शिमला: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासत गर्म है. आये दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच जुबानी हमले जारी है. इसी कड़ी में आज शिमला में इंडी गठबंधन के नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर प्रहार किया. इंडी नेताओं ने कहा कि इंडिया गठबंधन में शामिल सभी राजनीतिक दलों ने अतीत की गलतियों से सबक लिया है. ऐसे में इंडी सत्ता में आने पर अच्छे से सरकार को चलाएगी. इसके लिए एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार किया जाएगा.
'पीएम मोदी के चेहरे पर साफ दिख रही हताशा': कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप राठौर ने कहा भाजपा देश में लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास कर रही है. ऐसे में लोकतंत्र को बचाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दल इंडी के रूप में इकट्ठे होकर चुनाव लड़ रहे हैं. अब तक पांच चरण के चुनाव में भाजपा पिछड़ती हुई नजर आ रही है. जिसकी हताशा और निराशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर साफ नजर आ रही है. उन्होंने कहा कि अब दो चरणों के चुनाव बचे हैं, जिसमें भाजपा जीत हासिल करने के लिए धनबल का प्रयोग कर सकती है. ऐसे में हम सभी को सतर्क रहने की जरूरत है.
'आजाद भारत में इलेक्टोरल बॉन्ड सबसे बड़ा घोटाला': कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और ठियोग के विधायक कुलदीप राठौर ने भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा पीएम मोदी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता से बड़े-बड़े वादे किए थे. जिसमें हर साल देश के 2 करोड़ युवाओं को रोजगार, महंगाई मिटाने और भ्रष्टाचार को खत्म करने के दावे किए गए थे. लेकिन अब मोदी इन मुद्दों पर बात करने को तैयार नहीं है. वहीं आजाद भारत में इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर अब तक का बहुत बड़ा घोटाला हुआ है.
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'चुनाव के वक्त पीएम मोदी को याद आई थी सेब की मिठास': शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी को हिमाचल के सेब की मिठास याद आई थी. इस दौरान मोदी ने चुनावी जनसभाओं में विदेशों से आने वाले सेब पर आयात शुल्क को बढ़ाने का आश्वासन दिया था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद आयात शुल्क बढ़ाना तो दूर उल्टा इसे 50 फीसदी से घटाकर 35 फीसदी कर दिया. अब फिर से लोकसभा चुनाव को देखते हुए सेब पर आयात शुल्क को 50 फीसदी किया गया है.
'केंद्र की मोदी सरकार किसान और बागवान विरोधी': रोहित ठाकुर ने कहा वर्तमान में 44 देशों से सेब आयात होकर देश की विभिन्न मंडियों में पहुंच रहा है, जिससे मंडियों में हिमाचल के सेब की मांग घट रही है. केंद्र सरकार MIS के माध्यम से हर साल 1500 करोड़ के बजट का प्रावधान करती थी, लेकिन उसे भी एनडीए सरकार ने घटा है. इसके विपरित सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने MIS के तहत 153 करोड़ जारी किए हैं. जिसमें जयराम सरकार के समय की 90 करोड़ की देनदारी भी थी. ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार किसान और बागवान विरोधी है. वहीं हिमाचल की सुक्खू सरकार ने 15 महीने में जनहित को लेकर ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं.
'देश में सिर्फ एक नेता चाहती है भाजपा': माकपा नेता और पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि भाजपा एक देश एक चुनाव नहीं, बल्कि एक देश एक नेता चाहती है. इसलिए संविधान पर आक्रमण कर लोकतंत्र की हत्या का प्रयास किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए हैं. इसी तरह ईडी और सीबीआई की कार्यशैली को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इंडिया गठबंधन देश के संविधान बचाने के लिए और हिमाचल के अस्तित्व को बचाने के लिए गठित किया गया है.
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