लखनऊ : स्वामी प्रसाद मौर्य की इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुई विधान परिषद की एक सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी ने बहोरन लाल मौर्य को अपना उम्मीदवार बनाया है. मौर्य इससे पहले साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बरेली की भोजीपुरा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. पिछड़ा वर्ग से आने वाले मौर्य साल 2022 के विधानसभा चुनाव में पराजित हो गए थे. उनको बीजेपी ने एक ऐसी सीट पर उम्मीदवार चुन लिया है जो कि भारतीय जनता पार्टी के निर्विरोध खाते में जाएगी. साल 2028 तक मौर्य एमएलसी रहेंगे. मौर्य मंगलवार को एमएलसी पद का नामांकन भरेंगे.
यह सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में जाना तय है. विधायकों की संख्या को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी को एमएलसी का यह पद निर्विरोध मिल सकता है. दूसरी और चुनाव के ठीक बाद इस एमएलसी पद के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बीच एक बार फिर से कशमकश शुरू हो गई थी. अनेक नेता एमएलसी बनने के लिए प्रयासरत होना शुरू हो गए थे. लखनऊ से लेकर दिल्ली दरबार तक नेता अपनी जगह बनाने को तैयार हो रहे थे. मगर बाजी बहोरन लाल मौर्य ने माऱ ली. मौर्य नेता को टिकट देकर भाजपा अखिलेश यादव के पी डी ए गांव को कमजोर करने का प्रयास कर रही.
स्वामी प्रसाद मौर्य के त्यागपत्र देने से रिक्त हुई विधान परिषद की एक सीट के उपचुनाव के लिए मंगलवार से नामांकन शुरू हो गए थे. नामांकन पत्र दो जुलाई तक भरे जा सकेंगे. यह सीट विधानसभा क्षेत्र कोटे की है. इसमें विधानसभा के सदस्य ही वोट डालते हैं. ऐसे में विधायकों के संख्याबल के हिसाब से यह सीट भाजपा के खाते में जानी तय है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के साथ ही इस वर्ष 20 फरवरी को विधान परिषद की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था. उनका कार्यकाल छह जुलाई, 2028 तक था. इस रिक्त सीट के उपचुनाव की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो रही है.
चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी इस पद के लिए एक ऐसे नेता को चुनेगी उसे समाज पर असर ज्यादा पड़े जिसने भारतीय जनता पार्टी को वोट नहीं दिया. माना जा रहा है कि के पद पर भारतीय जनता पार्टी किसी दलित चेहरे को चुन सकती है. ताकि आरक्षण समाप्त करने संबंधित नॉरेटिव को बीजेपी काट सके.