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निर्वाचन आयोग का एक्शन! अब तक 126 करोड़ से ज्यादा रुपए की नकदी और अवैध सामग्री की गई जब्त

राजस्थान विधानसभा उपचुनाव-2024 में विधानसभा चुनाव-2023 के मुकाबले 3 गुना अधिक जब्ती हुई है. अब तक 126.24 करोड़ रुपए से अधिक की जब्ती की गई.

राजस्थान उपचुनाव 2024
राजस्थान उपचुनाव 2024 (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 12, 2024, 11:18 AM IST

जयपुर : प्रदेश की 7 सीटों पर उपचुनाव बिना किसी धन बल के शांतिपूर्ण संपन्न हो इसको, लेकर भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार राज्य निर्वाचन विभाग लगातार शक्ति से कम कर रहा है. धन बल के प्रभाव को रोकने के लिए अलग-अलग एजेंसी की ओर से की जारी कार्रवाई में उपचुनाव में रिकॉर्ड तोड़ जब्ती हुई है. राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 की तुलना में वर्तमान में विधानसभा उपचुनाव 2024 के दौरान 7 विधानसभा क्षेत्रों में नकदी, शराब आदि अवैध सामग्री जब्ती में 3 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है. विधानसभा चुनाव में जहां इन विधानसभा क्षेत्रों में 15.81 करोड़ रुपए मूल्य की अवैध वस्तुएं जब्त हुईं, उपचुनाव के दौरान इन क्षेत्रों में अब तक जब्त अवैध सामग्री की कीमत 48.62 करोड़ रुपए है. यह पूर्व की तुलना में कुल मिलाकर 207 प्रतिशत अधिक है.

आंकड़ा 126 करोड़ से अधिक : मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव प्रक्रिया को धन-बल के प्रभाव से मुक्त रखने के प्रयास किए जा रहे हैं. मतदाताओं को लुभाने के लिए वस्तुओं के मुफ्त वितरण को रोकने के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से गठित उड़न दस्ते (एफएस), स्थैतिक निगरानी टीमें (एसएसटी) एवं पुलिस आदि एजेंसियां लगातार सक्रिय हैं. इस क्रम में उपचुनाव के दौरान 7 जिलों में अब तक कुल 126.24 करोड़ रुपए की नकद राशि एवं अवैध शराब सहित अन्य सामग्री जब्त की गई है.

पढ़ें. उपचुनाव में सीएपीएफ, आरएसी, राजस्थान पुलिस और होम गार्ड के 9 हजार से अधिक जवान संभालेंगे सुरक्षा की कमान

महाजन ने बताया कि अवैध नकदी और वस्तुओं की धर पकड़ में सलूम्बर विधानसभा क्षेत्र में बीते वर्ष हुए विधानसभा आम चुनाव की तुलना में सर्वाधिक 632.91 प्रतिशत से अधिक की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. खींवसर में जब्ती की कार्रवाई में कुल 488.95 प्रतिशत और चौरासी क्षेत्र में 415 प्रतिशत की तुलनात्मक बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि सभी एजेंसियों में से सर्वाधिक 103.68 करोड़ रुपए की वस्तुओं की जब्ती राजस्थान पुलिस ने की है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप कार्रवाई करते हुए राज्य पुलिस और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों ने 7 जिलों में कुल मिलाकर लगभग 4.77 करोड़ रुपए नकदी पकड़ी है. लगभग 6.46 करोड़ रुपए मूल्य की अवैध शराब और 1 करोड़ रुपए से अधिक कीमत के नशीले पदार्थ भी जब्त किए गए हैं. लगभग 1.2 करोड़ रुपए मूल्य की सोना-चांदी आदि कीमती धातुएं पकड़ी गई हैं.

जब्ती में दौसा जिला प्रथम स्थान पर : नवीन महाजन ने बताया कि मतदाताओं को लुभाकर चुनाव को प्रभावित करने में नकद राशि और शराब की सबसे अधिक भूमिका रहने के मद्देनजर अवैध वस्तुओं की धरपकड़ में इनकी जब्ती को अधिक महत्व देते हुए जिलों की रैंकिंग की गई है. इस रैंकिंग के अनुसार, दौसा जिला प्रथम, नागौर दूसरे और अलवर तीसरे स्थान पर हैं. दौसा जिले में कुल 29.58 करोड़ रुपए मूल्य की अवैध वस्तुओं की जब्ती हुई है. नागौर में 25.20 करोड़ रुपए और टोंक जिले में 21.99 करोड़ रुपए की अवैध नकदी एवं अन्य वस्तुएं पकड़ी गई हैं. बता दें कि प्रदेश की 7 सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होंगे मतदान शांतिपूर्ण और बिना किसी प्रभाव के हो इसको लेकर राज्य निर्वाचन विभाग अलग-अलग एजेंसी के जरिए सभी चुनाव वाली सीटों पर नजर बनाए हुए हैं.

