राजसमंद : नाथद्वारा स्थित विश्व प्रसिद्ध श्रीनाथजी मंदिर में बनाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता बनाए रखने व मिलावट को रोकने के उद्देश्य से तिलकायत पुत्र युवाचार्य विशाल बावा ने दूध की जांच करने की अत्याधुनिक लैक्टोमीटर मशीन का उद्घाटन किया. पुष्टिमार्गीय वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधानपीठ श्रीनाथजी की हवेली में बनाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता को बनाए रखने और मिलावट को रोकने के लिए नवाचार करते हुए श्रीनाथजी मंदिर में चढ़ाए जाने वाले दूध की जांच करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक वाली लैक्टोमीटर मशीन का उद्घाटन किया.
इस अवसर पर चिरंजीव विशाल बावा ने मंदिर में दूध का व्यवसाय करने वालों को निर्देश दिया कि श्रीनाथजी की सेवा में शुद्ध दूध का वितरण करें और प्रभु की सेवा सामग्री में किसी प्रकार की मिलावट न करें. उन्होंने सभी को आश्वस्त भी किया कि सभी दूध का व्यवसाय करने वाले सेवकों को निर्बाध व्यवसाय की छूट रहेगी, लेकिन पानी मिला या अन्य मिलावट वाली सामग्री को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
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मंदिर में ही बनते हैं सभी प्रसाद: श्रीनाथजी मंदिर का सखड़ी और असखड़ी प्रसाद देश भर में विख्यात है. यहां के लड्डू, सागर, पूड़ी, ठौर और रबड़ी, खीर, बासुंदी आदि की विशेष मांग रहती है. श्रीनाथजी मंदिर में बाहर से लाया गया कोई प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता है, बल्कि पुष्टिमार्गीय परंपरा अनुसार अस्पर्श की सेवा में मंदिर के अंदर ही प्रसाद का निर्माण किया जाता है. इसके लिए मंदिर की गौशाला से दूध, दही और मक्खन और बाग से सब्जी फल-फूल आदि लाए जाते हैं, लेकिन बाहर से भी वैष्णव दर्शनार्थियों की ओर से मंदिर में दूध और राशन आदि सामग्री भेंट की जाती है.
तिरुपति बालाजी में हुआ था विवाद : कुछ दिनों पूर्व दक्षिण भारत के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डुओं में चर्बी मिलने का मामला सामने आया था, जिसके बाद मिलावटी घी और अन्य सामग्रियों को लेकर विवाद हुआ था. पूरे देश भर के मंदिरों के प्रसाद की गुणवत्ता व मिलावट की जांच को लेकर लोग मांग कर रहे हैं. श्रीनाथजी मंदिर के तिलकायत महाराज की आज्ञा से मंदिर में बाहर से आने वाली सामग्रियों की गुणवत्ता जांचने के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में इस मशीन का उद्घाटन किया गया.