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वृद्धावस्था पेंशन के लिए बुजुर्गों को नहीं काटने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर, ऑनलाइन ट्रांसफर होगी धनराशि

अब बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर होगी, नहीं लगाने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

UTTARAKHAND OLD AGE PENSION
वृद्धावस्था पेंशन पर बड़ा फैसला (photo- ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड में बुजुर्गों को अब वृद्धावस्था पेंशन के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, क्योंकि समाज कल्याण विभाग बुजुर्गों के खाते में ऑनलाइन राशि ट्रांसफर करने जा रहा है. साथ ही 30 अक्टूबर को 60 साल पूरा करने वाले 10 हजार बुजुर्गों का विभाग ने डाटा तैयार कर लिया है. वहीं, इस पहल से बुजुर्गों में खुशी की लहर है.

वृद्धावस्था पेंशन के लिए बुजुर्गों को नहीं लगाने पड़ेंगे दफ्तर के चक्कर: समाज कल्याण विभाग के निदेशक प्रकाश चंद्र ने बताया कि 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले बुजुर्गों को दफ्तरों के चक्कर नहीं कटने पड़ेंगे, क्योंकि विभाग वृद्धावस्था पेंशन की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर करने जा रहा है. उन्होंने कहा कि अक्सर बुजुर्गों को पेंशन के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे. दस्तावेजी प्रक्रिया में समय लगने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता था. लेकिन अब सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग ने इस समस्या का समाधान कर दिया है.

10 हजार बुजुर्गों का डाटा तैयार: प्रकाश चंद्र ने बताया कि विभाग ने पूरे प्रदेश में सर्वे कर साढ़े 59 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों का आंकड़ा इकट्ठा किया है. इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पेंशन के पात्र बुजुर्गों को उनके 60 वर्ष पूरे होते ही लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे लोगों की संख्या 9,440 है, जिनमें से उधमसिंह नगर में सबसे अधिक नए बुजुर्ग मिले हैं.

बुजुर्गों को जल्द से जल्द मिलेगा वृद्धावस्था पेंशन का लाभ: प्रकाश चंद्र ने बताया कि समाज कल्याण विभाग विभिन्न वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करता है, जिसमें वृद्धावस्था पेंशन भी शामिल है. नियमों के अनुसार, 60 वर्ष की आयु के बाद बुजुर्गों को पेंशन के लिए आवेदन करना होता है, जिसके बाद सत्यापन और दस्तावेजों की जांच के बाद उन्हें पेंशन मिलने लगती है. उन्होंने कहा कि इस बार सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य स्थापना दिवस से पहले 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले बुजुर्गों को जल्द से जल्द पेंशन का लाभ दिया जाए, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिल सके और उनकी जीवन स्थिति में सुधार हो सके.

25 अक्टूबर को तक होगी दस्तावेजों की जांच: समाज कल्याण विभाग के निदेशक प्रकाश चंद्र ने बताया कि विशेष अभियान के तहत 27 सितंबर से 14 अक्टूबर तक करीब 10 हजार लोगों का डाटा तैयार किया गया है, जबकि 15 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक दस्तावेजों की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह जांच की जाएगी कि बुजुर्ग व्यक्ति उत्तराखंड का है या नहीं और उसकी आय कितनी है. पात्र बुजुर्गों को 30 अक्टूबर तक चयनित कर लिया जाएगा. इसके बाद उन्हें बुजुर्ग पेंशन का लाभ मिलने लगेगा.

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देहरादून: उत्तराखंड में बुजुर्गों को अब वृद्धावस्था पेंशन के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, क्योंकि समाज कल्याण विभाग बुजुर्गों के खाते में ऑनलाइन राशि ट्रांसफर करने जा रहा है. साथ ही 30 अक्टूबर को 60 साल पूरा करने वाले 10 हजार बुजुर्गों का विभाग ने डाटा तैयार कर लिया है. वहीं, इस पहल से बुजुर्गों में खुशी की लहर है.

वृद्धावस्था पेंशन के लिए बुजुर्गों को नहीं लगाने पड़ेंगे दफ्तर के चक्कर: समाज कल्याण विभाग के निदेशक प्रकाश चंद्र ने बताया कि 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले बुजुर्गों को दफ्तरों के चक्कर नहीं कटने पड़ेंगे, क्योंकि विभाग वृद्धावस्था पेंशन की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर करने जा रहा है. उन्होंने कहा कि अक्सर बुजुर्गों को पेंशन के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे. दस्तावेजी प्रक्रिया में समय लगने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता था. लेकिन अब सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग ने इस समस्या का समाधान कर दिया है.

10 हजार बुजुर्गों का डाटा तैयार: प्रकाश चंद्र ने बताया कि विभाग ने पूरे प्रदेश में सर्वे कर साढ़े 59 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों का आंकड़ा इकट्ठा किया है. इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पेंशन के पात्र बुजुर्गों को उनके 60 वर्ष पूरे होते ही लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे लोगों की संख्या 9,440 है, जिनमें से उधमसिंह नगर में सबसे अधिक नए बुजुर्ग मिले हैं.

बुजुर्गों को जल्द से जल्द मिलेगा वृद्धावस्था पेंशन का लाभ: प्रकाश चंद्र ने बताया कि समाज कल्याण विभाग विभिन्न वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करता है, जिसमें वृद्धावस्था पेंशन भी शामिल है. नियमों के अनुसार, 60 वर्ष की आयु के बाद बुजुर्गों को पेंशन के लिए आवेदन करना होता है, जिसके बाद सत्यापन और दस्तावेजों की जांच के बाद उन्हें पेंशन मिलने लगती है. उन्होंने कहा कि इस बार सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य स्थापना दिवस से पहले 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले बुजुर्गों को जल्द से जल्द पेंशन का लाभ दिया जाए, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिल सके और उनकी जीवन स्थिति में सुधार हो सके.

25 अक्टूबर को तक होगी दस्तावेजों की जांच: समाज कल्याण विभाग के निदेशक प्रकाश चंद्र ने बताया कि विशेष अभियान के तहत 27 सितंबर से 14 अक्टूबर तक करीब 10 हजार लोगों का डाटा तैयार किया गया है, जबकि 15 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक दस्तावेजों की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह जांच की जाएगी कि बुजुर्ग व्यक्ति उत्तराखंड का है या नहीं और उसकी आय कितनी है. पात्र बुजुर्गों को 30 अक्टूबर तक चयनित कर लिया जाएगा. इसके बाद उन्हें बुजुर्ग पेंशन का लाभ मिलने लगेगा.

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