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12 साल बाद आया फैसला: कोर्ट ने 3 महिलाओं सहित 6 को हत्या के लिए दोषी माना, आजीवन कारावास की सजा सुनाई - LIFE IMPRISONMENT IN SIKAR

सीकर में हत्या के बारह साल पुराने मामले में अदालत ने दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इनमें तीन महिलाएं भी हैं.

Life Imprisonment In Sikar
6 को आजीवन कारावास की सजा (ETV Bharat Sikar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 13, 2024, 9:52 AM IST

Updated : Dec 13, 2024, 10:01 AM IST

सीकर: अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने युवक की हत्या के दोषी 6 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं. कोर्ट ने सभी दोषियों पर पांच—पांच हजार का जुर्माना भी लगाया है. ये फैसला वारदात के 12 साल बाद आया है. एक आरोपी शिवपाल की मौत हो चुकी है. लोक अभियोजक अनिल शर्मा ने बताया कि परिवादी गोरूलाल और दोषियों के बीच जमीन बंटवारे और रास्ता बंद करने को लेकर विवाद था.

दस मई 2012 को रानोली थाने में गोरूलाल ने रिपोर्ट दी थी कि सुबह 11 बजे कल्याण खर्रा का परिवार मेरे मकान में घुस आया. दो दर्जन लोगों ने बेटे राजेंद्र पर लाठी-सरियों से ताबड़तोड़ वार किए. इस दौरान उसके पक्ष के गोपाल, नेमीचंद और बीरबल को भी चोटें आई. सिर में गंभीर चोट लगने से राजेंद्र लहुलूहान होकर गिर गया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राजेंद्र को एसके अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान राजेंद्र की मौत हो गई.

पढ़ें: हत्या मामले में मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास

पुलिस ने गोरूलाल की रिपोर्ट पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. एफएसएल टीम ने मौके से सबूत एकत्र किए. तफ्तीश में आरोपी नरसीराम, राजपाल, ओमप्रकाश, ज्योति, मनीषा और सरोजदेवी की लिप्त पाए गए. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर चालान पेश किया. पुलिस ने कोर्ट में 31 गवाह व 20 दस्तावेज पेश किए. वारदात के काम ली गई लाठी और सरियों की जानकारी दी. खून से सना शर्ट और बनियान बतौर सबूत पेश किए. न्यायालय में सुनवाई 12 साल तक चली. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अदालत ने छहों आरोपियों को दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस मामले में परिवादी गोरूलाल की तरफ से सत्यनारायण शर्मा और अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अनिल शर्मा ने पैरवी की.

सीकर: अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने युवक की हत्या के दोषी 6 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं. कोर्ट ने सभी दोषियों पर पांच—पांच हजार का जुर्माना भी लगाया है. ये फैसला वारदात के 12 साल बाद आया है. एक आरोपी शिवपाल की मौत हो चुकी है. लोक अभियोजक अनिल शर्मा ने बताया कि परिवादी गोरूलाल और दोषियों के बीच जमीन बंटवारे और रास्ता बंद करने को लेकर विवाद था.

दस मई 2012 को रानोली थाने में गोरूलाल ने रिपोर्ट दी थी कि सुबह 11 बजे कल्याण खर्रा का परिवार मेरे मकान में घुस आया. दो दर्जन लोगों ने बेटे राजेंद्र पर लाठी-सरियों से ताबड़तोड़ वार किए. इस दौरान उसके पक्ष के गोपाल, नेमीचंद और बीरबल को भी चोटें आई. सिर में गंभीर चोट लगने से राजेंद्र लहुलूहान होकर गिर गया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राजेंद्र को एसके अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान राजेंद्र की मौत हो गई.

पढ़ें: हत्या मामले में मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास

पुलिस ने गोरूलाल की रिपोर्ट पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. एफएसएल टीम ने मौके से सबूत एकत्र किए. तफ्तीश में आरोपी नरसीराम, राजपाल, ओमप्रकाश, ज्योति, मनीषा और सरोजदेवी की लिप्त पाए गए. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर चालान पेश किया. पुलिस ने कोर्ट में 31 गवाह व 20 दस्तावेज पेश किए. वारदात के काम ली गई लाठी और सरियों की जानकारी दी. खून से सना शर्ट और बनियान बतौर सबूत पेश किए. न्यायालय में सुनवाई 12 साल तक चली. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अदालत ने छहों आरोपियों को दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस मामले में परिवादी गोरूलाल की तरफ से सत्यनारायण शर्मा और अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अनिल शर्मा ने पैरवी की.

Last Updated : Dec 13, 2024, 10:01 AM IST
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