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IGMC शिमला के MBBS छात्रों ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखा पत्र, अपनी समस्याओं के समाधान की रखी मांग - IGMC SHIMLA MBBS STUDENTS LETTER

आईजीएमसी शिमला के एमबीबीएस स्टूेंड्स ने अपनी परेशानियों को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लेटर लिखा है.

IGMC के एमबीबीएस छात्रों ने लिखा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र
IGMC के एमबीबीएस छात्रों ने लिखा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 5, 2024, 7:16 PM IST

शिमला: आईजीएमसी शिमला के एमबीबीएस छात्रों ने अपनी समस्याओं को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है, जिसमें छात्रों ने अपनी समस्याओं के समाधान की मांग की है. छात्रों ने मेडिकल कॉलेज में हॉस्टल में होने वाली असुविधा और छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था सहित तमाम कमियों का जिक्र किया है.

आईजीएमसी छात्र संघ अध्यक्ष अंकित ठाकुर ने कहा, "आईजीएमसी के एमबीबीएस छात्र अपनी समस्याओं को लेकर प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक सबसे मिल चुके हैं, लेकिन उनकी मांगों की सुनवाई नहीं हुई है. जिसके कारण उन्हें मजबूरी में अब हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर हस्तक्षेप करने की मांग करनी पड़ रही है. केंद्रीय छात्र संघ ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को पत्र में लिखा कि हम आपका ध्यान आईजीएमसी शिमला में एमबीबीएस छात्रों के समक्ष आ रही समस्याओं से अवगत करवाना चाहते हैं, जो हमारे शैक्षणिक वातावरण व सुरक्षा व छात्रों के सर्वांगीण विकास को प्रभावित कर रहे हैं".

IGMC Shimla MBBS students Letter
IGMC शिमला के MBBS छात्रों ने लिखा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र (IGMC MBBS STUDENTS LETTER)

एमबीबीएस छात्रों ने पत्र में लिखा कि आईजीएसमसी में व्याख्यान कक्ष (लेक्चर रूम) की व्यवस्था छात्रों की बढ़ती संख्या के लिए उपयुक्त नहीं है. ये रूम एलटी 3 और एलटी 4 के रूप में 60 बच्चों की क्षमता के अनुसार बनाए गए थे, लेकिन आज एक बैच में छात्रों की संख्या दोगुनी है. 120 छात्रों का बैच है, जिसके कारण कक्षाओं को में भीड़ हो रही है. जिससे छात्रों को पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में भारी भरकम समस्याएं आ रही है. इसके अलावा 24-24 घंटे ड्यूटी देने वाले छात्रों को पार्किंग की समस्या से जूझना पड़ रहा है. हॉस्टल में पहले जो पार्किंग की सुविधा उपलब्ध थी, लेकिन अब उस पर भी रोक लगा दी गयी है. परिसर व उसके आसपास पार्किंग सुविधाओं के कमी के कारण छात्रों व कर्मचारियों को रोजाना असुविधा हो रही है.

'प्रथम वर्ष के छात्र बाहर रहने को मजबूर'

एमबीबीएस छात्रों ने हाईकोर्ट को लिखे पत्र में बताया कि छात्रावास की सुविधा शुरू में 50 छात्रों के लिए डिजाइन की गई थी, लेकिन अब बैच का आकार 120 तक बढ़ गया है. जिसके कारण कई छात्रों, विशेष रूप से प्रथम वर्ष के छात्र को छात्रावास नहीं मिलते और उन्हें मजबूरी में रहने के लिए बाहर महंगे आवासों की व्यवस्था पड़ती है. जिससे उन पर अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ जाता है. छात्रों ने मांग की आईजीएमसी के आस पास होस्टल की सुविधा मुहैया करवाया जाए. मेडिकल कॉलेज के आसपास उपयुक्त जगह की अनुपलब्धता के कारण छात्रों के लिए उचित आउटडोर खेल सुविधाओं का अभाव है, ऐसे में कम से कम हॉस्टल में एक जिम की सुविधा होनी चाहिए.

'गर्ल्स होस्टल में उचित सुरक्षा उपाय नहीं'

छात्रों ने चीफ जस्टिस को लिखे पत्र में गर्ल्स हॉस्टल व उनके जाने वाले रास्तों में महिला छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है. छात्रों ने कोर्ट को बताया कि गर्ल्स हॉस्टल में उचित सुरक्षा उपायों का अभाव है, जिसमें पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड भी नहीं है. इसके कारण अक्सर चिंताजनक घटनाएं होती हैं. छात्रों ने बताया कि गर्ल्स हॉस्टल को जाने वाले रास्ते नशेड़ियों के अड्डे बने हुए हैं, इन रास्तों में अक्सर बदमाश बैठे होते हैं. लेकिन वहां पुलिस की कोई गश्त नहीं होती है. ऐसे में वहां पर पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए, ताकि सभी छात्राएं सुरक्षित महसूस कर सके. छात्रों ने पत्र में गुहार लगाई है कि न्यायालय इसमें हस्तक्षेप करे. ताकि आईजीएमसी में छात्रों के लिए सुरक्षित एवं अनुकूल वातावरण सुनिश्चित हो सके.

