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क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में IIT दिल्ली को 8 विषयों में टॉप 100 विश्व संस्थानों में मिली जगह - IIT DELHI Top Ranking

QS World University Ranking: आईआईटी दिल्ली ने एक बार फिर अपनी धाक जमाई है. सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और पर्यावरण विज्ञान में देश में शीर्ष स्थान पर है. क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में संस्थान को शीर्ष 100 वैश्विक संस्थानों में भी आठ विषयों में अव्वल स्थान दिया गया है.

आईआईटी
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 16, 2024, 7:23 AM IST

नई दिल्ली: हाल ही में घोषित विषय आधारित क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के व्यापक विषय क्षेत्र में आईआईटी दिल्ली को 45 रैंक के साथ दुनिया के शीर्ष 50 संस्थानों में रखा है. संस्थान को शीर्ष 100 वैश्विक संस्थानों में भी आठ विषयों में अव्वल स्थान दिया गया है.

इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के व्यापक विषय क्षेत्र के तहत पांच विशिष्ट विषयों में आईआईटी दिल्ली को दुनिया के शीर्ष 100 संस्थानों में शामिल किया गया है. इनमें सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग (वैश्विक रैंक 39), मैकेनिकल इंजीनियरिंग (वैश्विक) रैंक 50), इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग (वैश्विक रैंक 55) और कंप्यूटर विज्ञान व सूचना प्रणाली (वैश्विक रैंक 63) और केमिकल इंजीनियरिंग (वैश्विक रैंक 86) शामिल हैं.

सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में आईआईटी दिल्ली देश में शीर्ष स्थान पर है और मैकेनिकल इंजीनियरिंग और केमिकल इंजीनियरिंग में दूसरा स्थान रखता है. आईआईटी दिल्ली के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर वसंत मतसागर ने कहा कि संस्थान सिविल इंजीनियरिंग में शीर्ष स्थान पर है, क्योंकि आज विभाग न केवल मानव संसाधनों के विकास में अग्रणी है बल्कि भविष्य की प्रौद्योगिकियों का भी आविष्कार कर रहा है. विभाग की गतिविधियां राष्ट्र के विकास में सार्थक योगदान देती हैं. आपदा की जरूरतों को पूरा करती हैं और भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप प्रभावी जलवायु परिवर्तन की सुविधा प्रदान करती हैं. विभाग अब विश्व स्तर पर टिकाऊ बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान के केंद्र के रूप में पहचाना जाता है.

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आईआईटी दिल्ली के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर जयदेव ने कहा कि संस्थान कई वर्षों से संकाय, छात्र प्लेसमेंट और नेतृत्व के कारण इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में लगातार शीर्ष स्थान पर रहा है. अग्रणी क्षेत्रों में अंतर-विषयक अनुसंधान, पर्याप्त अनुसंधान निधि और दुनिया भर में अपने पूर्व छात्रों की सफलता का हवाला दिया गया.

आईआईटी दिल्ली के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर प्रेम कालरा ने कहा कि सीएसई विभाग ने अनुसंधान और शिक्षण दोनों के लिए मान्यता अर्जित की है और इसमें योगदान देने वाले अपने उत्कृष्ट संकाय सदस्यों के साथ लगातार आगे बढ़ रहा है. विभाग को अपनी प्रगतिशील यात्रा में संस्थान और उसके पूर्व छात्रों से भी समर्थन मिला है. नेचुरल साइंस श्रेणी में आईआईटी दिल्ली दो विषय क्षेत्रों में शीर्ष 100 विश्व संस्थानों में शामिल हुआ है इनमें मैटेरियल साइंस (वैश्विक रैंक 89) और पर्यावरण विज्ञान (वैश्विक रैंक 100) शामिल हैं. राष्ट्रीय स्तर पर, संस्थान पर्यावरण विज्ञान में शीर्ष स्थान पर है और मैटेरियल साइंस में तीसरा स्थान रखता है. संस्थान बिजनेस और प्रबंधन अध्ययन के विशिष्ट विषय क्षेत्र में 91 की वैश्विक रैंक के साथ शीर्ष 100 विश्व संस्थानों में भी शामिल हुआ.

