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रायपुर में आयुष्मान कार्ड से इलाज बंद !, 800 करोड़ का भुगतान बाकी - Ayushman Card Health Scheme

आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने वाले मरीजों को जल्द ही मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि मरीजों के इलाज में आए 800 करोड़ के खर्च का भुगतान अबतक अस्पतालों को नहीं किया गया है.

Ayushman Card Health Scheme
आयुष्मान कार्ड से उपचार बंद (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 25, 2024, 7:25 PM IST

Updated : May 6, 2024, 3:28 PM IST

आयुष्मान कार्ड से उपचार होगा बंद (ETV BHARAT)

रायपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब और मजबूर लोगों को इलाज मुहैया कराने के लिए आयुष्मान कार्ड की शुरुआत की थी. केंद्र सरकार की मंशा थी कि गंभीर बीमारी के चलते किसी गरीब की जान नहीं जानी चाहिए. पर अब आयुष्मान कार्ड के तहत लोगों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं खटाई में पड़ सकती है. दरअसल रायपुर के अस्पतालों ने आयुष्मान कार्ड के तहत लोगों का इलाज बंद कर दिया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी कहना है कि सरकार की ओर से नवंबर से लेकर अब तक प्रदेश भर में लगभग 800 करोड़ का भुगतान अस्पतालों को नहीं किया गया है. पैसों का भुगतान नहीं होने की वजह से अस्पताल काम नहीं कर पा रहे हैं. पैसों के भुगतान नहीं किए जाने का मुद्दा अब विपक्ष ने लपक लिया है.

बंद हो सकता है आयुष्मान कार्ड से इलाज!: आईएमए का कहना है कि अगर लंबे वक्त तक भुगतान को रोक दिया जाता है तो उससे व्यवस्था को चलना मुश्किल हो जाता है. आईएमए के मुताबिक वो लगातार समस्या के समाधान के लिए सरकार के संपर्क में है. शासन स्तर पर भुगतान के लिए बातचीत भी हो रही है. हमारी कोशिश है कि जल्द इस समस्या को निपटाया जाए.

शासन स्तर पर समस्या को लेकर बातचीत चल रही है. लंबित भुगतान को जल्द किया जाए. लंबित भुगतान को लेकर जो आयुष्मान में गाइडलाइन है उसका पालन हो. गाइडलाइन के मुताबिक इलाज के डेढ़ महीने के बाद भुगतान हो जाना चाहिए जो नहीं हो पाया है. करीब 6 से सात महीने तक का भुगतान बकाया है. छोटे अस्पताल इससे मुश्किल में हैं. लंबे वक्त तक पैसा नहीं मिलने से व्यवस्था बिगड़ रही है. अगर ऐसा ही रहा तो काम बंद होने की भी स्थिति बन सकती है. - राकेश गुप्ता, अध्यक्ष, आईएमए,रायपुर

आयुष्मान कार्ड के तहत उपचार बंद करने की जानकारी नहीं है. यह जरूर है कि रायपुर में आयुष्मान कार्ड का भुगतान न होने के कारण अस्पतालों में उपचार करने में दिक्कत आ रही है. इस मामले को लेकर सभी जिलों से जानकारी जुटाई जा रही है उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. - डॉ. नितिन जुनेजा, प्रदेश सचिव, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन

बकाया पैसों को लेकर राजनीति शुरु: आयुष्मान कार्ड से हुए इलाज के पैसों का भुगतान नहीं किए जाने की खबर जैसे ही कांग्रेस लगी उसने मुद्दे को लपकने में कोई देरी नहीं की. कांंग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि अभी तो चुनावी घोषणापत्र में बीजेपी ने इसका जोर शोर से प्रचार ही शुरु किया था कि भुगतान की दिक्कतें आने लगी.

बीजेपी की ये चुनावी घोषणाएं थी. हकीकत तो ये है कि आयुष्मान कार्ड के जरिए लोगों को उपचार नहीं मिल पा रहा है. इलाज नहीं मिलने के लिए पूरी तरह से केंद्र की भाजपा सरकार जिम्मेदार है. भूपेश बघेल की सरकार के दौरान हमने 25 लाख तक का इलाज लोगों का किया. भाजपा सरकार लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने में नाकाम रही है. - धनंजय सिंह ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस



अफसरों और मंत्रियों ने नहीं उठाया फोन: ईटीवी भारत ने पूरे मामले की जानकारी के लिए रायपुर जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ मिथिलेश चौधरी को फोन किया. पर उन्होंने फोन नहीं उठाया. ईटीवी भारत की ओर से उनकों टेक्स्ट मैसेज भी किया गया जिसका जवाब नहीं मिला. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से भी उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो पाई.