जयपुर : प्रदेश की 7 सीटों पर उपचुनाव बिना किसी धन बल के शांतिपूर्ण संपन्न हो इसको, लेकर भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार राज्य निर्वाचन विभाग लगातार शक्ति से कम कर रहा है. धन बल के प्रभाव को रोकने के लिए अलग-अलग एजेंसी की ओर से की जारी कार्रवाई में उपचुनाव में रिकॉर्ड तोड़ जब्ती हुई है. राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 की तुलना में वर्तमान में विधानसभा उपचुनाव 2024 के दौरान 7 विधानसभा क्षेत्रों में नकदी, शराब आदि अवैध सामग्री जब्ती में 3 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है. विधानसभा चुनाव में जहां इन विधानसभा क्षेत्रों में 15.81 करोड़ रुपए मूल्य की अवैध वस्तुएं जब्त हुईं, उपचुनाव के दौरान इन क्षेत्रों में अब तक जब्त अवैध सामग्री की कीमत 48.62 करोड़ रुपए है. यह पूर्व की तुलना में कुल मिलाकर 207 प्रतिशत अधिक है.

आंकड़ा 126 करोड़ से अधिक : मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव प्रक्रिया को धन-बल के प्रभाव से मुक्त रखने के प्रयास किए जा रहे हैं. मतदाताओं को लुभाने के लिए वस्तुओं के मुफ्त वितरण को रोकने के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से गठित उड़न दस्ते (एफएस), स्थैतिक निगरानी टीमें (एसएसटी) एवं पुलिस आदि एजेंसियां लगातार सक्रिय हैं. इस क्रम में उपचुनाव के दौरान 7 जिलों में अब तक कुल 126.24 करोड़ रुपए की नकद राशि एवं अवैध शराब सहित अन्य सामग्री जब्त की गई है.

पढ़ें. उपचुनाव में सीएपीएफ, आरएसी, राजस्थान पुलिस और होम गार्ड के 9 हजार से अधिक जवान संभालेंगे सुरक्षा की कमान

महाजन ने बताया कि अवैध नकदी और वस्तुओं की धर पकड़ में सलूम्बर विधानसभा क्षेत्र में बीते वर्ष हुए विधानसभा आम चुनाव की तुलना में सर्वाधिक 632.91 प्रतिशत से अधिक की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. खींवसर में जब्ती की कार्रवाई में कुल 488.95 प्रतिशत और चौरासी क्षेत्र में 415 प्रतिशत की तुलनात्मक बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि सभी एजेंसियों में से सर्वाधिक 103.68 करोड़ रुपए की वस्तुओं की जब्ती राजस्थान पुलिस ने की है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप कार्रवाई करते हुए राज्य पुलिस और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों ने 7 जिलों में कुल मिलाकर लगभग 4.77 करोड़ रुपए नकदी पकड़ी है. लगभग 6.46 करोड़ रुपए मूल्य की अवैध शराब और 1 करोड़ रुपए से अधिक कीमत के नशीले पदार्थ भी जब्त किए गए हैं. लगभग 1.2 करोड़ रुपए मूल्य की सोना-चांदी आदि कीमती धातुएं पकड़ी गई हैं.

जब्ती में दौसा जिला प्रथम स्थान पर : नवीन महाजन ने बताया कि मतदाताओं को लुभाकर चुनाव को प्रभावित करने में नकद राशि और शराब की सबसे अधिक भूमिका रहने के मद्देनजर अवैध वस्तुओं की धरपकड़ में इनकी जब्ती को अधिक महत्व देते हुए जिलों की रैंकिंग की गई है. इस रैंकिंग के अनुसार, दौसा जिला प्रथम, नागौर दूसरे और अलवर तीसरे स्थान पर हैं. दौसा जिले में कुल 29.58 करोड़ रुपए मूल्य की अवैध वस्तुओं की जब्ती हुई है. नागौर में 25.20 करोड़ रुपए और टोंक जिले में 21.99 करोड़ रुपए की अवैध नकदी एवं अन्य वस्तुएं पकड़ी गई हैं. बता दें कि प्रदेश की 7 सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होंगे मतदान शांतिपूर्ण और बिना किसी प्रभाव के हो इसको लेकर राज्य निर्वाचन विभाग अलग-अलग एजेंसी के जरिए सभी चुनाव वाली सीटों पर नजर बनाए हुए हैं.

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