हमीरपुर: हिमाचल हाईकोर्ट की आदेश पर हमीरपुर में सुजानपुर से थुरल हाईवे पर कुठेडा (उबक) क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए सालों पुराने शिव और शनि मंदिर को गिरा दिया गया. एक व्यक्ति की शिकायत के बाद प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में लोक निर्माण विभाग की और से यह कार्रवाई की गई. मंदिर के साथ ही एक व्यक्ति के मकान के छज्जे को भी तोड़ा गया है. मकान का यह छज्जा भी अतिक्रमण के दायरे में आ रहा था.
मिली जानकारी के अनुसार किसी एक व्यक्ति ने सुजानपुर से थुरल हाईवे पर अतिक्रमण के संदर्भ में शिकायत की थी. इसके बाद पाया गया कि कुठेडा के पास मंदिर और एक मकान का छज्जा अतिक्रमण के दायरे में आ रहा है. मामले की पूरी जांच करने के बाद शुक्रवार के दिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी अतिक्रमण को हटाने के लिए पहुंचे. यहां पर प्रशासनिक अधिकारियों को देखकर ग्रामीण भड़क गए और मंदिर को ना गिरने की बात कहने लगे.
मंदिर को गिराने के लिए जैसे ही लोक निर्माण विभाग प्रशासन और पुलिस के साथ पहुंचा, वैसे ही ग्रामीणों का विरोध शुरू हो गया. ग्रामीण मंदिर गिराने के विरोध में सड़क पर उतर आए. ग्रामीणों ने कहा, "यह मंदिर लगभग 60 साल पुराना है और क्षेत्र के लोगों की आस्था का प्रतीक है. पहले यहां पर सिर्फ मूर्तियां ही होती थी, लेकिन लोगों ने आपसी सहयोग से इस मंदिर का निर्माण करवाया था. यदि मंदिर को गिराया गया है तो फिर इलाके की पूरी तफ्तीश की जाएगी और जिन लोगों ने सरकारी भूमि पर कोई निर्माण किया है, उसे भी हटाया जाए. मंदिर को इस तरह से नहीं हटाया जाना चाहिए".
आस्था से जुड़े मंदिर को हटाने से पूर्व परिस्थितियों को भांपते हुए लोक निर्माण विभाग ने पुलिस विभाग की मदद ली थी. ग्रामीणों के आक्रोश को शांत करने के लिए तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे. लोगों के विरोध के बीच अतिक्रमण के दायरे में आए मंदिर को गिरा दिया गया.
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता अभिषेक शर्मा ने कहा, "हाईकोर्ट के आदेश अनुसार अतिक्रमण हटाया गया है. एक व्यक्ति ने शिकायत की थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई. यदि कहीं अन्य जगहों पर भी अतिक्रमण किया गया है तो शिकायत के आधार पर वहां भी कार्रवाई की जाएगी".
ये भी पढ़ें: हिमाचल में पहली बार रोड बनाने में FDR तकनीक का इस्तेमाल, कम लागत में गुणवत्तापूर्ण बनेगी सड़क