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सिंगरौली में मृत महिला कर रही तालाब की खुदाई, हर महीने हो रहा पैसे का भुगतान

सिंगरौली जिले के चितरंगी ब्लॉक के ग्राम धानी ग्राम पंचायत का मामला. मनरेगा के तहत मृतक महिला के नाम पर हो रही पैसे की निकासी.

DEAD WOMAN IS DIGGING A POND MNREGA IN SINGRAULI
सिंगरौली में मृत महिला कर रही तालाब खुदाई का काम (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

सिंगरौली: मध्य प्रदेश में आए दिन ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार एवं लापरवाही की घटनाएं सामने आती रहती हैं. सिंगरौली जिले की धानी ग्राम पंचायत से एक ऐसा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है.

सिंगरौली जिले के चितरंगी ब्लाक के ग्राम धानी में पंचायत सचिव एवं सरपंच ने 2020 में मर चुकी महिला को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार में काम दिया. मृतक महिला के खाते से राशि निकाल कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है. इसके खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. वहीं इस पूरे मामले में जिला पंचायत सीईओ गजेंद्र सिंह नागेश ने कहा "मामले की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी."

मर चुके लोगों के बने हैं जॉब कार्ड, उनके नाम पर हो रहा भुगतान

दरअसल कमला पाठक (पति सरपंच पाठक) की 27 सितंबर 2020 में मौत हो चुकी है. लेकिन आज भी वह जीवित हैं. न सिर्फ जीवित हैं बल्कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार एक्ट के तहत काम भी कर रही हैं और उनके काम का भुगतान भी हो रहा है. यह अजब गजब चौंकाने वाला मामला मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के चितरंगी ब्लॉक के धानी ग्राम पंचायत से सामने आया है.जहां जहां मस्टररोल में मुर्दों के नाम भी भरकर उनके नाम पर पैसा हड़प किया जा रहा है.

इसी तरह गांव के कई स्कूली बच्चों का नाम मनरेगा मस्टररोल में अलग-अलग तारीखों में नाम भरकर उनके नाम की मजदूरी निकाली गई है. जिन तारीखों में उन्हें मजदूरी करते दिखाया गया है. उन तारीखों में वे विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं.

धानी गांव सिंगरौली जिले की सीमा से जुड़ा हुआ है, जो जिले का अंतिम गांव है. जिले की आखिरी ग्राम पंचायत होने के कारण अधिकारी इस गांव तक सरकारी योजनाओं का निरीक्षण करने नहीं पहुंचते हैं. जिसकी वजह से सरपंच और सचिव मिलकर मनमानी करते हैं. वैसे भी यहां मजदूरों की बजाय अधिकतर काम मशीन के जरिए कराए जाते हैं. बहुत से ऐसे कार्य हैं जो कराए ही नहीं गए लेकिन उनको पूर्ण दिखाकर मजदूरी का पैसा निकाल लिया गया है.

ससुर सरपंच व बहू रोजगार सचिव, सचिव ने मिलकर कर दिया बड़ा घोटाला

मनरेगा, पीएम आवास योजना जैसी योजनाओं में रोजगार सहायक, सचिव व सरपंच की अहम भूमिका होती है. ये लोग मजदूरों से मिलकर फर्जी मस्टररोल भर देते हैं. मजदूरों के ATM, पासबुक सरपंच, सचिवों के पास होते हैं. मजदूरों को कागजों में कराई गई मजदूरी का 10% देकर उनके खाते इस्तेमाल कर रहें है. शेष 90% राशि में सरपंच, सचिव व रोजगार सचिव का हिस्सा होता है.

नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि खाते में पंचायत से पैसे जरूर आते हैं लेकिन कब निकल जाता है पता ही नहीं चलता. गांव के ज्यादातर लोग आदिवासी समुदाय के हैं जो पढ़े-लिखे नहीं हैं. जिसका फायदा सरपंच, रोजगार सचिव व सचिव उठाते हैं. तीनों मिलकर सरकारी राशि का घोटाला करते है. वहीं सचिव, सरपंच और रोजगार सेवक सहित ब्लॉक के अधिकारियों के संरक्षण में घोटाले का सिंडिकेट चलता रहा है. मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना के जरिए अधिकारी घोटाला करते रहते हैं.

