नई दिल्ली: आईआईटी दिल्ली में इस साल पासआउट हुए छात्र-छात्राओं में से 53.1 प्रतिशत छात्रों को जॉब ऑफर मिले हैं. वहीं, 8.4 प्रतिशत छात्र-छात्राओं ने बताया कि वो स्वरोजगार कर रहे हैं. इसके अलावा, 13.5 प्रतिशत विद्यार्थियों ने हायर एजुकेशन की ओर कदम बढ़ाया है. यह जानकारी आईआईटी दिल्ली की ओर से दी गई है.
दरअसल, आईआईटी दिल्ली प्रशासन प्लेसमेंट के आंकड़ों की सीधी-सीधी जानकारी न देकर एग्जिट सर्वे के माध्यम से जानकारी दे रहा है. इसके अनुसार आईआईटी दिल्ली को 12.1 प्रतिशत छात्र-छात्राओं ने बताया कि वो सिविल सर्विसेज एग्जाम समेत बाकी सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे हैं. आईआईटी दिल्ली का कहना है कि सिर्फ 5 प्रतिशत स्टूडेंट्स ऐसे थे, जिन्हें नौकरी के उचित ऑफर नहीं मिले.
10 अगस्त, 2024 में आईआईटी दिल्ली के वार्षिक दीक्षांत समारोह में 2,656 स्टूडेंट्स को डिग्री मिली थी. इनमें 481 पीएचडी स्टूडेंट्स और जॉइंट पीएचडी के स्टूडेंट्स शामिल थे. वहीं 113 एमबीए, 91 एमएस (रिसर्च), 25 एम. डिजाइन, 529 एमटेक, 24 एमपीपी, 129 जॉइंट डिग्री (बीटेक+एमटेक), 1001 बीटेक, 51 पीजी डिप्लोमा, 212 एमएससी स्टूडेंट्स थे. आईआईटी ने इन सभी छात्र-छात्राओं के साथ एक एग्जिट सर्वे किया.
छात्रों ने बताई आगे की योजना: इसमें से 1411 (53.1%) स्टूडेंट्स ने जवाब दिया कि उन्हें नौकरी का प्रस्ताव मिला है. वहीं 224 (8.4%) स्टूडेंट्स ने जवाब दिया कि वे खुद का काम कर रहे हैं, जबकि 45 (1.7%) स्टूडेंट्स ने बताया कि वे स्टार्टअप के लिए काम कर रहे हैं और 66 (2.5%) स्टूडेंट्स एंटरप्रेन्योरशिप में शामिल थे. इसके अलावा 359 (13.5%) स्टूडेंट्स ने जवाब दिया कि वे हायर एजुकेशन के लिए जा रहे हैं. उधर 47 (1.8%) पीएचडी स्टूडेंट्स ने बताया कि वे पोस्ट-डॉक्टोरल शोध के लिए मौका या फैकल्टी पोस्ट निकलने का इंतजार कर रहे हैं. 321 (करीब 12.1%) स्टूडेंट्स ने बताया कि वे विभिन्न परीक्षाओं जैसे सिविल सेवा, इंजीनियरिंग सेवा और विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाओं में शामिल हैं. अगस्त 2024 में सिर्फ 134 स्टूडेंट्स (करीब 5%) ने बताया कि वे अभी भी उचित करियर अवसरों की तलाश में हैं.
यह भी पढ़ें-