देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग के सीनियर आईएफएस अफसर सुशांत पटनायक एक बार फिर चर्चाओं में हैं. सुशांत पटनायक को वन मुख्यालय में NTFP (Non Timber Forest Products) का चार्ज दिया है. इस तैनाती की चर्चा इसलिए है क्योंकि सुशांत पटनायक पर महिला से छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज है. इतना ही नहीं, विशाखा कमेटी ने भी इस मामले की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है. इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस और दोनों पक्षों को सुने जाने के बाद इस जांच रिपोर्ट को तैयार किया गया है. प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने जनवरी 2024 में ईटीवी भारत से जांच रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की थी.
गड़बड़ी के आरोप, ईडी भी कर चुकी छापेमारी: उत्तराखंड वन विभाग में प्रमुख वन संरक्षक हॉफ के स्तर पर ही सुशांत पटनायक को NTFP की जिम्मेदारी दी गई है. आईएफएस अफसरों को शासन स्तर पर अनुमोदन के बाद शासन से ही जिम्मेदारियां दी जाती हैं. आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक का नाम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में गड़बड़ी को लेकर भी सामने आया था. इसके बाद एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के अफसरों ने सुशांत पटनायक के घर पर छापेमारी भी की. इस दौरान ईडी की टीम उनके घर पर नोट गिनने की दो मशीन ले जाते हुए भी दिखाई दी थी.
सुशांत पटनायक पर छेड़छाड़ का आरोप: उधर दूसरी तरफ पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव पद पर रहते हुए सुशांत पटनायक पर बोर्ड की ही एक कर्मचारी ने छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया. इसके बाद उन्हें इस महत्वपूर्ण पद से हटा दिया गया. प्रकरण में महिला ने पुलिस में शिकायत भी की थी, जिस पर संबंधित अधिकारी पर मुकदमा भी दर्ज हुआ था. ये घटना इसी साल जनवरी की है.
क्या कहते हैं जिम्मेदार: इस मामले पर ईटीवी भारत में जांच अधिकारी मसूरी सीओ अनुज आर्य से बात की, जिसमें उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी जांच चल रही है. चौंकाने वाली बात ये है कि विशाखा कमेटी इस मामले में अपनी रिपोर्ट दे चुकी है. मुकदमा दर्ज हुए भी कई महीने गुजर चुके हैं, लेकिन अब तक इस मामले में पुलिस केवल विवेचना चलने तक की बात कह रही है. दूसरी तरफ प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन ने कहा कि उन्हें जानकारी है कि संबंधित अधिकारी पर प्रकरण चल रहा है, लेकिन उन्हें नितांत आवश्यक तैनाती के तहत ज्वाइनिंग दी गई है.