कब निकलेगा समस्या का समाधान: मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि उन्हें पूर्व का भी करोड़ों का भुगतान नहीं मिला है. जिस वजह से वह मरीजों का इलाज नहीं कर सकते हैं. इलाज बंद होने का सीधा खामियाजा उन मरीजों को भुगतान होगा जो गरीब और गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं. अब देखना ये है कि कितनी जल्दी इस समस्या का समाधन निकलता है.

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आयुष्मान कार्ड से उपचार होगा बंद (ETV BHARAT)

रायपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब और मजबूर लोगों को इलाज मुहैया कराने के लिए आयुष्मान कार्ड की शुरुआत की थी. केंद्र सरकार की मंशा थी कि गंभीर बीमारी के चलते किसी गरीब की जान नहीं जानी चाहिए. पर अब आयुष्मान कार्ड के तहत लोगों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं खटाई में पड़ सकती है. दरअसल रायपुर के अस्पतालों ने आयुष्मान कार्ड के तहत लोगों का इलाज बंद कर दिया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी कहना है कि सरकार की ओर से नवंबर से लेकर अब तक प्रदेश भर में लगभग 800 करोड़ का भुगतान अस्पतालों को नहीं किया गया है. पैसों का भुगतान नहीं होने की वजह से अस्पताल काम नहीं कर पा रहे हैं. पैसों के भुगतान नहीं किए जाने का मुद्दा अब विपक्ष ने लपक लिया है.

बंद हो सकता है आयुष्मान कार्ड से इलाज!: आईएमए का कहना है कि अगर लंबे वक्त तक भुगतान को रोक दिया जाता है तो उससे व्यवस्था को चलना मुश्किल हो जाता है. आईएमए के मुताबिक वो लगातार समस्या के समाधान के लिए सरकार के संपर्क में है. शासन स्तर पर भुगतान के लिए बातचीत भी हो रही है. हमारी कोशिश है कि जल्द इस समस्या को निपटाया जाए.

शासन स्तर पर समस्या को लेकर बातचीत चल रही है. लंबित भुगतान को जल्द किया जाए. लंबित भुगतान को लेकर जो आयुष्मान में गाइडलाइन है उसका पालन हो. गाइडलाइन के मुताबिक इलाज के डेढ़ महीने के बाद भुगतान हो जाना चाहिए जो नहीं हो पाया है. करीब 6 से सात महीने तक का भुगतान बकाया है. छोटे अस्पताल इससे मुश्किल में हैं. लंबे वक्त तक पैसा नहीं मिलने से व्यवस्था बिगड़ रही है. अगर ऐसा ही रहा तो काम बंद होने की भी स्थिति बन सकती है. - राकेश गुप्ता, अध्यक्ष, आईएमए,रायपुर

आयुष्मान कार्ड के तहत उपचार बंद करने की जानकारी नहीं है. यह जरूर है कि रायपुर में आयुष्मान कार्ड का भुगतान न होने के कारण अस्पतालों में उपचार करने में दिक्कत आ रही है. इस मामले को लेकर सभी जिलों से जानकारी जुटाई जा रही है उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. - डॉ. नितिन जुनेजा, प्रदेश सचिव, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन

बकाया पैसों को लेकर राजनीति शुरु: आयुष्मान कार्ड से हुए इलाज के पैसों का भुगतान नहीं किए जाने की खबर जैसे ही कांग्रेस लगी उसने मुद्दे को लपकने में कोई देरी नहीं की. कांंग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि अभी तो चुनावी घोषणापत्र में बीजेपी ने इसका जोर शोर से प्रचार ही शुरु किया था कि भुगतान की दिक्कतें आने लगी.

बीजेपी की ये चुनावी घोषणाएं थी. हकीकत तो ये है कि आयुष्मान कार्ड के जरिए लोगों को उपचार नहीं मिल पा रहा है. इलाज नहीं मिलने के लिए पूरी तरह से केंद्र की भाजपा सरकार जिम्मेदार है. भूपेश बघेल की सरकार के दौरान हमने 25 लाख तक का इलाज लोगों का किया. भाजपा सरकार लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने में नाकाम रही है. - धनंजय सिंह ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस



अफसरों और मंत्रियों ने नहीं उठाया फोन: ईटीवी भारत ने पूरे मामले की जानकारी के लिए रायपुर जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ मिथिलेश चौधरी को फोन किया. पर उन्होंने फोन नहीं उठाया. ईटीवी भारत की ओर से उनकों टेक्स्ट मैसेज भी किया गया जिसका जवाब नहीं मिला. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से भी उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो पाई.


कब निकलेगा समस्या का समाधान: मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि उन्हें पूर्व का भी करोड़ों का भुगतान नहीं मिला है. जिस वजह से वह मरीजों का इलाज नहीं कर सकते हैं. इलाज बंद होने का सीधा खामियाजा उन मरीजों को भुगतान होगा जो गरीब और गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं. अब देखना ये है कि कितनी जल्दी इस समस्या का समाधन निकलता है.

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Last Updated : May 6, 2024, 3:28 PM IST
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