ETV Bharat / state

IIT-BHU के शोधकर्ताओं ने विकसित की ब्लॉकचेन सेंसर मशीन, जो फोन पर भेजेगी हार्ट अटैक की अलर्ट - IIT BHU

मशीन में ऐसे सेंसर होते हैं, जो व्यक्ति के शरीर से जुड़े होते हैं, ब्लूटूथ के माध्यम से मोबाइल फोन से जुड़े रहते हैं.

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 17, 2025, 3:42 PM IST

वाराणसी: वाराणसी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (BHU) के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के शोधकर्ताओं ने एक नई तकनीक विकसित की है, जो ब्लॉकचेन और मशीन लर्निंग का उपयोग करके व्यक्तियों के लिए समय पर आपातकालीन स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करती है. इस तकनीक में ऐसे सेंसर होते हैं, जो व्यक्ति के शरीर से जुड़े होते हैं और ब्लूटूथ के माध्यम से मोबाइल फोन से जुड़े रहते हैं.

किसी भी आपातकालीन स्थिति, जैसे उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा या अन्य गंभीर स्थितियों में, यह सेंसर मोबाइल फोन को अलर्ट भेजते हैं, जिससे स्थिति बिगड़ने से पहले ही सूचित किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त, ब्लॉकचेन तकनीक अलर्ट को व्यक्ति के परिवार के सदस्यों और नजदीकी अस्पतालों तक भी पहुंचाने में मदद करती है.

इस शोध के बारे में शोधकर्ता और सहायक प्रोफेसर डॉ. अजय प्रताप ने बताया कि यह तकनीक वायर्डलेस बॉडी एरिया नेटवर्क्स (WBANs) का उपयोग करती है, जो वास्तविक समय में स्वास्थ्य की निगरानी करती है और ब्लॉकचेन और मशीन लर्निंग के माध्यम से सुरक्षित डेटा विश्लेषण की अनुमति देती है. इसका सबसे बड़ा लाभ आपातकाल स्थिति की जानकारी मिलना है, जिससे व्यक्ति तुरंत अपना इलाज करा सकता है.

कम बिजली में भी करता है काम: उन्होंने आगे कहा कि इस सिस्टम की एक प्रमुख विशेषता यह है कि, यह सीमित विद्युत आपूर्ति वाले क्षेत्रों में भी बेहतर काम करता है. यह समाधान भारत के सतत विकास लक्ष्यों और समान स्वास्थ्य देखभाल पहुंच के उद्देश्य से मेल खाता है, जैसा कि आयुष्मान भारत जैसे कार्यक्रमों और 2047 तक विकसित भारत की दृष्टि में देखा गया है. यह शोध न केवल वर्तमान स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों का समाधान कर रहा है, बल्कि देशभर में टेलीमेडिसिन और दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है.

भारत सरकार से मिल चुका है पेटेंट: यह शोध "Energy-Efficient and Privacy-Preserving Blockchain-Based Federated Learning for Smart Healthcare Systems" शोध पत्र के तहत प्रकाशित हुआ है, जिसे डॉ. अजय प्रताप, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर, और उनके पीएच.डी. छात्रों, मोइरांगथेम बीकन सिंह और हिमांशु सिंह ने संयुक्त रूप से लिखा है.

बता दें कि इस टीम को हाल ही में इसी प्रकार की एक नवाचारी तकनीक के लिए भारतीय पेटेंट (पेटेंट नंबर 557449) भी प्राप्त हुआ है. IIT (BHU) के निदेशक, प्रोफेसर अमित पात्रा ने डॉ. अजय प्रताप और उनकी टीम को बधाई दी है.

उन्होंने कहा कि यह शोध आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (ABHA) प्रणाली को मजबूत करेगा, जो सुरक्षित ब्लॉकचेन-आधारित सत्यापन की सुविधा प्रदान करता है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं तक निर्बाध पहुंच सुनिश्चित होगी और विश्वसनीयता तथा विश्वास में वृद्धि होगी.