ग्रामीणों ने की आपराधिक मामला दर्ज कराने की मांग

फर्जीवाड़ा किए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश है. इन्होंने जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इनके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है. वहीं इस पूरे मामले में जिला पंचायत सीईओ गजेंद्र सिंह नागेश ने कहा "जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी."

सिंगरौली: मध्य प्रदेश में आए दिन ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार एवं लापरवाही की घटनाएं सामने आती रहती हैं. सिंगरौली जिले की धानी ग्राम पंचायत से एक ऐसा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है.

सिंगरौली जिले के चितरंगी ब्लाक के ग्राम धानी में पंचायत सचिव एवं सरपंच ने 2020 में मर चुकी महिला को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार में काम दिया. मृतक महिला के खाते से राशि निकाल कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है. इसके खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. वहीं इस पूरे मामले में जिला पंचायत सीईओ गजेंद्र सिंह नागेश ने कहा "मामले की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी."

मर चुके लोगों के बने हैं जॉब कार्ड, उनके नाम पर हो रहा भुगतान

दरअसल कमला पाठक (पति सरपंच पाठक) की 27 सितंबर 2020 में मौत हो चुकी है. लेकिन आज भी वह जीवित हैं. न सिर्फ जीवित हैं बल्कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार एक्ट के तहत काम भी कर रही हैं और उनके काम का भुगतान भी हो रहा है. यह अजब गजब चौंकाने वाला मामला मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के चितरंगी ब्लॉक के धानी ग्राम पंचायत से सामने आया है.जहां जहां मस्टररोल में मुर्दों के नाम भी भरकर उनके नाम पर पैसा हड़प किया जा रहा है.

इसी तरह गांव के कई स्कूली बच्चों का नाम मनरेगा मस्टररोल में अलग-अलग तारीखों में नाम भरकर उनके नाम की मजदूरी निकाली गई है. जिन तारीखों में उन्हें मजदूरी करते दिखाया गया है. उन तारीखों में वे विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं.

धानी गांव सिंगरौली जिले की सीमा से जुड़ा हुआ है, जो जिले का अंतिम गांव है. जिले की आखिरी ग्राम पंचायत होने के कारण अधिकारी इस गांव तक सरकारी योजनाओं का निरीक्षण करने नहीं पहुंचते हैं. जिसकी वजह से सरपंच और सचिव मिलकर मनमानी करते हैं. वैसे भी यहां मजदूरों की बजाय अधिकतर काम मशीन के जरिए कराए जाते हैं. बहुत से ऐसे कार्य हैं जो कराए ही नहीं गए लेकिन उनको पूर्ण दिखाकर मजदूरी का पैसा निकाल लिया गया है.

ससुर सरपंच व बहू रोजगार सचिव, सचिव ने मिलकर कर दिया बड़ा घोटाला

मनरेगा, पीएम आवास योजना जैसी योजनाओं में रोजगार सहायक, सचिव व सरपंच की अहम भूमिका होती है. ये लोग मजदूरों से मिलकर फर्जी मस्टररोल भर देते हैं. मजदूरों के ATM, पासबुक सरपंच, सचिवों के पास होते हैं. मजदूरों को कागजों में कराई गई मजदूरी का 10% देकर उनके खाते इस्तेमाल कर रहें है. शेष 90% राशि में सरपंच, सचिव व रोजगार सचिव का हिस्सा होता है.

नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि खाते में पंचायत से पैसे जरूर आते हैं लेकिन कब निकल जाता है पता ही नहीं चलता. गांव के ज्यादातर लोग आदिवासी समुदाय के हैं जो पढ़े-लिखे नहीं हैं. जिसका फायदा सरपंच, रोजगार सचिव व सचिव उठाते हैं. तीनों मिलकर सरकारी राशि का घोटाला करते है. वहीं सचिव, सरपंच और रोजगार सेवक सहित ब्लॉक के अधिकारियों के संरक्षण में घोटाले का सिंडिकेट चलता रहा है. मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना के जरिए अधिकारी घोटाला करते रहते हैं.

ग्रामीणों ने की आपराधिक मामला दर्ज कराने की मांग

फर्जीवाड़ा किए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश है. इन्होंने जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इनके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है. वहीं इस पूरे मामले में जिला पंचायत सीईओ गजेंद्र सिंह नागेश ने कहा "जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी."

Last Updated : 2 hours ago
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