प्रयागराज : देश के हर कोने में सोमवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर रामोत्सव मनाया गया. जो लोग अयोध्या नहीं जा सके उन लोगों ने अपने घर के पास में मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना की. इसके बाद शाम को दीपक जलाकर राम उत्सव मनाया. वहीं प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल के अंदर भी रामोत्सव मनाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे. जेल के अंदर चार हजार बंदियों ने भी हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करके रामोत्सव मनाया. शाम को जेल की बैरकों के गेट पर भी दीये जलाए गए. दिन में बंदियों ने प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण देखा. जेल में भी विशेष प्रसाद का वितरण किया गया.
प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल के अंदर बंदियों ने रामोत्सव को पूरे उत्साह के साथ मनाया. जेल के अंदर बंदी सोमवार की सुबह से ही पूरे उत्साह और उमंग के साथ रामोत्सव मनाने में जुटे हुए थे. सुबह बंदियों ने जेल में बने मंदिर के बाहर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ किया. इसके साथ ही तमाम बंदियों ने श्रीमद्भागवत गीता के श्लोक भी पढ़े. 22 जनवरी को हुए रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को मनाने के लिए नैनी सेंट्रल जेल में भी खास व्यवस्था की गई थी. पुरुषों के साथ ही महिला बंदियों के लिए उनके जेल में भी सभी व्यवस्था की गई थी. बंदियों ने सुबह न सिर्फ पूजा पाठ किया बल्कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के द्वारा किए जा रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह को टीवी पर देखा.
जेल की सभी बैरकों में बंद बंदी आसानी से कार्यक्रम को देख और सुन सकें इसकी व्यवस्था पहले से ही कर ली गई थी. जेल में बंद चार हजार से अधिक बंदियों ने पूरे कार्यक्रम को देखा और उत्साह के साथ जय श्री राम के जयकारे भी लगाए. इसके साथ ही शाम को बंदियों ने जेल के बैरक और मंदिर के बाहर दीप भी जलाकर दीपोत्सव मनाया. नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर ने बताया कि शासन के आदेश पर सेंट्रल जेल के बंदियों के लिए भी लाइव प्रसारण का इंतजाम किया गया था.
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