जयपुर: भीलवाड़ा से निर्दलीय विधायक अशोक कोठरी के भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण करने पर सियासी हलचल तेज हो गई है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस मामले को लेकर विधानसभाध्यक्ष से लिखित शिकायत की है. उन्होंने कहा निर्दलीय विधायक का भाजपा की प्राथमिक सदस्यता लेने को नियमों और नैतिकता के प्रतिकूल है.
दरअसल, राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने भीलवाड़ा शहर से निर्दलीय विधायक अशोक कोठारी द्वारा बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने को नियमों और नैतिकता के विरूद्ध आचरण बताया है. उन्होंने इसका विरोध करते हुए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को पत्र लिखकर निर्दलीय विधायक की सदस्यता समाप्त किए जाने की मांग की है. बीजेपी द्वारा चलाए जा रहे सदस्यता अभियान के दौरान 4 सितंबर को भीलवाड़ा शहर से निर्वाचित निर्दलीय विधायक अशोक कोठारी ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली और अपने पार्टी पहचान-पत्र की प्रति सोशल मीडिया पर साझा की.
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वोटर्स से विश्वासघात, लोकतंत्र का अपमान: प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा है कि निर्दलीय विधायक कोठारी द्वारा भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण करना लोकतंत्र का अपमान है. उन्होंने ऐसा करके उन मतदाताओं के साथ विश्वासघात किया है. जिन्होंने चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी के विरोध में मतदान किया है.
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नियमों का दिया हवाला: जूली ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र की प्रति जारी करते हुए बताया कि संविधान की 10वीं अनुसूची के अन्तर्गत दल-परिवर्तन के आधार पर निरर्हता नियम, 1985 के पैरा संख्या-2 में विधिक प्रावधान के अनुसार, 'संसद या राज्य विधान मंडल का कोई निर्दलीय सदस्य निरर्हित होगा, यदि वह अपने निर्वाचन के पश्चात किसी भी राजनीतिक दल में शामिल हो जाता है.' ऐसी स्थिति में निर्दलीय विधायक ने संवैधानिक प्रावधानों को अनदेखा करते हुए राजनीतिक पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है. जो कि नियम विरूद्ध है और उनकी विधानसभा की सदस्यता को निरस्त करने के लिए काफी है. टीकाराम जूली ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसका हर स्तर पर कड़ा विरोध करने की बात की है.