कोटा : लाडपुरा के पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत को गुरुवार को एससी-एसटी कोर्ट ने ढाई साल पुराने मामले में दोषी मानते हुए 3 साल की सजा सुनाई है. उनके साथ धाकड़खेड़ी निवासी महावीर सुमन को भी न्यायालय ने दोषी माना है और सजा सुनाई है. दोनों पर 30-30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. हालांकि, विधायक भवानी सिंह राजावत को जेल नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि 3 साल से कम की सजा के मामले में तुरंत उनकी जमानत हो गई है.
इस मामले में भवानी सिंह राजावत ने कहा कि वह हाईकोर्ट में अपील करेंगे. उन्होंने कहा कि उन्होंने और उनके कार्यकर्ताओं ने मारपीट नहीं की थी. उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि हाईकोर्ट से न्याय मिलेगा. गिरफ्तारी के बाद 11 दिन जेल में बिताने के बाद उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. कोर्ट के फैसले के बाद भवानी सिंह राजावत तुरंत दाढ़ देवी के दर्शन करने पहुंचे.
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डीसीएफ से की थी मारपीट : बता दें कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान दाढ़ देवी वन क्षेत्र से सड़क निर्माण कार्य चल रहा था, जिसे वन विभाग के कर्मचारी रोक रहे थे. इस बात से नाराज होकर भवानी सिंह राजावत अपने कार्यकर्ताओं के साथ 31 मार्च 2022 को वन विभाग टेरिटोरियल के ऑफिस सिविल लाइंस पहुंचे थे. राजावत पर आरोप था कि उन्होंने डीसीएफ रवि मीणा से मारपीट की और उन्हें थप्पड़ मार दिया था.
इस मामले में रवि मीणा की शिकायत पर नयापुरा थाना पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट और राज कार्य में बाधा सहित कई धाराओं में राजावत पर मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद 1 अप्रैल 2022 को राजावत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. न्यायालय ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था. इस मामले में 11 अप्रैल को हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी. इसके बाद पुलिस ने इस मामले में चालान पेश किया था.