वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 13 छात्रों के निलंबन का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. एक तरफ जहां छात्र नेता इस मामले को लेकर विरोध कर रहे हैं, तो वहीं अब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी छात्रों के निलंबन को शर्मनाक बताया है.
बता दें कि, आईआईटी बीएचयू में छात्रा के साथ गैंगरेप के मामले में विश्वविद्यालय में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा था. इस दौरान छात्र संगठनों के दो समूह में प्रदर्शन के दौरान झड़प हो गई थी. विश्वविद्यालय प्रशासन ने 11 महीने बाद इस मामले पर कार्रवाई करते हुए 13 छात्रों को निलंबित कर दिया. निलंबन के बाद आक्रोशित छात्रों ने कुलपति को ज्ञापन सौंप कर 7 प्रश्नों का जवाब मांगा. वहीं सपा मुखिया ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे शर्मनाक बताया है.
छात्रों का क्या है आरोप: छात्रों ने आरोप लगाया है कि BHU द्वारा गठित कमेटी ने अपने मन से रिपोर्ट तैयार की है. इस मामले में किसी भी छात्र से कोई बात नहीं की गई और जब छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय जाकर वीसी को पत्र देने की कोशिश की तो, वहां विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनके साथ तानाशाही व्यवहार किया. इस मामले पर अखिलेश यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.
अखिलेश यादव ने निलंबन को बताया शर्मनाक: अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार न्याय के लिए आवाज उठाने वालों को प्रताड़ित कर क्या संदेश देना चाहती है. आईआईटी BHU की छात्रा के साथ पिछले साल नवंबर में सामूहिक बलात्कार की घटना के खिलाफ कथित प्रदर्शन करने वाले 13 विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 15 से 30 दिन के लिए निलंबित किया जाना गलत है. उन्होंने आरोप लगाया कि, भाजपा राज में अन्याय व अत्याचार चरम पर है. यहां निर्दोष लोगों को झूठे मामले में फंसाया जाता है और दोषियों को बचाने का काम किया जाता है.
निलंबित छात्रों को परिसर में आने की नहीं अनुमति: विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को निलंबित करने के मामले में अनुशासनहीनता और शैक्षणिक वातावरण को बाधित करने का हवाला दिया है. विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार BHU द्वारा गठित स्थाई समिति के निष्कर्ष पर विद्यार्थियों को 15 से 30 दिन के लिए निलंबित किया गया है. इस दौरान इन विद्यार्थियों को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
मेस के खाने को लेकर छात्रों ने किया बवाल: इसी क्रम में गुरुवार की देर रात BHU के एलबीएस छात्रावास के छात्रों ने जमकर हंगामा किया. उनका कहना है कि, उन्हें खाने में चावल दिया जाता है जो खाने योग्य नहीं होता. छात्रों ने इसकी शिकायत वार्डन से भी की. मामला बढ़ता देख मौके पर पहुंची प्रोक्टोरियल बोर्ड की टीम ने समझा बूझाकर छात्रों को शांत कराया. छात्रों ने वार्डन को लिखित शिकायत दी है. जिसमें कहा है कि एलबीएस छात्रावास में मेस में जितने छात्र हैं उस हिसाब से भोजन नहीं मिल रहा है. खाने की गुणवत्ता बेहद खराब है. यहां का खाना खाने योग्य नहीं है.
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