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आईआईटी कानपुर ने तैयार की देश की पहली हैंड हेल्ड एक्सरे डिवाइस, जानें कब बाजार में आएगी

Hand Held X-ray Device : पोर्टेबल डिवाइस से दो घंटे में 100 से अधिक मरीजों की एक्सरे रिपोर्ट निकाली जा सकती है.

आईआईटी कानपुर ने तैयार की देश की पहली हैंड हेल्ड एक्सरे डिवाइस.
आईआईटी कानपुर ने तैयार की देश की पहली हैंड हेल्ड एक्सरे डिवाइस. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 24, 2024, 4:17 PM IST

कानपुर : आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने नवाचार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए एक बार फिर से कमाल कर दिया है. आईआईटी के विशेषज्ञों ने देश की पहली ऐसी डिवाइस तैयार कर दी है जो टीबी के मरीजों के लिए पूरी तरीके से लाभदायक होगी. दरअसल दो साल पहले आईआईटी कानपुर को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की ओर से यह प्रोजेक्ट दिया गया था.

इसमें आईसीएमआर के विशेषज्ञों ने आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों से कहा था कि हमें एक्सरे के लिए ऐसी पोर्टेबल डिवाइस तैयार करके दीजिए जो ग्रामीण क्षेत्रों, सुदूर क्षेत्रों समेत अन्य ऐसे क्षेत्रों तक पहुंचने में सहज हो जहां बहुत जल्द कोई चिकित्सा विशेषज्ञ नहीं पहुंच पाते हैं.

जानकारी देते प्रोफेसर अमिताभ बन्दोपाध्याय, आईआईटी कानपुर. (Video Credit : ETV Bharat)



भारत की यह पहली डिवाइस होगी : आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर अमिताभ बंदोपाध्याय ने बताया कि हमने पहली बार आईआईटी कानपुर में एक पोर्टेबल हैंडहेल्ड एक्स-रे डिवाइस तैयार कर ली है. इस डिवाइस में रेडिएशन संबंधी सुरक्षा मानकों का भी ध्यान रखा गया है. डिवाइस की यह खासियत है कि इसका उपयोग कर हम एक मिनट में एक एक्सरे रिपोर्ट हासिल कर सकते हैं. हेल्थ प्रोफेशनल इस डिवाइस को अपने एक बैग पैक रख सकता है.

डिवाइस के साथ ही एक ड्रिल इक्विपमेंट होगा और लैपटॉप भी रहेगा. डिवाइस ऑन होगी तो डिवाइस जो भी डाटा को स्क्रीन करेगी वह पूरा डाटा एप के माध्यम से लैपटॉप पर सामने आ जाएगा. यानी एक मिनट में ही एक्सरे रिपोर्ट को प्राप्त की जा सकती है.

बानगी के तौर पर बताया कि अगर यह डिवाइस किसी एक गांव में पहुंची है तो वहां पर हम एक डॉक्टर को लगभग दो घंटे के अंदर 100 से अधिक मरीजों की एक्सरे रिपोर्ट दिखा सकते हैं. आईआईटी कानपुर की लैब में डिवाइस को आईसीएमआर के विशेषज्ञों ने ओके कर दिया है और अब बहुत जल्द यह फील्ड ट्रायल के लिए भी चली जाएगी.

प्रोफेसर अमिताभ ने कहा कि आने वाले अप्रैल 2025 में यह डिवाइस भारतीय बाजारों में उपलब्ध रहेगी. जबकि कीमत का फैसला आईसीएमआर की ओर से किया जाएगा. डिवाइस में 90% स्वदेशी उपकरणों का उपयोग किया गया है. साथ ही इसे स्मार्टफोन की तरह चार्ज किया जा सकता है. एक बार चार्ज होने पर डिवाइस दो घंटे तक चल सकती है.

यह भी पढ़ें : अब गर्मी हो या सर्दी मिलेगी शुद्ध हवा; IIT कानपुर ने तैयार किया एक AC एयर प्यूरीफायर, जानिए बाजार में कितनी है कीमत?

यह भी पढ़ें : अब HIV और कैंसर का कारगर इलाज संभव, कानपुर IIT में हुआ शोध - IIT KANPUR

कानपुर : आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने नवाचार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए एक बार फिर से कमाल कर दिया है. आईआईटी के विशेषज्ञों ने देश की पहली ऐसी डिवाइस तैयार कर दी है जो टीबी के मरीजों के लिए पूरी तरीके से लाभदायक होगी. दरअसल दो साल पहले आईआईटी कानपुर को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की ओर से यह प्रोजेक्ट दिया गया था.

इसमें आईसीएमआर के विशेषज्ञों ने आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों से कहा था कि हमें एक्सरे के लिए ऐसी पोर्टेबल डिवाइस तैयार करके दीजिए जो ग्रामीण क्षेत्रों, सुदूर क्षेत्रों समेत अन्य ऐसे क्षेत्रों तक पहुंचने में सहज हो जहां बहुत जल्द कोई चिकित्सा विशेषज्ञ नहीं पहुंच पाते हैं.

जानकारी देते प्रोफेसर अमिताभ बन्दोपाध्याय, आईआईटी कानपुर. (Video Credit : ETV Bharat)



भारत की यह पहली डिवाइस होगी : आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर अमिताभ बंदोपाध्याय ने बताया कि हमने पहली बार आईआईटी कानपुर में एक पोर्टेबल हैंडहेल्ड एक्स-रे डिवाइस तैयार कर ली है. इस डिवाइस में रेडिएशन संबंधी सुरक्षा मानकों का भी ध्यान रखा गया है. डिवाइस की यह खासियत है कि इसका उपयोग कर हम एक मिनट में एक एक्सरे रिपोर्ट हासिल कर सकते हैं. हेल्थ प्रोफेशनल इस डिवाइस को अपने एक बैग पैक रख सकता है.

डिवाइस के साथ ही एक ड्रिल इक्विपमेंट होगा और लैपटॉप भी रहेगा. डिवाइस ऑन होगी तो डिवाइस जो भी डाटा को स्क्रीन करेगी वह पूरा डाटा एप के माध्यम से लैपटॉप पर सामने आ जाएगा. यानी एक मिनट में ही एक्सरे रिपोर्ट को प्राप्त की जा सकती है.

बानगी के तौर पर बताया कि अगर यह डिवाइस किसी एक गांव में पहुंची है तो वहां पर हम एक डॉक्टर को लगभग दो घंटे के अंदर 100 से अधिक मरीजों की एक्सरे रिपोर्ट दिखा सकते हैं. आईआईटी कानपुर की लैब में डिवाइस को आईसीएमआर के विशेषज्ञों ने ओके कर दिया है और अब बहुत जल्द यह फील्ड ट्रायल के लिए भी चली जाएगी.

प्रोफेसर अमिताभ ने कहा कि आने वाले अप्रैल 2025 में यह डिवाइस भारतीय बाजारों में उपलब्ध रहेगी. जबकि कीमत का फैसला आईसीएमआर की ओर से किया जाएगा. डिवाइस में 90% स्वदेशी उपकरणों का उपयोग किया गया है. साथ ही इसे स्मार्टफोन की तरह चार्ज किया जा सकता है. एक बार चार्ज होने पर डिवाइस दो घंटे तक चल सकती है.

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