ये भी पढ़ें: सीएम सुक्खू ने 21 अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को किया सम्मानित, इन प्लेयर्स पर जमकर हुई 'धनवर्षा', देखें लिस्ट

शिमला: आईजीएमसी शिमला के एमबीबीएस छात्रों ने अपनी समस्याओं को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है, जिसमें छात्रों ने अपनी समस्याओं के समाधान की मांग की है. छात्रों ने मेडिकल कॉलेज में हॉस्टल में होने वाली असुविधा और छात्राओं की सुरक्षा व्यवस्था सहित तमाम कमियों का जिक्र किया है.

आईजीएमसी छात्र संघ अध्यक्ष अंकित ठाकुर ने कहा, "आईजीएमसी के एमबीबीएस छात्र अपनी समस्याओं को लेकर प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक सबसे मिल चुके हैं, लेकिन उनकी मांगों की सुनवाई नहीं हुई है. जिसके कारण उन्हें मजबूरी में अब हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर हस्तक्षेप करने की मांग करनी पड़ रही है. केंद्रीय छात्र संघ ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को पत्र में लिखा कि हम आपका ध्यान आईजीएमसी शिमला में एमबीबीएस छात्रों के समक्ष आ रही समस्याओं से अवगत करवाना चाहते हैं, जो हमारे शैक्षणिक वातावरण व सुरक्षा व छात्रों के सर्वांगीण विकास को प्रभावित कर रहे हैं".

IGMC Shimla MBBS students Letter
IGMC शिमला के MBBS छात्रों ने लिखा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र (IGMC MBBS STUDENTS LETTER)

एमबीबीएस छात्रों ने पत्र में लिखा कि आईजीएसमसी में व्याख्यान कक्ष (लेक्चर रूम) की व्यवस्था छात्रों की बढ़ती संख्या के लिए उपयुक्त नहीं है. ये रूम एलटी 3 और एलटी 4 के रूप में 60 बच्चों की क्षमता के अनुसार बनाए गए थे, लेकिन आज एक बैच में छात्रों की संख्या दोगुनी है. 120 छात्रों का बैच है, जिसके कारण कक्षाओं को में भीड़ हो रही है. जिससे छात्रों को पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में भारी भरकम समस्याएं आ रही है. इसके अलावा 24-24 घंटे ड्यूटी देने वाले छात्रों को पार्किंग की समस्या से जूझना पड़ रहा है. हॉस्टल में पहले जो पार्किंग की सुविधा उपलब्ध थी, लेकिन अब उस पर भी रोक लगा दी गयी है. परिसर व उसके आसपास पार्किंग सुविधाओं के कमी के कारण छात्रों व कर्मचारियों को रोजाना असुविधा हो रही है.

'प्रथम वर्ष के छात्र बाहर रहने को मजबूर'

एमबीबीएस छात्रों ने हाईकोर्ट को लिखे पत्र में बताया कि छात्रावास की सुविधा शुरू में 50 छात्रों के लिए डिजाइन की गई थी, लेकिन अब बैच का आकार 120 तक बढ़ गया है. जिसके कारण कई छात्रों, विशेष रूप से प्रथम वर्ष के छात्र को छात्रावास नहीं मिलते और उन्हें मजबूरी में रहने के लिए बाहर महंगे आवासों की व्यवस्था पड़ती है. जिससे उन पर अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ जाता है. छात्रों ने मांग की आईजीएमसी के आस पास होस्टल की सुविधा मुहैया करवाया जाए. मेडिकल कॉलेज के आसपास उपयुक्त जगह की अनुपलब्धता के कारण छात्रों के लिए उचित आउटडोर खेल सुविधाओं का अभाव है, ऐसे में कम से कम हॉस्टल में एक जिम की सुविधा होनी चाहिए.

'गर्ल्स होस्टल में उचित सुरक्षा उपाय नहीं'

छात्रों ने चीफ जस्टिस को लिखे पत्र में गर्ल्स हॉस्टल व उनके जाने वाले रास्तों में महिला छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है. छात्रों ने कोर्ट को बताया कि गर्ल्स हॉस्टल में उचित सुरक्षा उपायों का अभाव है, जिसमें पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड भी नहीं है. इसके कारण अक्सर चिंताजनक घटनाएं होती हैं. छात्रों ने बताया कि गर्ल्स हॉस्टल को जाने वाले रास्ते नशेड़ियों के अड्डे बने हुए हैं, इन रास्तों में अक्सर बदमाश बैठे होते हैं. लेकिन वहां पुलिस की कोई गश्त नहीं होती है. ऐसे में वहां पर पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए, ताकि सभी छात्राएं सुरक्षित महसूस कर सके. छात्रों ने पत्र में गुहार लगाई है कि न्यायालय इसमें हस्तक्षेप करे. ताकि आईजीएमसी में छात्रों के लिए सुरक्षित एवं अनुकूल वातावरण सुनिश्चित हो सके.

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