करौली. जिले के सपोटरा इलाके के गांव बुकना में गुरुवार को हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से घर के भीतर सो रहे सात बच्चे बुरी तरह झुलस गए, जिसमें से एक 16 वर्षीय बालिका की मौत हो गई. परिजनों ने बच्चों को करंट से बचाने का प्रयास किया, तो उन्हें भी करंट का तेज झटका लगा. जैसे-तैसे घरवालों ने लकड़ी की सहयता से बिजली लाइन को काटा और बिजली विभाग को फोन पर सूचना देकर बिजली बंद करवाई.
हादसे में जितेंद्र महावर की तीन बेटियां प्रिया, सोनम, मोनिका, दो बेटे आयुष, नैतिक और दो भांजी संध्या, अन्नू सहित कुल सात नाबालिक बालक-बालिका करंट की चपेट में आकर पूरी तरह झुलस गए. ग्रामीणों की सहायता से करंट से झुलसे घायल बच्चों को राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सपोटरा लाया गया, जहां जांच के बाद चिकित्सकों एक बालिका को मृत घोषित कर दिया. हालत गंभीर होने पर प्राथमिक उपचार के बाद सभी घायलों को जिला चिकित्सालय करौली रेफर कर दिया गया है. सूचना मिलने पर सपोटरा थाना अधिकारी अनिल कुमार गौतम अस्पताल पहुंचे. मृतक बालिका के शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है.
गंभीर घायलों को जयपुर किया रेफर : मृतक के चाचा लाला महावर ने बताया कि हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से गंभीर घायलों को सपोटरा सरकारी अस्पताल से करौली जिला अस्पताल के लिए रेफर किया था, लेकिन हालत गंभीर होने पर जिला चिकित्सालय करौली के चिकित्सकों ने तीन बालिकाओं को जयपुर रैफर कर दिया गया है. दर्दनाक हादसे की खबर सुनकर प्रभारी मंत्री एव गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम और सपोटरा विधायक हंसराज मीणा ने घटना पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने कहा कि दुखद घड़ी में परिजनों के साथ हैं. अधिकारियों और चिकित्सकों से संपर्क कर घायलों की जानकारी ली है. चिकित्सकों को बेहतर इलाज करने के निर्देश दिए गए हैं.
विद्युत विभाग पर लापरवाही के आरोप : घटना पर ग्रामीणों ने बिजली विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही बरतने के गंभीर आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग के अधिकारियों को पहले भी लाइनों को ठीक करने के बारे में अवगत करवा दिया गया था, लेकिन लापरवाह अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. इस कारण आज ये घटना हुई है.