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हिमाचल से इलाज के लिए हर साल बाहर जाते हैं 9.50 लाख मरीज, GDP में होता है करोड़ों का नुकसान - HIMACHALI GO OUTSIDE FOR TREATMENT

अच्छा मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर होने के बावजूद भी हिमाचल से लाखों लोग बाहरी राज्यों में इलाज करवाने जाते हैं. इसको लेकर सुक्खू सरकार चिंतित है.

हिमाचल में लाखों लोग इलाज के लिए प्रतिवर्ष बाहरी राज्यों का करते हैं रुख
हिमाचल में लाखों लोग इलाज के लिए प्रतिवर्ष बाहरी राज्यों का करते हैं रुख (फाइल फोट)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 30, 2024, 9:09 PM IST

शिमला: स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमाचल की स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर है. यहां एम्स बिलासपुर, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चमियाना, रीजनल कैंसर सेंटर शिमला, मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल शिमला और 6 मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं. इतना मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर होने के बावजूद प्रदेशभर से हर साल 9.50 लाख मरीज इलाज के लिए प्रदेश से बाहर जाते हैं जिससे सकल घरेलू उत्पाद में 1,350 करोड़ रुपये का नुकसान होता है.

इसको लेकर प्रदेश सरकार चिंतित है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा लोगों को प्रदेश में स्वास्थ्य लाभ के लिए सरकार अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों और मशीनरी की खरीद पर करीब 1,570 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जाएगी ताकि मरीजों को प्रदेश से बाहर न जाना पड़े. सीएम सुक्खू ने शिमला में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये बात कही. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र का कायाकल्प करने की दिशा में काम कर रही है.

हमीरपुर में कैंसर केयर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होगा स्थापित

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालयों को न्यूरोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, ऑर्थोपेडिक और अन्य विभागों में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा के साथ स्तरोन्नत किया जा रहा है. इससे डॉक्टरों का कार्यभार कम होगा और उपचाराधीन मरीज भी लाभान्वित होंगे. उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला और डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में अत्याधुनिक पैट स्कैन और एमआरआई मशीनें स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है. इन्हें जल्द ही जनता को समर्पित किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में 300 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कैंसर केयर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी स्थापित किया जाएगा. इसमें राज्य की पहली साइक्लोट्रॉन मशीन के साथ रेडिएशन और न्यूक्लियर मेडिसिन थेरेपी की सुविधा भी उपलब्ध होगी. इस केंद्र में कैंसर के मरीजों के लिए 150 बिस्तरों की सुविधा भी होगी.

उपचार सुविधाएं बढ़ाने के लिए जोनल अस्पताल, क्षेत्रीय व जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इन-हाउस लैबोरेटरी स्थापित करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा. कार्य योजना के तहत जोनल और सिविल अस्पतालों में मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर स्थापित किए जाएंगे.

प्रदेश सरकार के इन प्रयासों के फलस्वरूप मरीजों को उपचार के लिए प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा और राज्य में मेडिकल टूरिज्म को भी प्रोत्साहन मिलेगा. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्वास्थ्य सुविधाओं के स्तरोन्नयन कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए.

ये भी पढ़ें: शिमला में अब पुरुषों से यूरिन चार्ज वसूलने की तैयारी, नगर निगम ने बनाया प्रस्ताव

शिमला: स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमाचल की स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर है. यहां एम्स बिलासपुर, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चमियाना, रीजनल कैंसर सेंटर शिमला, मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल शिमला और 6 मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं. इतना मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर होने के बावजूद प्रदेशभर से हर साल 9.50 लाख मरीज इलाज के लिए प्रदेश से बाहर जाते हैं जिससे सकल घरेलू उत्पाद में 1,350 करोड़ रुपये का नुकसान होता है.

इसको लेकर प्रदेश सरकार चिंतित है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा लोगों को प्रदेश में स्वास्थ्य लाभ के लिए सरकार अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों और मशीनरी की खरीद पर करीब 1,570 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जाएगी ताकि मरीजों को प्रदेश से बाहर न जाना पड़े. सीएम सुक्खू ने शिमला में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये बात कही. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र का कायाकल्प करने की दिशा में काम कर रही है.

हमीरपुर में कैंसर केयर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होगा स्थापित

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालयों को न्यूरोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, ऑर्थोपेडिक और अन्य विभागों में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा के साथ स्तरोन्नत किया जा रहा है. इससे डॉक्टरों का कार्यभार कम होगा और उपचाराधीन मरीज भी लाभान्वित होंगे. उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला और डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में अत्याधुनिक पैट स्कैन और एमआरआई मशीनें स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है. इन्हें जल्द ही जनता को समर्पित किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में 300 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कैंसर केयर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी स्थापित किया जाएगा. इसमें राज्य की पहली साइक्लोट्रॉन मशीन के साथ रेडिएशन और न्यूक्लियर मेडिसिन थेरेपी की सुविधा भी उपलब्ध होगी. इस केंद्र में कैंसर के मरीजों के लिए 150 बिस्तरों की सुविधा भी होगी.

उपचार सुविधाएं बढ़ाने के लिए जोनल अस्पताल, क्षेत्रीय व जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इन-हाउस लैबोरेटरी स्थापित करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा. कार्य योजना के तहत जोनल और सिविल अस्पतालों में मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर स्थापित किए जाएंगे.

प्रदेश सरकार के इन प्रयासों के फलस्वरूप मरीजों को उपचार के लिए प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा और राज्य में मेडिकल टूरिज्म को भी प्रोत्साहन मिलेगा. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्वास्थ्य सुविधाओं के स्तरोन्नयन कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए.

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