीदवार को हराया था. हालांकि 2003 के विधानसभा चुनाव में वे हार गई थीं. 2003 में उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी 'जीती जिताई राजनीति' का गठन किया था. साल 2005 में शबनम मौसी पर एक फिल्म भी बनी थी.

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