रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बलौदाबाजार की घटना पर भाजपा पर तुष्टिकरण की नीति और लापरवाही का आरोप लगाया. भूपेश बघेल ने कहा कि जो कुछ भी बलौदाबाजार में हुआ उसके पीछे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का हाथ है. पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि ''भाजपा के नेताओं ने ही भीड़ को भड़काया और घटना को अंजाम दिया. बलौदाबाजार हिंसा के बाद से जनता का भरोसा सरकार के ऊपर से खत्म हो गया है, जनता डरी हुई है. बघेल ने कहा कि कई ऐसे प्रश्न हैं जिनका जवाब अभी नहीं आया है अगर इन प्रश्नों का उत्तर मिल जाए तो सारा मामला साफ हो जाएगा.''
''हिंसा भड़काना बीजेपी का चरित्र'': भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि ''पूरे आंदोलन में भाजपा की जिला अध्यक्ष सनम जांगड़े सहित भाजपा नेताओं की भूमिका की जांच होनी चाहिए. धरना प्रदर्शन के लिए कलेक्टर से परमिशन दिलाने वाला कौन था इसकी भी जांच होनी चाहिए. जो लोग इस रैली में आए थे वह हजारों की संख्या में थे ऐसे लोगों के लिए भोजन, मंच, पंडाल के लिए किसने व्यवस्था की ये जांच का विषय है. इतनी बड़ी घटना के बाद भड़काऊ भाषण देने वाले भीम आर्मी के लोगों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई. नागपुर से 250 से अधिक लोग आए थे वह कौन थे सरकार ने उन पर नजर क्यों नहीं रखी. भीड़ में लोग लाठी डंडा लेकर आए थे तो ऐसे में प्रशासन क्या कर रहा था उन्होंने उन्हें क्यों नहीं रोक गया. सरकार को इन तमाम बातों का जवाब देने चाहिए.''
बघेल का सरकार पर निशाना: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि'' रैली की शुरुआत होते ही उपद्रव शुरू हो गया. इसके बावजूद लोगों को कलेक्टर परिसर में क्यों जाने दिया गया, भीड़ को रोकने की कोशिश क्यों नहीं हुई. आम जनता के वाहन जलए जा रहे थे, लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जा रहा था तब पुलिस कहां थी. बड़ा सवाल यह है कि तत्कालीन एसपी किसके इशारेे पर वहां बैठे थे. घटना रोकने की बजाय वह यहां से पलायन कर गए.''
''खत्म हो चुका है सरकार का इकबाल'': भूपेश बघेल ने बीजेपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि इस सरकार का इकबार खत्म हो गया है. जनता के मन में डर समा गया है. कानून व्यवस्था के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है. बघेल ने कहा कि जिस जिले में एसपी और कलेक्टर का दफ्तर जला दिया जाए वहां सरकार का क्या अब भी अस्तित्व बचा है. बघेल ने सीएम का इस्तीफा भी इस मुद्दे पर मांगा.