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नई दिल्ली: हाल ही में घोषित विषय आधारित क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के व्यापक विषय क्षेत्र में आईआईटी दिल्ली को 45 रैंक के साथ दुनिया के शीर्ष 50 संस्थानों में रखा है. संस्थान को शीर्ष 100 वैश्विक संस्थानों में भी आठ विषयों में अव्वल स्थान दिया गया है.

इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के व्यापक विषय क्षेत्र के तहत पांच विशिष्ट विषयों में आईआईटी दिल्ली को दुनिया के शीर्ष 100 संस्थानों में शामिल किया गया है. इनमें सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग (वैश्विक रैंक 39), मैकेनिकल इंजीनियरिंग (वैश्विक) रैंक 50), इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग (वैश्विक रैंक 55) और कंप्यूटर विज्ञान व सूचना प्रणाली (वैश्विक रैंक 63) और केमिकल इंजीनियरिंग (वैश्विक रैंक 86) शामिल हैं.

सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में आईआईटी दिल्ली देश में शीर्ष स्थान पर है और मैकेनिकल इंजीनियरिंग और केमिकल इंजीनियरिंग में दूसरा स्थान रखता है. आईआईटी दिल्ली के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर वसंत मतसागर ने कहा कि संस्थान सिविल इंजीनियरिंग में शीर्ष स्थान पर है, क्योंकि आज विभाग न केवल मानव संसाधनों के विकास में अग्रणी है बल्कि भविष्य की प्रौद्योगिकियों का भी आविष्कार कर रहा है. विभाग की गतिविधियां राष्ट्र के विकास में सार्थक योगदान देती हैं. आपदा की जरूरतों को पूरा करती हैं और भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप प्रभावी जलवायु परिवर्तन की सुविधा प्रदान करती हैं. विभाग अब विश्व स्तर पर टिकाऊ बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान के केंद्र के रूप में पहचाना जाता है.

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आईआईटी दिल्ली के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर जयदेव ने कहा कि संस्थान कई वर्षों से संकाय, छात्र प्लेसमेंट और नेतृत्व के कारण इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में लगातार शीर्ष स्थान पर रहा है. अग्रणी क्षेत्रों में अंतर-विषयक अनुसंधान, पर्याप्त अनुसंधान निधि और दुनिया भर में अपने पूर्व छात्रों की सफलता का हवाला दिया गया.

आईआईटी दिल्ली के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर प्रेम कालरा ने कहा कि सीएसई विभाग ने अनुसंधान और शिक्षण दोनों के लिए मान्यता अर्जित की है और इसमें योगदान देने वाले अपने उत्कृष्ट संकाय सदस्यों के साथ लगातार आगे बढ़ रहा है. विभाग को अपनी प्रगतिशील यात्रा में संस्थान और उसके पूर्व छात्रों से भी समर्थन मिला है. नेचुरल साइंस श्रेणी में आईआईटी दिल्ली दो विषय क्षेत्रों में शीर्ष 100 विश्व संस्थानों में शामिल हुआ है इनमें मैटेरियल साइंस (वैश्विक रैंक 89) और पर्यावरण विज्ञान (वैश्विक रैंक 100) शामिल हैं. राष्ट्रीय स्तर पर, संस्थान पर्यावरण विज्ञान में शीर्ष स्थान पर है और मैटेरियल साइंस में तीसरा स्थान रखता है. संस्थान बिजनेस और प्रबंधन अध्ययन के विशिष्ट विषय क्षेत्र में 91 की वैश्विक रैंक के साथ शीर्ष 100 विश्व संस्थानों में भी शामिल हुआ.

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