यह भी पढ़ें: IIT BHU गैंगरेप केस, छात्रा के दोस्त की नहीं हो सकी गवाही, अब 17 जनवरी को अगली सुनवाई

यह भी पढ़ें: IIT बीएचयू के निदेशक अमित पात्रा को आईआईटी खड़गपुर की भी जिम्मेदारी, वहीं से की है पढ़ाई

वाराणसी: वाराणसी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (BHU) के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के शोधकर्ताओं ने एक नई तकनीक विकसित की है, जो ब्लॉकचेन और मशीन लर्निंग का उपयोग करके व्यक्तियों के लिए समय पर आपातकालीन स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करती है. इस तकनीक में ऐसे सेंसर होते हैं, जो व्यक्ति के शरीर से जुड़े होते हैं और ब्लूटूथ के माध्यम से मोबाइल फोन से जुड़े रहते हैं.

किसी भी आपातकालीन स्थिति, जैसे उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा या अन्य गंभीर स्थितियों में, यह सेंसर मोबाइल फोन को अलर्ट भेजते हैं, जिससे स्थिति बिगड़ने से पहले ही सूचित किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त, ब्लॉकचेन तकनीक अलर्ट को व्यक्ति के परिवार के सदस्यों और नजदीकी अस्पतालों तक भी पहुंचाने में मदद करती है.

इस शोध के बारे में शोधकर्ता और सहायक प्रोफेसर डॉ. अजय प्रताप ने बताया कि यह तकनीक वायर्डलेस बॉडी एरिया नेटवर्क्स (WBANs) का उपयोग करती है, जो वास्तविक समय में स्वास्थ्य की निगरानी करती है और ब्लॉकचेन और मशीन लर्निंग के माध्यम से सुरक्षित डेटा विश्लेषण की अनुमति देती है. इसका सबसे बड़ा लाभ आपातकाल स्थिति की जानकारी मिलना है, जिससे व्यक्ति तुरंत अपना इलाज करा सकता है.

कम बिजली में भी करता है काम: उन्होंने आगे कहा कि इस सिस्टम की एक प्रमुख विशेषता यह है कि, यह सीमित विद्युत आपूर्ति वाले क्षेत्रों में भी बेहतर काम करता है. यह समाधान भारत के सतत विकास लक्ष्यों और समान स्वास्थ्य देखभाल पहुंच के उद्देश्य से मेल खाता है, जैसा कि आयुष्मान भारत जैसे कार्यक्रमों और 2047 तक विकसित भारत की दृष्टि में देखा गया है. यह शोध न केवल वर्तमान स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों का समाधान कर रहा है, बल्कि देशभर में टेलीमेडिसिन और दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है.

भारत सरकार से मिल चुका है पेटेंट: यह शोध "Energy-Efficient and Privacy-Preserving Blockchain-Based Federated Learning for Smart Healthcare Systems" शोध पत्र के तहत प्रकाशित हुआ है, जिसे डॉ. अजय प्रताप, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर, और उनके पीएच.डी. छात्रों, मोइरांगथेम बीकन सिंह और हिमांशु सिंह ने संयुक्त रूप से लिखा है.

बता दें कि इस टीम को हाल ही में इसी प्रकार की एक नवाचारी तकनीक के लिए भारतीय पेटेंट (पेटेंट नंबर 557449) भी प्राप्त हुआ है. IIT (BHU) के निदेशक, प्रोफेसर अमित पात्रा ने डॉ. अजय प्रताप और उनकी टीम को बधाई दी है.

उन्होंने कहा कि यह शोध आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (ABHA) प्रणाली को मजबूत करेगा, जो सुरक्षित ब्लॉकचेन-आधारित सत्यापन की सुविधा प्रदान करता है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं तक निर्बाध पहुंच सुनिश्चित होगी और विश्वसनीयता तथा विश्वास में वृद्धि होगी.

यह भी पढ़ें: IIT BHU गैंगरेप केस, छात्रा के दोस्त की नहीं हो सकी गवाही, अब 17 जनवरी को अगली सुनवाई

यह भी पढ़ें: IIT बीएचयू के निदेशक अमित पात्रा को आईआईटी खड़गपुर की भी जिम्मेदारी, वहीं से की है पढ़ाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.