गौरेला पेंड्रा मरवाही : गौरेला पेंड्रा मरवाही में कुछ दिनों पहले ही मुरुम खदान धंसकने से 1 मजदूर की मौत हुई थी.इस हादसे में 4 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे. हादसे के बाद प्रशासन ने बड़े-बड़े दावे किए थे.लेकिन हादसे के चंद दिनों बाद एक बार फिर मुरुम खदानों में मजदूर लगाकर अवैध खनन का काम शुरु करा दिया गया है.इन सभी बातों से अब ये साफ हो चला है कि पूरे जिले में खनिज का दोहन करने वाले माफिया के खिलाफ प्रशासन कितना मुस्तैद है.
जिले में खनन माफिया के हौंसले बुलंद : आपको बता दें कि जिले में हादसों के बाद भी मिट्टी मुरुम का अवैध उत्खनन थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. पिछले दिनों गौरेला के दर्री गाव में मुरुम खदान धंसकने से एक मजदूर की मौत से भी प्रशासन नहीं चेता है. खनन माफिया बिना किसी डर के मुरुम खदानों में अवैध खनन का काम करवा रहा है.जब कभी हादसा होता है तो छोटी कार्रवाई करके विभाग ये दिखाने की कोशिश करता है कि पूरे जिले में मुस्तैदी से नजर रखी जा रही है.लेकिन हकीकत कुछ और ही है.
खनन माफिया को खनिज विभाग नोटिस देने की बात कहते हुए कार्रवाई की बात तो कहता है.लेकिन जिस तरह का असर खनन के खिलाफ होना चाहिए वो दिखता नहीं है.नोटिस के बाद भी मुरुम खदानों में अवैध तरीके से खुदाई जारी है. इस मामले में जिला खनिज अधिकारी सबीना खान का कहना है अवैध उत्खनन कर कॉलोनाइजर अपने प्लाट में गड्ढा पटवा रहा था.सूचना मिलने पर कॉलोनाइजर से 7 दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है.
''खनिज विभाग की टीम ने जगह का निरीक्षण किया है.वहां बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. कॉलोनाइजर को भी नोटिस जारी कर उनसे 7 दिन के अंदर मिट्टी मुरुम कहां से उत्खनन कर लाया गया है जवाब मांगा गया है.जवाब संतोष जनक नहीं होने पर विधिवत कार्रवाई की जाएगी.''- सबीना खान, जिला खनिज अधिकारी
खनिज अधिकारी की माने तो नोटिस के बाद भी कॉलोनाइजर मुरुम की खुदाई करवा रहा है.जिसकी जांच टीम भेजकर करवाई गई है.कॉलोनाइजर ने जितनी मात्रा में मिट्टी मुरुम से गड्ढों को पाटा है उसका माप लेकर जुर्माना लगाया जाएगा. भले ही खनिज अधिकारी ने मामला सामने आने के बाद कार्रवाई की बात कही है.लेकिन हकीकत किसी से छिपी नहीं है. मुरुम खदान में गड्ढे और गड्ढों में भरा पानी इस बात की गवाही दे रहा है कि खनन माफिया ने किस कदर से अंधेरगर्दी मचाई हुई है.