रायगढ़ : छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज संघ अब सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड में दिख रहा है. जिले में लघु वनोपज प्रबंधक संघ ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरु कर दी है. संघ ने ये हड़ताल चार सूत्रीय मांगों को लेकर शुरू की है.संघ की माने तो उनके प्रतिनिधि ने हड़ताल से पहले सीएम विष्णुदेव साय से मुलाकात की थी.जिसमें लघु वनोपज संघ ने अपनी मांगों को सरकार के सामने रखा था.फिर भी सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया.इसलिए लघु वनोपज संघ ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया. बताया जा रहा है कि यदि हड़ताल लंबी चली तो प्रदेश के 52 लाख लघु वनोपज संग्राहकों पर इसका असर पड़ेगा.
क्या है लघु वनोपज संघ की मांग : लघु वनोपज संघ की मांगों में पहली और प्रमुख मांग नियमितीकरण की है. इसके बाद वित्त विभाग से अनुमति मिलने पर भी प्रबंधकों को 7, 8, 9 ग्रेड पे नहीं मिलने से भी छत्तीसगढ़ लघु वनोपज प्रबंधक संघ नाराज है. लघु वनोपज संघ के जिला अध्यक्ष यशवंत सीदार ने बताया कि प्रबंधक पिछले 36 सालों से 14 लाख लघु वनोपज संगठनकर्ता परिवारों को शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचा रहे हैं. जिनमें मुख्य रूप से तेंदूपत्ता संग्रहण, भुगतान, बोनस का वितरण,14 लाख परिवारों का बीमा, छात्रवृत्ति, 65 प्रकार के लघु वनोपज का न्यूनतम संग्रहण दर में संग्रहण शामिल हैं.
36 साल पुरानी मांग अधूरी : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संग्रहण में पूरे देश मे नंबर एक है. लघु वनोपजों के संग्रहण में प्रदेश सरकार को 13 राष्ट्रीय अवार्ड भी मिले हैं. लघु वनोपज संघ के मुताबिक सरकार और अधिकारी 36 साल से प्रबंधकों का शोषण कर रहे हैं. 2016 में प्रबंधकों के लिए सेवा नियम भी लागू किया गया था. जिसमें साफ लिखा है कि एक साल की परिवीक्षा अवधि के बाद प्रबंधक नियमित माने जाएंगे. लेकिन उसे भी अब तक धरातल पर नहीं लाया गया है. यही वजह है कि संघ ने 6 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.